साक्षात्कार
मैथिलीक एक विलक्षण गायक – मिथिलाक मूल धारा सँ कनेक दूर – मुम्बई मे फिल्मी पार्श्वगायन केर करियर संग अग्रसर – गायकीक दुनियाक एक प्रसिद्ध गायक उदित नारायण केर ग्रामीण अनुज – स्वयं सेहो आवाज केर सम्राट “उदय नारायण झा” संग हुनक गीत-संगीत यात्रा पर मैथिली जिन्दाबादक संपादक प्रवीण नारायण चौधरी संग एक भेंट-वार्ता थिक ई साक्षात्कार।
अपन मिथिलाक एक गोट वरिष्ठ गायक थिकाह ‘उदय नारायण झा’। ‘उदय नारायण झा’ केर नाम बड बेसी नहि सुनल जा सकल अछि वृहत पटल पर, लेकिन ईहो नाम ओतबे महत्वपूर्ण आ कर्मठ योगदान दैत स्वर-संगीत केर दुनिया मे एकटा विलक्षण परिचिति रखैत छथि। हालहि हिनका संग अहमदाबाद (गुजरात) केर अभूतपूर्व आयोजन ‘अन्तर्राष्ट्रीय मिथिला महोत्सव’ मे भेंट भेल छल। हिनका संग किछु जिज्ञासा आ बातचीत बहुत अधिक प्रभावित करयवला अछि, एकदम शालीन आ सहज व्यक्तित्वक स्वामी उदय नारायण जी केर ई साक्षात्कार मैथिली जिन्दाबाद पर राखि रहल छी। अहमदाबाद मे अहाँ संग परिचय बहुत आह्लादकारी लागल उदय नारायण जी। अहाँक एक साक्षात्कार मैथिली जिन्दाबाद पर प्रकाशित करय चाहि रहल छी।
हमः अहाँक गायन यात्रा कहिया सँ आ एखन कतय धरि पहुँचि सकल अछि?
उदय नारायणः हम १९९२ मे भारदह (सप्तरी, नेपाल) मे एकटा क्लब खोलने रही। ८-१० गोटा रही। राघवेन्द्रजी सेहो रहथि, काफी साथी सब रहथि। २-३ साल चलल क्लब मे। पहिल बेर राजविराज केर एक विद्यापति समारोह मे हमर गायन लेल पहिल बेर अवार्ड भेटल। स्थानीय वीरपुर सब मे कार्यक्रम सब करैत रही। तदोपरान्त हम काठमांडू गेल छलहुँ। ओतय पहिल बेर धीरेन्द्र प्रेमर्षि जीक म्युजिक मे मैथिली फिल्म फुलबारी कार्यक्रम मे गेबाक मौका भेटल। ‘जँ पात छैक बाकी मजैरिये जेतय, छाउर महक चिनगी पजैरिये जेतय’ – ई हमर पहिल रेकर्डिंग गीत छल। धीरेन्द्र प्रेमर्षिक गीत आ संगीत छलन्हि। तेकर बाद हम विजय सिंह मोनाल केर एकटा आधुनिक नेपाली गीत सेहो गेलहुँ।
पुनः हमरा भारतीय राजदूतावास सँ छात्रवृत्ति भेटि गेल संगीत सीखय लेल। हम १९९५ मे मुम्बई आबि गेलहुँ। गन्धर्व महाविद्यालय मे संगीत सीखलहुँ। ७ साल संगीत सीखलहुँ, संगीत विसारद केलहुँ। हल्का-हल्का अवसर सेहो भेटब आरम्भ भऽ गेल। ऋतुराज कहिकय संगीत निर्देशक छथि, वैह हमरा ८-९ गीत गबौलनि। ‘प्यार भरा दिल तेरे लिये’ – कनी टा गीत रहैक। पुनः यात्रा आगू बढल। फेर १०-१२ टा गीत रेकर्ड केलखिन।
