पूर्व मे ‘साहित्य अकादमी: संछिप्त परिचय’ आलेखक लोकप्रियता देखैत – मैथिलीक महान हास्य सम्राट आ विद्वान् कवि डा. जयप्रकाश चौधरी ‘जनक’ केर उदाहरण संग चलल फेसबुकिया चर्चा सँ साहित्य अकादमीक कार्यप्रणाली पर उठल प्रश्नक समाधान हेतु अकादमीक अधिकारी श्री देवेन्द्र कुमार देवेश द्वारा देल लिंक आ ताहि पर उपलब्ध जानकारी फेर ‘मैथिली जिन्दाबाद’ पर राखल जा रहल अछि।
अकादमी पुरस्कार
सन् 1954 मे अपन स्थापनाक समये सँ साहित्य अकादमी प्रतिवर्ष अपना द्वारा मान्यता प्रदत्त भारतक प्रमुख भाषा मे सँ प्रत्येक मे प्रकाशित सर्वोत्कृष्ट साहित्यिक कृति केँ पुरस्कार प्रदान करैत अछि। पुरस्कार केर स्थापनाक समय पुरस्कार राशि 5,000/- रुपए छल, जे सन् 1983 में बढ़ाकय 10,000/- रुपए कय देल गेल, फेर सन् 1988 मे बढ़ाकय एकरा 25,000/- रुपए कय देल गेल। सन् 2001 सँ ई राशि 40,000/- रुपए कैल गेल छल। सन् 2003 सँ ई राशि 50,000/- रुपए कैल गेल तथा सन् 2010 सँ ई राशि 1,00,000/- रुपए कय देल गेल अछि। पहिल बेर ई पुरस्कार सन् 1955 मे देल गेल।
पुरस्कार हेतु पुस्तकक चयन करबाक प्रक्रिया एहि तरहक अछि
पुरस्कार केेर लेल विचारणीयताक मानदंड
- पुरस्कार केर विचारार्थ होयबाक लेल पुस्तकक संबद्ध भाषा तथा साहित्य मे विशिष्ट योगदान हेबाक चाही। पुस्तक सर्जनात्मक आ समालोचनात्मक हो, किन्तु निम्नलिखित मे सँ कोनो भी श्रेणी केर नहि हेबाक चाही:
- अनूदित कृति, अथवा
- संचयन, अथवा
- संक्षिप्त या संकलन या टीका, अथवा
- विश्वविद्यालय या परीक्षा केर उपाधिक लेल तैयार कैल गेल प्रबंध या शोधकार्य, अथवा
- एहेन लेखक केर कृति, जेकरा अकादमी सँ (अनुवाद पुरस्कारक अतिरिक्त) पहिले सेहो पुरस्कार भेट चुकल हो, अथवा
- एहेन लेखक केर कृति जे अकादमीक कार्यकारी मंडल केर सदस्य हो।
- पूर्व प्रकाशित पुस्तक आदिक रचना सबसँ तैयार नव संग्रह अथवा पूर्व प्रकाशित पुस्तक आदिक संशोधित संस्करण पुरस्कार हेतु विचारणीय नहि होयत। तथापि पुस्तक मे शामिल रचनाक 75 प्रतिशत भाग यदि पहिले बार प्रकाशित भेल अछि तऽ ओहेन स्थिति मे ओ पुस्तक पुरस्कार हेतु विचारणीय भऽ सकैत अछि।
- कोनो अपूर्ण कृति पुरस्कार हेतु विचारणीय भऽ सकैत अछि यदि पुस्तक मे सम्मिलित भाग अपना आप मे पूर्ण हो।
- लेखक केर मृत्युक बाद प्रकाशित कृति केवल तखनहि पुरस्कारक वास्ते विचारणीय होयत, यदि लेखक केर मृत्यु पुरस्कार हेतु निर्धारित तीन वर्षक भीतर या तेकर बाद भेल हो।
