सभक लेल चुनाव लागल, मिथिलावाद लेल कि?

चुनावी माहौल मे मिथिलावादक चुप्पी केना टूटत?
समस्त मीडिया मे एखन राजनीतिक पक्ष आ विपक्ष केर बात छोड़ि आन कोनो बातक चर्चा नगण्य स्थान छेकैत देखाइछ। काल्हि मध्यप्रदेशक सागर नामक स्थान पर एकटा मेडिकल कालेज अस्पताल मे कोनो लेडी डाक्टरनीक ओ शब्द पढने रही जाहि मे कहल गेल छल जे ‘बच्चे को बचाना है तो १ करोड़ का वेन्टीलेटर लेकर आओ’, आर फेर ओहि बच्चाक दुखद मृत्यु होयबाक तथा पुनः आवेश मे ओकर अभिभावक द्वारा अस्पताल प्रशासनक विरुद्ध आन्दोलन, तोड़-फोड़ करबाक समाचार पढने रही। लेकिन मध्यप्रदेश केर एहि अत्यन्त गैर-राजनीतिक मुद्दा मे सेहो राजनीति मात्र देखायल छल, कारण ओहि अस्पताल केर डाक्टर ओहि गरम पानि मे झरकल बच्चा केँ एहि लेल उचित इलाज नहि केलक जे ओकरा सब केँ प्राइवेट अस्पताल मे जाय ओतहि बच्चा केँ देखेबाक लेल बाध्य करबाक एकटा रणनीति काज कय रहल छलैक। सरकारी अस्पताल मे उचित व्यवस्थाक कमी आ मध्यप्रदेश मे हालहि बदलल सरकार केर कारण बदलल हालात मे एहि तरहक घटना पुनः राजनीतिक टिप्पणी करय लेल बाध्य कएने छल। लेकिन मिथिला आ मिथिला राज्य केर मुद्दा सेहो चुनावी मुद्दा थिक तेकर नामोनिशान नहि देखा रहल अछि। त ई कि संकेत करैत अछि? कि मिथिलाक मुद्दा वास्तव मे कोनो मुद्दा छीहे नहि? एहि पर मनन करबाक उचित बेर थिक एखन।
मिथिलावाद केर विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आवश्यक
हरेक मिथिलावादक समर्थकक सोझाँ एक निरपेक्ष चिन्तक आ मिथिला पहिचान समर्थक केर रूप मे ई प्रस्ताव प्रस्तुत करब कर्तव्य बुझि रहल छी। युवा प्रयास केर लगभग ६ वर्ष पूरा भेल। एकटा आम चुनाव आ बहुमतीय सरकार केर अवधि सेहो पूरा होवय लागल। परञ्च विभिन्न कमजोरी सँ नुकसान अथवा सशक्तिकरण सँ उपलब्धि कि भेल ताहि पर कतहु कोनो समीक्षा तक नहि भऽ रहल अछि। आगामी समय आम-निर्वाचन अछि देश मे, तऽ कियैक नहि एहि दिशा मे निम्न बुँदा पर केन्द्रित संगोष्ठी २०१४ जेकाँ अहु वर्ष सोचल जाइत अछिः
१. “मिथिला राज्य निर्माणक औचित्य, आवश्यकता, समय-सीमा” विषय पर समीक्षा
२. आयोजन ‘मिथिला राज्य निर्माण सेना’ केर बैनर अथवा कोनो निरपेक्ष मिथिला लेल चिन्तन करयवला संस्था द्वारा करब
३. विभिन्न संस्था ओ अभियानक लोक केँ एहि मे आमन्त्रित करैत सामूहिक समीक्षात्मक विमर्श करब
४. प्रत्येक राष्ट्रीय राजनीतिक दल केर प्रवक्ता-प्रतिनिधि संग एक अलग सत्र राखैत “मिथिला राज्य केर मांग देशक स्वतंत्रताकाल सँ लम्बित रहबाक आ बिहार राज्य मे एकर आर्थिक, सांस्कृतिक विकास समुचित नहि होयबाक विषय रखैत सब राजनीतिक दल केर चुनावी घोषणा पत्र मे एहि दिशा मे विशेष रूप सँ विकास पैकेज, पर्यटन, उद्योग, कृषि, सिंचाई, शिक्षा आदिक क्षेत्र मे केन्द्र आ राज्यक विशेष योजना आ बजट प्रावधान” आदिक विन्दु पर मांग सहितक बात करैत कार्यक्रम मे सहभागिता लेल आमन्त्रित करब
५. प्रत्येक राजनीतिक दल सँ हुनका लोकनिक चुनावी घोषणापत्र मे मिथिला राज्य वा मिथिलाक विकास ओ सांस्कृतिक पहिचान केर संरक्षणार्थ उचित योजनाक घोषणा लेल आह्वान करब
एकर अतिरिक्त आर कोनो विषय भऽ सकैत छैक, लेकिन एहि ऐन समय पर चुप्पी तोड़ि संगठित भऽ आवाज उठेनाय अपरिहार्य बुझाइत अछि।
हरिः हरः!!