भारत मे आम-निर्वाचन, मतदाता केर ध्रुवीकरण मे दुइ महत्वपूर्ण नेता
आइ तमिलनाडु केर एक मुख्य राजनीतिक दल ‘डीएमके’ केर जानल-मानल नेता स्टालिन अपन बयान मे कहलनि जे “राहुल गाँधी देशक ऐगला प्रधानमंत्री बनता। देश हिनकर हाथ मे सुरक्षित रहत”। तहिना एहि तमिलनाडुक वर्तमान सत्ताधारी दल एआईडीएमके केर नेता सेलबम जी बजलाह जे मोदी जी समस्त देशवासी लेल हितकर छथि आर हुनक दल भाजपा संग गठजोड़ मे शामिल भऽ केन्द्र लेल मजबूत नेता मोदी जी केँ नेतृत्व लेल चुनाव मे जायत। तमिलनाडु जेकाँ भारतक हरेक राज्य मे मतदाताक समक्ष सब नेता, दल आ विचार एहि दुइ गोट नेताक इर्द-गिर्द घुमि रहल अछि।
पूरे भारत मे चुनावक माहौल होयबाक कारण मीडिया, नेता, अभिनेता, कार्यकर्ता, विज्ञ-वेत्ता सब कियो राजनीतिक चर्चा मे मशगुल होयब स्वाभाविके छैक। देशक उत्तरी छोर सँ दक्षिणी छोर धरि, पूर्वी छोर सँ पश्चिमी छोर धरि, मोटामोटी भारतीय लोकतंत्र मे सिर्फ ‘२ गोट’ राजनीतिक धड़ा आगामी सत्ता-संचालन लेल मतदाता केँ अपना पक्ष मे ध्रुवीकरण करबा मे सफल देखि रहल छी। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबन्धन (एनडीए) आ संयुक्त प्रगतिशील गठबन्धन (यूपीए) – आर एहि दुइ गठबन्धनक नेतृत्वक रूप मे क्रमशः नरेन्द्र मोदी एवं राहुल गान्धी प्रधानमन्त्रीक उम्मीदवार रूप मे स्पष्ट भऽ गेला अछि। गठबन्धन मे केकर पक्ष बलगर, केकर पक्ष कमजोर होयत, ई आगामी डेढ-दुइ मास मे स्पष्ट भऽ जायत। ता धरि कइएक तरहक सर्वे आ दाबी सब सोझाँ आओत।
वर्तमान सत्तासीन पक्ष द्वारा बीतल ५ वर्षक शासनक उपलब्धि शिक्षित मतदाता केँ एक हिसाबे पूरे मूड मे देखबैत अछि जे पुनः मोदी जी केँ दोसर ५ वर्ष लेल राज्य सौंपल जाय। विश्व परिवेश मे भारत केँ प्राप्त नव ऊंचाई आ राष्ट्रक विकास दर मे उल्लेखनीय वृद्धि सेहो मोदी जी केर पक्ष मे देखाइत अछि। भारत देश मे यथार्थतः आम जनता सँ सरकारी योजनाक लाभ केँ जोड़बाक जतेक रास महत्वपूर्ण कार्य मोदी जी द्वारा लागू कयल गेल अछि, ई संकेत कय रहल अछि जे आब देश राजनीतिक गोलमाल सँ ऊपर ईमानदार आ कर्मठ सरकार केँ मात्र केन्द्र मे देखत। नरेन्द्र मोदी द्वारा स्थापित ई नव राजनीतिक परिस्थिति मे राहुल गान्धी भले पक्का-पक्की मजबूत नेता नहि सिद्ध भेल होइथ, लेकिन काँग्रेस पार्टीक राजनीतिक मान-मर्यादा मे गान्धी-नेहरू परिवार केँ नेतृत्व देबाक समर्पण सँ येन-केन-प्रकारेण वैह नेता बनता, भले हुनकर बदला काज आरे-आर द्वारा होयत, ओ प्रौम्प्ट पर चलथि चाहे आर किछु। तखन, देशक जनता मे राजनीतिक परिपक्वता बढल देखा रहल अछि।
२०१९ केर आम चुनाव मे हिन्दू राष्ट्रवाद सँ खार खेनिहार तथाकथित धर्मनिरपेक्ष समर्थक दल द्वारा स्टालिन जेकाँ सुरक्षाक भावना सिर्फ राहुल गान्धी मे देखायत। लेकिन विगत केर चरित्र सब स्मरण कयला सँ आगामी सरकार जँ महागठबन्धन केर नेतृत्व मे गठन होयत तऽ ओ देश लेल दूरगामी उपलब्धि हासिल नहि कय सकत ई आशंका बनल अछि। दोसर दिश, प्रखर हिन्दू राष्ट्रवाद लेल आतुर बहुल्य हिन्दू जनमानस एक बेर फेर नरेन्द्र मोदी मे अपन विश्वास पहिनहुँ सँ बेसी बढाकय केन्द्र मे भाजपा नेतृत्वक शासन केँ फेरो अवसर प्रदान करत, ई लगभग तय बुझल जा रहल अछि। भारत मे जाहि तरहक परिवर्तन, सुशासन, विकास आ भारतीयता केँ मजबूत करबाक गम्भीर काज पिछला ५ वर्ष मे एनडीए सरकार द्वारा कयल गेल अछि, ताहि सँ बेसी सम्भावना देश मे एक मजबूत सरकार मोदी जी केर नेतृत्व मे आओत, ई अन्दाज करैत छी।
हरिः हरः!!