उदाहरण : यदि लेखकक मृत्यु वर्ष 2000 सँ पूर्व भेल हो, ताहि स्थिति मे ओकर कृति वर्ष 2004 केर पुरस्कार हेतु विचारणीय नहि कैल जा सकत। - एहेन पुस्तक पुरस्कार लेल अयोग्य होयत, जेकर संबंध मे कार्यकारी मंडल केँ विश्वास भऽ जाय जे ओकरा पुरस्कार दियेबाक लेल समर्थन जुटायल गेल अछि।
अकादेमी पुरस्कार हेतु संस्तुतियाँ प्राप्त करने की प्रक्रिया
पुरस्कार प्राप्त करबाक प्रक्रिया
- वर्ष केर प्रारंभ होइत प्रत्येक भाषा केर सब मान्यता प्राप्त साहित्यिक संस्था आदि सँ ई अनुरोध कैल जाइछ कि ओ सब ओहि वर्षक पुरस्कार हेतु अपन संस्तुति सब निर्धारित प्रपत्र मे पठबथि, जे तीनटा सँ फाजिल नहि हो।
- प्रत्येक भाषा परामर्श मंडल एक व्यक्ति केँ नियम 2(i) मे विनिर्दिष्ट अवधि मे प्रकाशित अनूदित कृति आदिक शीर्षक केर आधार-सूची तैयार करबाक लेल नामित करत। ओकरा मानदेयक रूप मे ओतबे राशि प्रदान कैल जायत, जे अकादमी द्वारा समय-समय पर निर्धारित कैल जाइत अछि। यदि कोनो कारण सँ नामांकन मे विलंब भेल अछि, तखन ओहि स्थिति मे अध्यक्ष दोसर व्यक्ति केँ नियुक्त करत और यदि ओ व्यक्ति उपयुक्त नहि होयत, तखन कोनो आन व्यक्ति ओकर स्थान ग्रहण करैत आधार-सूची तैयार करत।
- खंड 3(i) मे संदर्भित पत्र समस्त भाषा परामर्श मंडल केर सदस्य सबकेँ पठाओल जेबाक चाही, जाहि मे अनुरोध कैल जाय जे ओ लोकनि निर्धारित प्रपत्र केर अनुसार अपन संस्तुति आदि पठबैथ। हुनका सब सँ इहो अनुरोध कैल जेबाक चाही कि ओ तीन सँ अधिक पुस्तक केर अनुशंसा नहि करथि। क्षेत्रीय सचिव परामर्श मंडल केर प्रत्येक सदस्य केँ धारा 3(ii) मे संदर्भित आधार-सूचीक प्रति पिछला वर्षक आधार-सूची सहित उपलब्ध कराओत।
- धारा 3(i) एवं 3(iii) केर तहत प्राप्त संस्तुति संकलित करैत नियम 4(i) केर अनुसार चयन समितिक समक्ष धारा 3(ii) केर निष्पादन हेतु आधार-सूचीक संग प्रस्तुत कैल जायत।
चयन समिति केर गठन और ओकर कार्य
- प्रत्येक वर्ष तथा प्रत्येक भाषाक लेल एक त्रि-सदस्यीय चयन समिति बनायल जायत। सदस्य केर चयन भाषा परामर्श मंडल द्वारा संस्तुत सात नाम केर पैनल मे सँ अकादमीक अध्यक्ष करता।
- भाषा परामर्श मंडल केर सदस्य लोकनि एवं मान्यता प्राप्त साहित्यिक संस्था द्वारा संस्तुत प्रत्येक पुस्तक केर पाँच प्रति ख़रीदल जायत।
- खरीदल गेल पुस्तक केर एक-एक प्रति चयन समिति केर प्रत्येक सदस्य एवं संयोजक केँ पठायल जायत।
- चयन समिति केर बैठक केर आयोजन या तऽ राज्य केर मुख्यालय मे या फेर क्षेत्रीय कार्यालय मे होयबाक चाही। भाषा परामर्श मंडल केर संयोजक बैठक केर सेहो संयोजक हेता। वैह सुनिश्चित करता/करती कि भाषा परामर्श मंडल केर बैठक मे विचार-विमर्श एहि नियम केर अनुरूप होयत तथा वैह मंडल केर रिपोर्ट पर प्रतिहस्ताक्षर सेहो करता/करती।