२००५-०६ मे गंगा फिल्म बनल रहैक अमिताभ बच्चन जी केर, ताहि मे हमरा गाबय के अवसर भेटल आ एतय सँ हमरा भोजपुरी मे मौका भेटय लागल। मात्र २ टा गीत मे एक-एक अन्तरा गाबय सँ शुरू केने रही, एखन धरि १२-१४ सौ भोजपुरी गीत रेकर्डिंग भऽ चुकल अछि। कय गोट हिन्दी फिल्म सब मे सेहो सुनिधि चौहान, अल्का याज्ञनिक, कुमार सानू, सुरेश वाडकर, उदित नारायण, दीपा जी, सब केँ संगे गेने छी। लेकिन ई सब छोट-छोट भूमिका छलैक, पता नहि कतय एलैक, कतय गेलैक।
बंगाली, उड़िया, नेपाली, मैथिली – बहुतो भाषा मे गेलहुँ। मैथिली मे ‘लागल प्रीत अहाँ सँ’ फिल्म मे गेलहुँ। किछु मे संगीत देबाक सेहो काज केलहुँ। नेपाल केर डायरेक्टर शम्भुजीत बासकोटा सेहो अपन फिल्म बादल पारी मे हमरा आ दीपा जी सँ एकटा डुएट गीत गबौने छथि। ४ टा गीत आरो रिलीज होयवला अछि नेपाली मे।
मैथिली फिल्म ‘हम लक्ष्मी अहाँ आंगन के’ मे सेहो साधना सरगम आ उदित नारायण संग हमरो ३-४ गोट गीत गायल अछि, ई फिल्म होली केर समय मे रिलीज होयत। मास्टरसाहेब मैथिली धारावाहिक मे सेहो हमर गीत आ संगीत दुनू अछि। एकर अलावे छत्तीसगढी, हरियाणवी, गुजराती, राजस्थानी, आदि अनेकों भाषा मे गेलहुँ अछि। १५-१६ भाषा मे गेने छी।
एहि बीच मे अपने सँ संघर्ष करैत जे हमरा भेटल वैह हासिल कय सकलहुँ। अपने पोखरि खुनिकय जतेक पानि पीबि सकलहुँ ओतबे उपलब्धि भेटल अछि। केम्हरहुँ सँ कोनो तरहक उल्लेख्य सहयोग नहि भेटल। सफर चलि रहल अछि। जे मुकाम चाही ओ त हासिल नहि भऽ सकल अछि, लेकिन हमर आवाज मे फिल्म इन्डस्ट्रीज मे दु सँ ढाइ हजार गीत भऽ चुकल छैक।
अपन युट्यूब चैनल खोललहुँ अछि, ओतय बेसी रास एखन धरि भजन देलियैक अछि। गणपति केर भजन, कृष्ण केर भजन सब छैक। ४-५ गोट भजन काफी नीक लागत। आब रोमान्टिक गाना सब सेहो देबैक। बाकी छोट-छोट हिन्दी फिल्म सब सेहो निकलल छैक, तखन नामचीन नहि भेटि सकल एखन धरि। घर भारदह भेल, ओतहि सँ सफर करैत मुम्बई धरि पहुँचल छी।
हमः मैथिली मंच पर पहिल बेर अहाँक दर्शन भेल। मैथिली सँ दूरीक कारण मुम्बई मे रहबाक बात आ कि आरो किछु?
