मैथिली-मिथिला मे सक्रिय ‘नटवरलाल’ सँ सावधान रहबाक जरूरत

मैथिली-मिथिला मे सक्रिय अछि कतेको नटवरलाल, सावधान रहू!
 
विभिन्न अभियानक नाम पर ऐठैत अछि पैसा, करैत अछि ईमोशनल ब्लैकमेलिंग
 
(आइये अमेरिका प्रवास पर रहि रहल एक मित्रक संग भेल वार्ता पर आधारित किछु महत्वपूर्ण जानकारी)
 
मैथिली-मिथिला लेल के असली आ के नकली – ई बड पैघ सवाल बनिकय सोझाँ आबय लागल अछि। सच ईहो छैक जे एखन असली-नकलीक फेरा मे फँसिकय उभरैत-उबलैत धार केँ कम नहि करबाक छैक, बल्कि सचेतनाक संग सार्थकता आ निरर्थकता केँ अपन विवेक सँ चिन्हैत यथासंभव अपन योगदान केँ निरन्तर अपना मातृभाषा, मातृभूमि ओ मातृसंस्कृतिक संग माता-पिता-गुरुजन-देव-ऋषि-पितर आदिक प्रति जिम्मेदारी पूर्वजहि समान निर्वाह करैत चलबाक छैक।
 
आइ भोरे-भोरे ई सवाल कतय सँ उठल?
 
सवाल उठल अछि ‘मिथिला मखान’ फिल्म केर निर्देशक नितिन चन्द्रा केर देल गेल किछु बयान जाहि पर २ वर्ष पहिने फेसबुक आ मैथिली जिन्दाबाद दुनू ठाम हम हुनकर देल स्टेटमेन्ट केँ जनमानस धरि नीक सँ संचारित कएने रही, तेकर मेमोरी काल्हि ८ सितम्बर फेसबुक पर आयल तँ २ वर्ष केर दरम्यान नितिन चन्द्रा & कम्पनी द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार सँ सम्मानित मैथिली फिल्म केर प्रदर्शन (रिलीज) करय वास्ते कि सब कयल गेल, ताहि मे ओ कतय-कतय कि-कि स्टेटमेन्ट देलनि, किनका-किनका सोझाँ कि-कि प्रस्ताव आदि रखलनि आर अन्ततोगत्वा ओ फिल्म आइ धरि रिलीज नहि कय ‘डिब्बा’ मे बन्द कय केँ राखल गेल अछि। आखिर कियैक?
 
२ वर्ष पूर्व हमरा संग भेल वार्ता अनुरूप मिथिला मखान फिल्म रिलीज करबाक लेल ओ एहेन फाइनेन्सर केर खोज मे छलाह जे हुनकर लगानी कयल प्रोडक्सन खर्च सँ लैत रिलीज लेल तैयार प्रोमो, एडवर्टाइजमेन्ट व अन्य प्रशासनिक खर्चा आदि सहित कुल लगभग २ करोड़ रुपया लगानी करैत एकटा जिम्मेदार साझेदार बनिकय काज करबाक लेल सोझाँ आबय तखनहि ओ रिलीज कय सकता। हमहुँ सब दिमाग लगेलहुँ आ किछु सुझाव आदि उपलब्ध कराओल। किछु एहेन विकल्प देखाओल जाहि सँ प्रायोजक केँ जोड़ि फिल्म युनिट द्वारा विज्ञापन आदि करैत फंड जुटायल जा सकैत छल। परञ्च नितिन चन्द्राक दृष्टि मे सुझाव देनिहार नहि बल्कि सुझाव अनुरूप पार्टी ताकिकय देनिहारक आवश्यकता छलैक जे आजुक व्यस्त आ व्यक्तिगत झंझटि मे फँसल बहुतो व्यक्ति सँ संभव नहि छैक। हमरो सुझाव किछु हद धरि पार्टीक नाम आ उपाय धरि सीमित रहल आ तदोपरान्त कार्य निष्पादनक भार नितिन चन्द्रा पर छोड़ि देने रही। स्पष्टे कहू तऽ हम जाहि कंपनी मे कार्य करैत छी तेकर ब्रान्ड केँ फिल्म संग कोना प्रोमोट करब ताहि तरहक प्रोपोजल बनाकय हुनका अपन डायरेक्टर सँ भेंट-वार्ता आदि कय केँ आगू बढबाक बात कहलियैन। किछु हद तक ओ केबो केलनि जेना सूचना भेटल, मुदा बाद मे कतय धरि ओ प्रगति कय सकलाह, से जनितहुँ ता धरि हुनकर ध्यानाकर्षण कोनो पोस्ट मे कएने रही टैग कय केँ ततबे बात लेल ओ एना रुष्ट भेलाह जेना हमरा ब्लौक-स्लौक केलाक बादे चैन भेटलनि। अचानक एहि तरहक रुष्ट व्यवहार, हम विस्मित रहि गेल रही। हुनका घमन्डी मानिकय अपन मोन केँ मना लेलहुँ जे पैघ लोक सब संग बेसी समय बितेलो सँ आखिर फायदा यैह होइत छैक जे हुनका कोनो चीज नीक नहि लगतनि तऽ ओ अहाँ केँ दूर कय देता।
 
