इस्लाम संगठन सहयोग केर ४६म बैसार, शान्ति लेल गैर-मुस्लिम राष्ट्र संग सहकार्य

सम-सामयिक परिस्थिति पर मंथन – भारत-पाकिस्तान बीच युद्ध स्थिति तथा इस्लाम सहयोग संगठनक बैसार मे भारत केँ प्राथमिकता
 
आजुक विशेष – Organization of Islamic Cooperation’s (OIC) केर ४६वाँ अधिवेशन
 
आबुधाबी (UAE) मे इस्लाम सहयोग संगठनक ४६वाँ अधिवेशन आइ सँ आरम्भ भेल अछि। भारतक विदेश मंत्री माननीया सुषमा स्वराज विशिष्ट अतिथि (Guest of Honor) केर तौर पर पहिल बेर एहि मे सहभागी कराओल गेली अछि। एखन तुरन्त प्राप्त समाचार सँ अवगत भेलहुँ जे अपन संबोधन मे ओ खुलिकय बजलीह जे आतंकवाद केँ बढावा (समर्थन, सहयोग) देनाय बन्द करू, कोनो हाल मे आतंकवाद केँ वर्दाश्त नहि कयल जा सकैत अछि। एहि सँ पूर्व पाकिस्तानक विदेश मंत्री आजुक उपरोक्त बैठक मे कुल ५७ इस्लाम देशक विदेश मंत्रीक एक सदस्यक रूप मे भाग नहि लेबाक बात कहलनि, हुनका भारतक विदेश मंत्री केँ देल गेल सम्मान सँ चिढ आ विरोध छलन्हि। ओ ताहि कारण आयोजक राष्ट्र यूएई सँ सुषमा स्वराज केर सहभागिता पर अपन मतान्तर प्रकट कय हुनका रोकबाक वास्ते आग्रह कएने छलाह, लेकिन आयोजक राष्ट्र द्वारा पुलवामाक घटना सँ पूर्वहि भारतीय विदेश मंत्री केँ एहि आतिथ्य प्रदान करबाक लेल आमंत्रित कयल जा चुकल अछि आर आब हुनका रोकि सकब शिष्टाचारक विरुद्ध होयत, ताहि पर प्रतिक्रिया दैत शाह महमूद कुरैशी एहि बैसार मे भाग लेबय सँ मना कय देलनि, ओ नहि गेलाह। लेकिन अपन नीचाँक पदाधिकारी सब केँ अपन मुद्दाक संग पठौलनि, ओतहु काश्मीरी पर भारत द्वारा कयल जा रहल कथित अत्याचार केर बात उठेता। मैथिली मे एगो कहाबत छैक – अपन ठेकाने नहि आ सुरदास केर घटकैती। काश्मीर आ काश्मीरी संग धर्मक नाम पर पाकिस्तान केँ बड पैघ प्रेम आजादीक समय सँ छैक। पाकिस्तानक हिसाबे काश्मीर पर भारतीय प्रशासनक अधिकार सिर्फ अत्याचार थिकैक। आर एहि लेल कय गोट युद्ध तक कय चुकल अछि, गांइर पर लत्ता नहि आ चल कलकत्ता वाली कहाबत सेहो सिद्ध कय रहल अछि जे एक-एकटा पाकिस्तानी नागरिक पर डेढ-डेढ लाख टका कर्जा चढि चुकल छैक ई देश ओतबे आर्थिक रूप सँ पिछड़ल अछि… लेकिन काश्मीरी आ इस्लाम केर चिन्ता पाकिस्तान सरकार केँ माथ खेने जा रहल अछि। एतुका सेना, शासन, नेता आ कुटनीति सबटा मे इस्लाम सँ प्रेम चरम पर छैक, तेँ भारत पर कयल जा रहल आतंकवादी हमला सेहो काश्मीर केर आजादी लेल संघर्ष बनि जाइत छैक, आर ताहि लेल पाकिस्तानी एजेन्सी आइएसआइ व सेना आदिक सहयोग संग-संग ओहि संस्था सब केँ भेटयवला सहयोग (कोष – फंडिंग) आदिक ओकरा कोनो चिन्ता नहि छैक…. आर विश्व भरि मे पाकिस्तान नामक बिपरीग गर्दिस्तान-आतंकिस्तान जेहेन अपवित्र नापाक बनि गेल अछि।
 
कुरैशी साहेब केर लोक सब इस्लाम सहयोग संगठन केर एहि ४६म अधिवेशन मे १९ गोट लम्बित रिजोल्युशन रखताह, जाहि मे काश्मीर पर चर्चा विशेष होयत। तेहेन परिस्थिति मे भारतक विदेश मंत्री सुषमा स्वराज केर उपस्थिति विशिष्ट अतिथिक तौर पर हुनका कोना नीक लगतनि! आब सवाल ई उठैत छैक जे आखिर ओआइसी द्वारा भारतक विदेश मंत्री आ पोप फ्रांसिस सहित विभिन्न अन्य राष्ट्र केँ आब्जर्वर केर रूप मे सहभागी कियैक बना रहल अछि…? हमरा लोकनि सेहो मंथन करब तऽ बुझय मे आओत जे विगत गोटेक दशक मे इस्लाम धर्म केर कट्टरता एकर दाबाक ठीक बिपरीत ‘शान्ति’ केर उल्टा ‘अशान्ति’ केँ बढावा देबाक चरित्र प्रदर्शन करैत आबि रहलैक अछि आर समूचा संसार एहि बात पर विश्वास करय लागल छैक जे इस्लाम धर्म माने आतंकवाद केँ बढावा देबाक धर्म – उग्रवाद केँ बढावा देबाक धर्म। विश्व केर अनेकों स्थान पर इस्लाम धर्म केर नाम पर निर्दोष जनसाधारण केँ मारि देबाक काज आ फेर एकरा ‘जिहाद’ यानि ‘धर्मयुद्ध’ कहिकय आत्मघाती हमलावर केँ जन्नत आ जन्नत केर हुर आदि प्राप्त होयबाक जस्टिफिकेशन्स (न्यायोचित ठहरेबाक तर्क) देनाय – ई सब इस्लाम धर्म, इस्लाम देश आ इस्लाम केर अन्तिम उपलब्धि आदि पर बहुत पैघ सवाल ठाढ कय देलकैक अछि। लेकिन ओआइसी केर एहि बेरुक बैसार मे गैर-इस्लाम देशक विदेश मंत्री आ धर्मगुरु सब केँ आब्जर्वर बनबैत धार्मिक सौहार्द्र केँ प्रसार करबाक सोच दूरदर्शी आ विश्व शान्ति लेल आवश्यक डेग कहि सकैत छी।