उदय नारायणः अपने सँ पहिल बेर हमरा मैथिली मंच पर भेंट भेल। हम मुम्बई मे रहय छी, ओतय तँ मैथिली समाज जानि रहल छथि लेकिन बाहर मे बेसी लोक केँ सही मे जानकारी नहि छन्हि। अपने सब सँ जेना पहिल बेर सम्पर्क भेल तहिना अहमदाबाद मे सेहो पहिले बेर सम्पर्क भेल। वैह विद्यापतिक गीत सुनने छलथि प्रभात जी, ओ कहलनि जे आउ अहमदाबाद आर एहि तरहें बस आरम्भे भेल बुझू। मैथिली सँ दूर रहबाक कारण सम्पर्कक अभाव मात्र रहल अछि। अन्य कोनो कारण नहि! मुम्बई दूर प्रदेश मे बेसी समय बितेबाक कारण सम्पर्कक अभाव सँ ओतेक बेसी मैथिली मे नहि भीजि सकल छी। आगाँ जरूर प्रयास रहत जे एहि दिशा मे बेसी स बेसी काज करी। अपन मातृभाषा मे काज करबाक रुचि बहुत रखैत छी हमहुँ, शुरुआतो मैथिलिये सँ कएने छी।
हमः फिल्म केर पार्श्वगायन मे मुम्बई मे अवसर भेटय मे कतेक कि संघर्ष करय पड़ल? कि प्रसिद्ध गायक उदित नारायण जी केर अपन ग्रामीण होयबाक लाभ भेटल?
उदय नारायणः फिल्म इन्डस्ट्रीज मे संघर्ष त करहे पड़ल। हमहुँ १०-१२-१५ साल सँ संघर्षे कय रहलहुँ अछि। जोड़ि लियौक १९९५ सँ कतेक साल भऽ गेलैक…! शुरू मे बहुत संघर्ष करय पड़ल। क्रमशः आवाज नीक लागलनि लोक सब केँ, तखन अवसर भेटब शुरू भेल, भेटि रहल अछि। ताहि कारण जे किछु सफलता भेटि सकल से भेटल अछि।
उदित नारायण जी सँ सेहो कोनो सहयोग नहि भेटल हमरा करियर निर्माण मे। सिर्फ हुनकर ग्रामीण भाइ हेबाक एकटा सहानुभूति लोक सब सँ भेटल, ई स्वीकार करहे पड़त। लेकिन करियर निर्माण मे उदित जी केर नामक हमरा लाभ कम नोकसान बेसी भेटल। उदित जी केर ग्रामीण भाइ हेबाक कारण रिस्पेक्ट जरूर भेटल, लेकिन हुनका सँ हमरा लाभ कोनो नहि भेटल यथार्थतः।
हमः अहमदाबाद मे एकटा गीत गुनगुनाकय सुनेने रही अपन आबयवला फिल्म हम लक्ष्मी अहाँक आंगन के ताहि मे सँ – मैथिली फिल्म आर गायनक पूर्व मे आर कि-कि योगदान देने छी? आगाँ आरो कोन-कोन फिल्म या एल्बम आदि आओत?
उदय नारायणः होलीक समय मे आबि रहल य एकटा गीत, विधनाक विधि वला गीत सुनेनहियो रही। ओहि मे म्युजिक सेहो हमरे छैक। उदित नारायण, साधना सरगम, इन्दू सोनाली, मोहन राठौड़, बहुत नीक-नीक सिंगर गेने छथि एहि फिल्म मे। ४-५ गो हमहीं गेने छी। प्रोड्युसर केँ हमर आवाज नीक लगलनि, ओ कहलनि जे अहीं बेसी गबियौक। सुनेने जे रही से डुएट हम साधना सरगम जी संग गेने छी। मैथिली मे एगो एल्बम आयल छल ‘बाप रौ बाप’ – टी-सीरिज सँ कैसेट वला युग मे ओ आयल छल। मैथिली फिल्म ३-४ टा केलहुँ आ आरो गीत सब रेकर्डिंग कय रहल छी एखन। काज निरन्तर करैत रहब हमर जीवनक धर्म थिक।
हमः अभिनय सेहो करैत छी कि? कोनो रिलीज्ड फिल्म वगैरह?