काल्हि हम नितिन चन्द्राक देल स्टेटमेन्ट मेमोरी केँ पुनः शेयर करैत एक स्टेटस देलहुँ जाहि मे कहने रही “घमन्ड भगवान केर भोजन होइत छन्हि। प्रिय सुजीत कुमार झा जे अमेरिका मे रहैत छथि ओ भोरे-भोर मैसेज केलाह कि अहाँ नितिन चन्द्रा पर बड़ा लम्बा स्टेटस देलियैक अछि से किछु कहबाक अछि… आर तेकर बाद ओ किछु कहलनि जे हमर आशंका केँ पुष्टि तऽ करबे केलक, ओहू सँ आगू हुनकर किछु सिमिलर ट्रेड केर प्रमाण समेत राखि हमरा चौंका देलाह। जे परियोजना हमरा लग २ करोड़ केर राखल गेल छल, वैह परियोजना सुजीतजीक सोझाँ ५ लाख मात्र मे राखल गेल छलन्हि। सुजीतजी ईहो कहला जे जिनका-जिनका ई लोकनि अपन भाषा-संस्कृति लेल किछु प्रयास करैत देखैत छथि तिनका-तिनका ईमोशनल ब्लैकमेल करैत एहि तरहक परियोजना (प्रोजेक्ट, एस्टिमेटेड खर्च आ बचत आदिक व्योरा) बनाकय पठबैत छथि आर जतय सँ जतबा झड़त ओतबा लाभ वाली मनोवृत्ति रहैत छन्हि। कनेक दिनक बाद ओ अहाँ केँ ‘ब्लौक’ कय देता आ फेर दोसर शिकार दिश लागि जेता। ई बात हमरा लेल चौंकाबयवला मात्र नहि पैर तर सँ जमीन घुसकाबयवला छल। कारण, वगैर कोनो खास वजह ओ हमरो ब्लौक कय देने छलाह। अरे टैग करबाक हम शौकीन नहि छी, जे बात अहाँ सँ सम्बन्धित रहत ताहि मे ध्यानाकर्षण लेल टैग करब – मुदा ताहि बात लेल अहाँ चट् हमरा ब्लौक कय देब, ताहि दिन घमन्ड बुझायल छल से ऊपर कहनहिये रही। मुदा आइ भोरे-भोर अमेरिका सँ सुजीतजी द्वारा बजायल गेल अलार्मक घंटी सुनिकय त मानू एहि तरहक लोक लेल ‘धंधेबाज’ शब्दक प्रयोग करब अनुचित नहि होयत।
 
तथापि, हम सुजीतजीक सन्देश जे ई सब लिखला सँ ओहेन लोक केँ आर फायदा भेट जाइत छैक, ओकरा प्रचार भेटि जाइत छैक, ताहि सँ सहमत रहैत एतबा कहय चाहब जे अपने सब कियो अपन भाषा आ संस्कृति संग समाज, अर्थ, राजनीति, शिक्षा, आदि विभिन्न विषय मे रुचि रखैत छी से नीक बात। लेकिन असली-नकली केँ चिन्हबाक काज सेहो करहे टा पड़त, नहि तँ कखनहुँ कतहु शिकार बनि जायब। एहि संसार मे हम एहेन कतेको रास ‘नितिन चन्द्रा’ समान प्रखर बुद्धिमान् आ होशियार केँ देखि रहल छी जे विभिन्न क्षेत्र मे सक्रिय अछि। कोनो नाम पर पैसा ऐँठय के फिराक मे रहैत अछि। आर, ओ त ठगिकय चलि जायत, बाद मे अहाँ हाथो मलब आ दोसर नीको काज कयनिहार केँ खराब बुझब। ताहि हेतु असली-नकली केँ चिन्हब आवश्यक अछि। पाय-कौड़ीक डिलिंग मे बिना समुचित जाँच-पड़ताल एकदम नहि फँसी अपने लोकनि। सुजीतजीक इशारा आरो किछु परिचित नटवरलाल लोकनि दिश छल, हम हुनकर अवलोकन केँ सराहना करैत छी। निश्चित, अमेरिका वा युरोप वा प्रवासक विभिन्न स्थल पर रहि रहल मैथिल धरि ई नटवरलाल लोकनि अपन नेटवर्क पसारैत अछि आर भाषा-संस्कृति-फिल्म-समाज कोनो नाम पर पैसा ऐँठैत अछि – एहि दिश सावधान रहय जाउ। अस्तु! हमर एहि पोस्ट केर नकारात्मक अर्थ नहि निकालय जायब, अपना लेल हमरा सब अपमान, निन्दा, गारि, फझीहत सारा चीज मंजूर अछि, मुदा हमर भाषा, संस्कृति, समाज आदि केँ कियो ठकत ताहि लेल हम रुकब नहि। बाकायदा दूधक-दूध आ पानिक पानि लिखबे करब। धन्यवाद!
 
हरिः हरः!!