ग्रुप खोलब मैथिली-मिथिला लेल आ एडमिन बनिकय छाँटब मालिकपना – शिजोफ्रेनियाक लक्षण

मैथिली-मिथिलाक नाम पर ग्रुप आ एडमिन केर बीमारी
 
किछु अभिन्न मित्र लेल उचित चिकित्साक सलाह!
 
मित्र, अहाँक उपयोगिता सच मे मैथिली-मिथिला केँ बहुत छैक। लेकिन कथनी-करणीक संग व्यवहार मे आबि रहल अकारण फरक सँ हमरा चिन्ता भेल अछि।
 
कइएक बेर देखल गेल अछि जे बिना कारण सेहो हम-अहाँ अचानक भयभीत होमय लगैत छी, एना लागय लगैत अछि जे फल्लाँ-फल्लाँ जे किछु करैत अछि से हमरे पर लक्षित रहैत अछि। अहाँ अपन सारा सुख, चैन आ शान्तिपूर्ण विचार सब केँ छोड़ि अपनहि मोने बहादुरी करय मे किछु सँ किछु करय लगैत छी। एतेक असुरक्षाक अनुभव होबय लगैत अछि जे बिना सरोकारहु केर बात सँ अपन पक्ष जोड़ि विचलित होबय लगैत छी। एकर पहिल फेज केँ हम मैथिली मे “छींटखोपड़ी” नामकरण करैत छियैक। छींटखोपड़ी माने छह मास मे छब्बीस तरहक घोषणा आ दिन-राति घोषणे-घोषणा मे डूबल रहिकय पक्षक लोक, विपक्षक लोक, के संग देत, केकर बजेबाक अछि, केकरा परित्याग करबाक अछि, केकर सम्मान, केकर असम्मान – यैह सब मे पड़ि जाइत छी। मुदा छींटखोपड़ी सँ ऊपर जे स्टेज होइत छैक तेकर ‘व्यक्तित्व विकार – Personality Disorder’ कहिकय विश्व स्वास्थ्य संगठन सेहो स्वीकार केलकैक अछि। आर एकर इलाज लेल अहाँ निम्न लिंक पर प्रारम्भिक अध्ययन कय सकैत छीः
 
https://www.psychguides.com/guides/personality-disorder-symptoms-causes-and-effects/
 
साइकियाट्रिस्ट (मानसीक बीमारी केर चिकित्सक – मनोचिकित्सक) सँ एहि तरहक विकार केँ दूर करबाक लेल शीघ्र सम्पर्क करू।
 
तहिना एकटा अन्य खतरनाक रोग केँ कहल जाइत छैक विखंडितमनस्कता – https://www21.ha.org.hk/smartpatient/EM/MediaLibraries/EM/EMMedia/Schizophrenia-Nepali.pdf?ext=.pdf
 
विखंडितमनस्कता रोगी मे सामान्यतया निम्न लक्षण मध्यक कोनो एक वा दुइ गोट लक्षण सभ भऽ सकैत अछिः
 
(१) सकारात्मक लक्षण
“सकारात्मक लक्षण” केँ “गम्भीर लक्षण” सेहो कहल जाइछ जाहि मे असामान्य, अतियथार्थवादी विचार तथा बोध होइत छैक जेकरा चलते रोगी असामान्य व्यवहार करैत छैक। एहि लक्षण सभक पुनरावृत्ति संभव अछि, जे निम्नलिखित अछिः
 
• भ्रान्तिः कोनो बात पर एतेक दृढ रूप मे बिना कोनो आधार, बरु बिपरीत प्रमाण रहितो ओ अपने तरहें विश्वास करैत अछि आर तर्क तथा सहज बुद्धि सँ ओकरा सुधारलो नहि जा सकैछ – जेना कि ई सोचब कि कियो हमरा खेहारि रहल अछि (पाछाँ पड़ल अछि), कियो हमर विचार आर व्यवहार केँ नियन्त्रण कय रहल अछि वा कियो-कियो लोक हमरा बारे मे चर्चा-वर्चा कय रहल अछि – ई सब तरहक सोच एनाय।
 
• दृष्टिभ्रमः रोगी कोनो बात केँ एना जीवन्त रूप मे अनुभव करैत अछि जे यथार्थ मे संभवे नहि छैक, जेना, अन्य लोक जे नहि देखि पाबि रहल हो तेहेन तस्वीर सब देखनाय, कोनो आवाज सुननाय जे दोसर सुनबे नहि केलक, केकरो कोनो अज्ञात स्पर्शक अनुभव होइत छैक।
 