उदय नारायणः अभिनय के मौका भेटल त… लेकिन नहि केलहुँ। गायन मात्र नीक लगैत अछि। आन कोनो काज मे ओतेक मोन नहि लगैत अछि। संयोग सँ मास्टरसाहेब मे जबरदस्ती एकटा इन्सपेक्टर के रोल थम्हा देने छलाह, बस ओकर अलावे हम कतहु कोनो अभिनय मे रुचि नहि लेलहुँ। औफर त रवि किशन जी संग काज करबाक सेहो भेटल छल। लेकिन हम केवल संगीत लेल जियैत छी, संगीते लेल मरैत छी।
अन्त मे एकटा बात आरो कहय चाहब – अपन गामक टीम केँ हम धन्यवाद देबय चाहैत छी। जतेक गाम के लोक, क्लब के मेम्बर छलथि, हुनके सभक सहयोग सँ हम एतय छी। जोगिनियाँ के एक गोट देवनारायण छलाह तबला बजेनिहार, दुर्भाग्य सँ ओ स्वर्गीय भऽ गेलाह। बहुत तकलीफ भेल ई सुनिकय। राघवेन्द्रजी ओकर अध्यक्ष छलाह। ओ बहुत बढियाँ गबितो छथि, लिखितो छथि। बाकी जतेक मेम्बर बिभूति झा, राकेश झा, वीरेन्द्र झा, २-३ टा लड़की लोकनि सेहो छलीह। ओहो सब बड बढियां गबैत रहथि। आब त सब अपन-अपन जीवन केर यात्रा मे कतय-कतय पहुँचि गेलाह। वीरेन्द्र त अहीं के विराटनगर मे रहैत छथि। सभक सहयोग लेल हम सभक आभारी छी जे ओ सब एतय धरि आबय मे सहयोग देलनि। कर्मक्षेत्र-रणक्षेत्र मे अपन कर्म कय रहल छी। मुकाम त नहि भेटि सकल अछि एखन धरि लेकिन कार्य मे तत्पर रहैत छी, बाकी जतय धरि सफल होइ।
हँ, तखन लिंक सँ हम कटल छी। मिथिला मे बहुत प्रोग्राम होइत छैक। ताहि मे दरभंगा सब साइड केर सिंगर सब केँ मात्र अवसर देल जाइत छैक। हम सब कन्टैक्ट मे सेहो नहि छियैक सेहो कारण छैक। तही लेल अपने सभक सहयोगक सेहो जरूरत छैक। अहाँ सभक आशीर्वाद भेटय, ई हमरा लेल बहुत आवश्यक अछि। अहाँ लोकनि हमरो लेल सोचि रहल छी, हमरो लेल चिन्ता कय रहल छी, ताहि लेल सभक धन्यवाद।
हमर नोटः
गायक उदय नारायण केर आवाज सचमुच ईश्वरक असीम कृपा जेकाँ बुझायल। जखन ई अहमदाबाद केर मंच पर गेने रहथि – उगना उगना रटिते रटिते – आह, पूरा सभागार विद्यापतिक ओहि भाव मे अपना केँ बिसैर गेल छलाह। मिथिलावासी सँ अनुरोध जे एहि तरहक क्लास सिंगर केँ सेहो बेर-बेर अपन मैथिलीक मंच पर अवसर देथि आर हिनकर मोनक भीतर रहल एक भावुक पीड़ा जे ‘मिथिला सँ कटल छी, मौका सिर्फ दरभंगा दिशक कलाकार केँ भेटैत छैक’ – एकरा गलत सिद्ध करब जरूरी अछि। नव-पुरान सब कलाकार केँ अवसर देल जेबाक आवश्यकता अछि। जे कटल छथि, हुनकहु सुनबाक अवसर जुटाबी से विनम्र अनुरोध अछि। गायक संग सम्पर्क करबाक लेल हिनकर व्हाट्सअप नंबर शेयर कय रहल छी – +919821468997. सुनहरा भविष्यक शुभकामनाक संग – अपनेक प्रवीण।
हरिः हरः!!
हिनकर किछु रास गीतक लिंकः
हिनक एक पुरान इन्टरव्युः
धारावाहिक मास्टरसाहब मे हिनक अभिनय
हिनकर गायल मैथिली गीतः
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