मैथिली फिल्म सिटी, मैथिली कलाकार, मैथिली गायक, वादक, नर्तक – कला ओ संस्कृतिक हरेक विधाक रक्षक आ सेवक वर्तमान मधुबनी जिला सँ सर्वाधिक देखाइत अछि। अनेको फिल्म केर निर्माण सँ लैत म्युजिकल ग्रुप, आर्केस्ट्रा, साउन्ड रिकार्डिंग, मिक्सिंग-एडिटिंग स्टुडियो केर भरमार एहि जिला मे भेटैत अछि।
शोधकर्ता लेल ई एकटा नीक विषय अछि आ लगानीकर्ता – निर्माता लेल मधुबनी भविष्यक मुंबई मिथिला लेल प्रमाणित होएबाक दम-खम रखैत छैक। वर्तमान मे मैथिली गायक दिग्गज सब छथि आखिर एतहि कोना? एक लोकप्रिय गायक आ स्वयं केर लगानी सँ रिकार्डिंग स्टुडियो संचालक पवन नारायण कहैत छथि, “ओना मधुबनी मे मैथिलीक सब सँ बेसी चर्चित गायिका पुनम मिश्र, कंचन पांडे, रंजना सिंह, रानी झा, मोनी श्रीवास्तव, कुमकुम मिश्र, जुली झा, मैथिली ठाकुर, कुमकुम झा आदि छथि। तहिन चर्चत गायक मे एक सँ बढिकय एक सम्मानित आ प्रतिष्ठित राष्ट्रस्तरीय दिग्गज सब – जेना कुञ्जबिहारी मिश्र, राजनीति रंजन, रामसेवक ठाकुर, गिरीश मिश्र आ ईश्वरक कृपा सँ हमहुँ अपन मेहनतिक आ प्रभुक कृपा, समस्त प्रशंसक आ श्रेष्ठादिक आशीर्वाद सँ एकटा लोकप्रिय गायक केर सूची मे मधुबनिये सँ पड़ैत छी।”
पवन नारायण केर प्रस्तुति विराटनगर मे सेहो अत्यधिक लोकप्रिय अछि। एहि सँ पूर्व दु-दु बेर कुञ्जबिहारी मिश्र एहि विराटनगर केर धरा पर मैथिली गायनक छटा देखौने छलाह। एतुका लोक मे मधुबनी मैथिली गायक केर नाम पर स्वत: भीड़ जमा होयबाक एकटा फैशन बनि गेल छैक। कुञ्जबिहारी मिश्र केर राम-विवाह वर्णनक सीडी आ पूर्वक शारदा सिन्हा द्वारा गायल विवाह गीतक लोकप्रियता सँ मैथिली केँ एकटा नव प्राण भेटैत छैक।
नव उभरैत कलाकार लेल सेहो मधुबनी एकटा उपजाउ भूमि प्रमाणित भऽ रहल अछि। पारंपरिक गायन सँ लैत आधुनिक गायनक प्रशिक्षण सेहो एतय देल जाइत छैक। पवन नारायण द्वारा संचालित स्टुडियो मे समस्त साज-बाज सहित गायनक तकनीकी आदि पर कलाकेँ तरासल जाइत छैक। नव प्रतिभा केँ ताकि-ताकि मंच दैत उत्साहवर्धन कैल जाइत छैक। “वैवाहिक कार्यक्रम, उपनयन या मुंडन पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, कोजागरा या कोनो अवसर पर निजी व्यक्ति लोकनि आइ-काल्हि मैथिली गायन तरफ बेसी आकर्षित छथि। एहि तरहें रोजगार देबाक काज मैथिली गायन ओ कलाक्षेत्र मे संवर्धित-प्रवर्धित होइत छैक।” पवन नारायण मधुबनी सहित मिथिलाक्षेत्र मे मैथिली कलाक वर्तमान अवस्था पर सकारात्मक पक्ष रखैत छथि। “डीजे कल्चर आ समाजक खसैत संस्कार सँ आइयो मुदा फूहर भोजपुरी व अन्य भदेशक गीतादि बजेबाक नव अवस्था डरावना छैक।” नकारात्मक अवस्था पर सेहो हुनक राय किछु एहि तरहक अबैत अछि।
नीक आ बेजा दुनू पक्ष मे मधुबनी केर योगदान मैथिली कला-संस्कृतिक उत्कर्ष बढबैत छैक, यैह सुखद बात भेल। जनजागरण सँ ई अवस्था मे दिनानुदिन आरो सुधार हेतैक। लगानीकर्ताक संख्या बढतैक। गुणस्तर मे सुधार हेतैक। दर्शक सेहो अपन भाषा प्रति आरो बेसी जागरुक बनैत बाजार बढायत। जरुरत समाजिक जागृतिकेँ निरंतरता देबाक छैक, कला-संस्कृति सँ कोनो सभ्यताक विकास आ रक्षा होइत छैक, ई शाश्वत सत्य थिकैक।
मैथिली फिल्म जँ साल मे १० गो बनैत अछि, ताहि मे सँ ९ गो मधुबनी जिलावासीक निर्माता, कलाकार, गायक, निर्देशक, आदिक संग होयब देखल जाइत छैक। हालहि रिलीज हमर सौतिन हो, खुरलुच्ची हो, छौंड़ा अगत्ती – छौंडी भगबती, व दर्जनों फिल्म मधुबनीक सक्रिय योगदान सँ पुष्ट भेल छैक। मधुबनीक प्रीति-प्रशान्त प्रेम कथा आ ताहि सँ जन्म लेलक सामाजिक क्रान्ति पर आधारित हाफ मर्डर केर निर्माता-निर्देशक सेहो मधुबनी सँ छथि। आगामी समय मे मधुबनीक आरो विभिन्न सकारात्मक योगदान सँ मैथिली कला आ संस्कृतिक उत्कर्ष बढबाक समाचार भेटि रहल अछि।