- चयन समिति केर सदस्य विमर्शक अनुसार प्रस्तुत पुस्तक केर संदर्भ मे अपन वरीयता सूची हुनका समक्ष प्रस्तुत कय सकैत छथि। ओ सब इहो अनुशंसा कय सकैत छथि कि हुनका लोकनिक विचार मे, ओहि अवधिक दौरान कोनो भी पुस्तक पुरस्कार केर पात्र नहि अछि। कोनो सदस्य यदि किछु कारणवश बैठक मे उपस्थित नहि भऽ पबैथ तऽ ओ अपन विचार लिखित रूप मे पठा सकैत छथि, लेकिन चयन समिति केर बैठक एहि लेल अमान्य नहि मानल जायत कि कोनो सदस्य उपस्थित नहि भेला या ओ अपन अनुशंसा लिखित रूप मे नहि पठेलनि।
- तत्पश्चात चयन समितिक सदस्य लोकनि सँ प्राप्त संस्तुति आदि कार्यकारी मंडल केर समक्ष निर्णय हेतु प्रस्तुत कैल जायत।
- चयन समितिक सदस्य लोकनि तथा संयोजक केर वास्तविक यात्रा भत्ताक अतिरिक्त मानदेय सेहो प्रदान कैल जायत, जेकर बारे मे साहित्य अकादमी निर्णय करत।
पुरस्कार केर घोषणा और ओकर पुष्टि
- कार्यकारी मंडल केर अनुमोदन भेलाक बाद पुरस्कार केर घोषणा कैल जायत। पुरस्कारक घोषणाक साथ चयन समितिक सदस्य केर नाम सेहो घोषित कय देल जायत।
- पुरस्कार प्रदान करबाक तिथि और स्थान कार्यकारी मंडल निश्चित करत।
विविध
- यदि पुरस्कार प्रदान कैल जाय सँ पूर्व कोनो पुरस्कार विजेता केर मृत्यु भऽ जाइत अछि तऽ ओहेन स्थिति मे ओ पुरस्कार ओकर पति, पत्नी अथवा कोनो क़ानूनी वारिस केँ देल जायत।
- यदि एहि नियम मे सँ कोनो भी उपबंध केँ लागू करबा मे कोनो समस्या अबैत अछि तऽ ओहि स्थिति मे अकादमी केर सचिव ओहि समस्या केर निवारण नियमानुसार करत।
साहित्य अकादमी पुरस्कार केर वास्ते पुस्तकक चयन करबाक प्रक्रिया एहि प्रकारक अछि :
- नियम 1(2) केर अंतर्गत पुरस्कार वर्षक तत्काल पूर्ववर्ती वर्षक पहिल तीन वर्ष मे साहित्य अकादमी (एकर पश्चात् जेकरा ‘अकादेमी’ कहल जायत) द्वारा मान्यता प्रदत्त भाषा मे सँ कोनो भी भाषा मे भारतीय लेखक केर प्रकाशित सर्वोत्कृष्ट साहित्यिक कृतिक लेल प्रत्येक वर्ष एक पुरस्कार होयत।
उदाहरण :
- 2004 केर पुरस्कारक लेल, 2000 से 2002क मध्य प्रकाशित पुस्तक मात्र विचारणीय होयत।
2. नियम 5 (1) केर अंतर्गत गठित जूरीक राय मे यदि कोनो भाषा मे पुरस्कार वर्षक पूर्ववर्ती तीन वर्ष मे प्रकाशित कोनो पुस्तक पुरस्कारक योग्य नहि भेटैत अछि तऽ ओहि वर्ष ओहि भाषाक लेल पुरस्कार नहि देल जायत।