• विचार मे विकारः अस्पष्ट विचार, निरन्तरता आर तर्कशीलताक कमी, जाहि कारण अन्धाधुन्ध बाजब, अपने-आप सँ बाजब वा बजिते-बजिते अचानक रुकि जायब।
 
• विचित्र व्यवहारः अपने-आप सँ बात करब, अप्रत्याशित रूप मे कानब वा हँसब अथवा विचित्र तरीकाक कपड़ा पहिर।
 
(२) नकारात्मक लक्षण
 
“नकारात्मक लक्षण” वा “चिरकालिक लक्षण” पहिचान करबाक लेल “सकारात्मक लक्षण” सँ बेसी कठिनाई होएत छैक आर एकर लक्षण सकारात्मक लक्षण मे गिरावट एलाक बाद स्पष्ट होएत जाइत छैक। यदि अवस्था बिगड़ैत गेल तऽ रोगी केँ काज करबाक वा अपनो नित्यकर्म-दिनचर्या आदि करबाक क्षमता पर असर पड़ैछ। एहि मे निम्न लक्षण सभ पड़ैछः
 
• समाज सँ अलग रहनायः अपना भीतर सीमित, उदासीन, आत्मकेन्द्रित, दोसर सँ अलग रहनाय, आदि।
 
• उत्प्रेरणा मे कमीः आसपासक हलचल मे कोनो रुचि नहि रखनाय तथा व्यक्तिगत सर-सफाइ आ अपनो देखभाल तक करय मे मोन नहि लागब।
 
• दिशाविहीन सोच आर गति।
 
• चेहरा आ आव-भाव मे निरसता।
 
 
मैथिली-मिथिला लेल जे पर्सनालिटी डिसोर्डर्स तथा विखंडितमनस्कता (शिजोफ्रेनिया) केर बीमारीक बात हम कहि रहल छी ताहि मे अहाँ सेहो पड़ैत छी –
 
ग्रुप बनाउ, ग्रुप मे लोक केँ जोड़ू। ग्रुप केर नियम बनाउ आ जोड़ल गेल लोक केर अधिकार केँ सम्मान करैत सभक विचारक समर्थन, विरोध वा उदासीन – निरपेक्ष रहिकय स्वीकार करू। ग्रुप केर मर्यादा आ नियम केर निर्वाह लेल अहाँ एडमिन केर एप्रूवल भेलाक बादे विभिन्न सदस्यक कोनो पोस्ट ओतय एबाक मंजूरी दियौक, मुदा जँ व्यक्तित्व विकार बीमारी सँ ग्रस्त होएत एप्रूवल लेल अपन विशेषाधिकार प्रयोग कय केँ मात्र केकरो विचार संप्रेषण करबाक अधिकार उपयोग करय लेल मौका देबैक तऽ प्लीज अहाँ जल्द इलाज कराउ।
 
जाहि कोनो ग्रुप केर एकटा निश्चित नियम होइत छैक आर ताहि अनुरूपें सदस्य केँ राखल वा जोड़ल जाइत छैक।
 
आइ घोर आश्चर्य भेल जखन एक मैथिली ग्रुप केर एडमिन पहिने तऽ ग्रुप केर मालिक होयबाक दाबी कयलनि, पुनः सदस्य लोकनि जँ हुनकर मालिकाना मे रहिकय अपन बात कहत तेकर ओ एडमिन प्री-एप्रूवल सँ तुलना कयलनि। आर केकर पोस्ट आबय, केकर नहि आबय, तेकरा एडमिन केर विशेषाधिकार केर बात कहलनि।
 
ग्रुप खुलत मैथिली-मिथिलाक नाम पर, सदस्य जोड़ब मैथिली-मिथिलाक नाम पर आ तखन नियम लिखब सामान्य मैथिली-मिथिलाक मर्यादा मुताबिक…. लेकिन कोनो व्यक्तित मतान्तर वा मतभेद सँ ओहि व्यक्तिक पोस्ट के एप्रूवल देबाक बदला ओकरा निरन्तर डिलीट करैत रहब तऽ एकरा कि मानल जायत?
 
हम एखनहुँ किनको नाम नहि लेबय चाहि रहल छी, बस बीमारीक नाम कहल अछि। कृपया इलाज कराउ।
 
हरिः हरः!!