3. पुरस्कार केर रूप मे लेखक केँ ओतबे राशि प्रदान कैल जायत, जतेक अकादमी समय-समय पर निधर्रित करत। पुरस्कार राशि केर अतिरिक्त एक प्रशस्ति-पत्र सेहो प्रकाशित कैल जायत, जाहिमे पुस्तक केर वैशिष्टय तथा अपन भाषा आर साहित्य मे लेखक केर योगदान केर संक्षेप मे चर्चा होयत।
4. जखन दुइ वा बेसी पुस्तक समान योग्यताक देखल जाइछ, ओतय पुरस्कार-निर्धारणक समय ओकर लेखकक कुल साहित्यिक योगदान और संबद्ध भाषा मे हुनका लोकनिक प्रतिष्ठा केँ सेहो ध्यान मे राखल जायत।
आधार-सूची केर निर्माण तथा भाषा परामर्श मंडल केर सदस्य द्वारा संस्तुति प्राप्त केनाय
- अकादमी हर वर्ष प्रत्येक मान्यता प्रदत्त भाषा केर विचारणीय पुस्तक केर एक आधार सूची तैयार कराओत जेकर निर्माण-कार्य एक विशेषज्ञ अथवा अकादमी केर अध्यक्षक विवेक पर दु विशेषज्ञ केँ सौंपल जा सकैत अछि। संस्कृत केर संबंध में विशेषज्ञ केर संख्या दुइ सँ कम या तीन सँ अधिक नहि होयत। विशेषज्ञ केर मानदेयक राशि समय-समय पर अकादेमी द्वारा निर्धारित कैल जायत।
- भाषा परामर्श मंडल केर प्रत्येक सदस्य अधिक-सँ-अधिक पाँच नामक एकटा पैनल पठायत और अकादमीक अध्यक्ष (जिनका एकर बाद अध्यक्ष कहल जायत) एहि प्रकारसँ प्राप्त पैनल मे सँ विशेषज्ञ या विशेषज्ञ आदि केर चुनाव करता।
- आधार-सूची तैयार करैत समय विशेषज्ञ, नियम मे सुनिश्चित विचारणीयता केर मानदंड केँ क़डाई सँ पालन करता। एहि प्रकार सँ निर्मित आधार-सूची, जाहिमे गत वर्ष संस्तुत कृति आदि सेहो सम्मिलित रहत, संबद्ध भाषा परामर्श मंडल केँ (संयोजक सहित) सब सदस्य लोकनिकेँ ई अनुरोधक संग पठायल जायत जे अकादमी द्वारा निर्धारित तिथि तक दुइ पुस्तक केर अनुमोदन करी। प्रत्येक सदस्य-
- आधार-सूची सँ दुनु पुस्तक, अथवा
- एक पुस्तक आधार-सूची सँ और दोसर अपन रुचि वला, अथवा
- दुनु पुस्तक अपन रुचिक चुनि सकैत छथि।
प्रारंभिक पैनल आर ओकर कार्य
- प्रारंभिक पैनल मे दस निर्णायक हेता जिनकर चयन अध्यक्ष द्वारा संबद्ध भाषा परामर्श मंडल केर सदस्य लोकनिक सुझाव पर विचार कएलाक पश्चात् कैल जायत।
- भाषा परामर्श मंडल केर सदस्य लोकनि सँ प्राप्त संस्तुति आदिक संकलन करैत प्रत्येक निर्णायक केँ पठायल जायत।
- प्रत्येक निर्णायक दुइ पुस्तक केर अनुमोदन करता। ई पुस्तक पूर्ववर्ती नियम 4 (2) केर अनुसार या तँ सूची मे सँ चुनि कय सकैत छथि या फेर निर्णायक द्वारा स्वयं अपन विवेेक सँ।
- प्रत्येक निर्णायक केँ अकादेमी द्वारा निर्धारित मानदेय प्रदान कैल जायत।
जूरी और हुनक कार्य
- प्रारंभिक पैनल केर निर्णायकक संस्तुति पर एक त्रि-सदस्यीय जूरी विचार करत। जूरीक सदस्यक चयन अध्यक्ष द्वारा एहि संदर्भ मे प्राप्त संबद्ध परामर्श मंडल केर सदस्य लोकनिक संस्तुति आदिपर विचार कएलाक उपरांत कैल जायत।
- प्रारंभिक पैनल केर निर्णायक द्वारा अनुशंसित पुस्तक आदि खरीद करैत अकादमी जूरी केर सदस्य लोकनि और संयोजक केँ पठायत।
- संयोजक, जूरी और अकादमीक बीच संपर्क सूत्र केर काज करत। ओ ई सुनिश्चित करता/करती कि जूरी केर बैठक उचित और संतोषजनक रूप सँ संपन्न होइ। ओ जूरी केर रिपोर्ट पर प्रतिहस्ताक्षर सेहो करता/करती।
- जूरी केर सदस्य या तऽ सर्वसम्मति सँ अथवा बहुमत सँ पुरस्कार केर वास्ते एक पुस्तक केर अनुशंसा करता। ओ इहो अनुशंसा कय सकैत छथि कि हुनका विचार मे एहि वर्ष कोनो भी पुस्तक पुरस्कारक योग्य नहि अछि। कोनो सदस्य यदि किछु कारणवश बैठक मे उपस्थित नहि भऽ पबैत छथि तऽ ओ अपन विचार लिखित रूप सँ पठा सकैत छथि।
- जूरी केर सदस्य और संयोजक केर वास्तविक यात्रा भत्ताक अतिरिक्त दैनिक भत्ता और बैठक भत्ताक भुगतान ओही दर सँ कैल जायत, जाहि दर सँ कार्यकारी मंडल केर सदस्य लोकनि केँ कैल जाइत अछि।
पुरस्कार केर घोषणा
- जूरी केर संस्तुति केँ औपचारिक अनुमोदन और पुरस्कार केर घोषणाक लेल कार्यकारी मंडल केर समक्ष राखल जायत। पुरस्कार केर घोषणाक संग मे जूरी केर सदस्यक नाम और अन्तिम चरण मे चुनल गेल पुस्तक केर सूची सेहो घोषित कय देल जायत।
विविध
- यदि भाषा परामर्श मंडल केर कोनो सदस्य या निर्णायक द्वारा संस्तुति पठेबाक समय-सीमाक अनदेखी कैल जाइत अछि, तँ अकादमी ई मानिकय चलत जे ओकर कोनो संस्तुति नहि अछि और तदनुसार अपन पुरस्कार-प्रक्रिया केँ आगाँ ब़ढायत सिवाय ओहि विशेष परिस्थिति केँ जाहिमे अकादमी समय-सीमा केँ ब़ढा पेबाक स्थिति मे हो आ वास्तव मे समय बढाबैत हो।
- कार्यकारी मंडल केर निर्णयानुसार पुरस्कार समारोह केर तिथि और स्थान निर्धारित कैल जायत।
मैथिली भाषा मे पुरस्कृत पुस्तक एवंं लेखक केर सूची – साभार साहित्य अकादमीक वेबसाइट
वर्ष
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पुस्तक
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लेखक
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2014 | उचाट (उपन्यास) | आशा मिश्र |
2013 | संघर्ष आ सेहन्ता (संस्मरण) | सुरेश्वर झा |
2012 | किस्त–किस्त जीवन (आत्मकथा) | शेफालिका वर्मा |
2011 | अपक्ष (कविता–संग्रह) | उदय चंद्र झा ‘विनोद’ |
2010 | भामती (उपन्यास) | उषाकिरण ख़ान |
2009 | गंगा–पुत्र (कहानी–संग्रह) | *मनमोहन झा |
2008 | कतेक डारिपर (संस्मरण) | मंत्रेश्वर झा |
2007 | सरोकार (कहानी–संग्रह) | प्रदीप बिहारी |
2006 | काठ (कहानी–संग्रह) | विभूति आनंद |
2005 | चानन घन गछिया (कविता–संग्रह) | विवेकानंद ठाकुर |
2004 | शकुन्तला (महाकाव्य) | चंद्रभानु सिंह |
2003 | ऋतंभरा (कहानी–संग्रह) | नीरजा रेणु (कामाख्या देवी) |
2002 | सहसमुखी चौक पर (कविता–संग्रह) | सोमदेव |
2001 | प्रतिज्ञा पांडव (प्रबंधकाव्य) | *बबुआजी झा ‘अज्ञात’ |
2000 | कतेक रास बात (कविता–संग्रह) | रमानंद रेणु |
1999 | गणनायक (कहानी–संग्रह) | साकेतानंद (एस.एन. सिंह) |
1998 | तकैत अछि चिड़ै (कविता–संग्रह) | जीवकांत |
1997 | ध्वस्त होइत शांति स्तूप (कविता–संग्रह) | कीर्तिनारायण मिश्र |
1996 | आइ काल्हि परसू (कहानी–संग्रह) | राजमोहन झा |
1995 | कविता कुसुमांजलि (कविता–संग्रह) | जयमंत मिश्र |
1994 | उचित वक्ता (कहानी–संग्रह) | गंगेश गुंजन |
1993 | सामाक पौती (कहानी–संग्रह) | गोविन्द झा |
1992 | विविधा (निबंध–संग्रह) | भीमनाथ झा |
1991 | पसिझैत पाथर (नाटक–संकलन) | रामदेव झा |
1990 | प्रभासक कथा (कहानी–संग्रह) | प्रभास कुमार चौधुरी |
1989 | पाराशर (महाकाव्य) | *काञ्चीनाथ झा ‘किरण’ |
1988 | मंत्रपुत्र (उपन्यास) | मायानंद मिश्र |
1987 | अतीत (कहानी–संग्रह) | उमानाथ झा |
1986 | नातीक पत्रक उत्तर (रम्य रचना) | सुभद्र झा |
1985 | जीवन–यात्रा (आत्मकथा) | *हरिमोहन झा |
1984 | सूर्यमुखी (कविता–संग्रह) | आरसी प्रसाद सिंह |
1983 | मैथिली पत्रकारिता का इतिहास (सर्वेक्षण) | चंद्रनाथ मिश्र ‘अमर’ |
1982 | मरीचिका (उपन्यास) | लिली रे |
1981 | अगस्त्यायिनी (महाकाव्य) | मार्कण्डेय प्रवासी |
1980 | ई बतहा संसार (उपन्यास) | सुधांशु शेखर चौधुरी |
1979 | कृष्ण–चरित (कविता–संग्रह) | तंत्रनाथ झा |
1978 | बाजि उठल मुरली (कविता–संग्रह) | उपेन्द्र ठाकुर ‘मोहन’ |
1977 | अवहट्ठ : उद्भव ओ विकास (साहित्येतिहास) | *राजेश्वर झा |
1976 | सीतायन (महाकाव्य) | वैद्यनाथ मल्लिक ‘विधु’ |
1975 | किछु देखल किछु सुनल (संस्मरण) | गिरीन्द्रमोहन मिश्र |
1973 | नैका बनिजारा (उपन्यास) | ब्रजकिशोर वर्मा ‘मणिपद्म’ |
1971 | पयस्विनी (कविता–संग्रह) | सुरेन्द्र झा ‘सुमन’ |
1970 | राधा विरह (महाकाव्य) | काशीकांत मिश्र ‘मधुप’ |
1969 | दु पत्र (उपन्यास) | उपेन्द्रनाथ झा |
1968 | पत्रहीन नग्न गाछ (कविता–संग्रह) | यात्री (वैद्यनाथ मिश्र ‘नागार्जुन’) |
1966 | मिथिला वैभव (दार्शनिक प्रबंध) | यशोधर झा |
(1967, 1972 और 1974 मे कोनो पुरस्कार नहि।)