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मुम्बई दहेज उत्पीड़न केस मे प्रगति – ढाक केर तीन पात, कानूनी उपचार एकमात्र उपाय

मुम्बई दहेज उत्पीड़न केस मे नया मोड़ – लड़काक चरित्र रहस्यपूर्ण
 
आखिर कोन गुप्त बात सँ लड़का भयभीत अछि?
 
मुम्बई दहेज उत्पीड़न केस – अपडेट – २४ अगस्त २०१८
 
पंडीजी अधर्मानन्द द्वारा चेला-चपाटी मार्फत पुनः धर्मानन्द बनबाक कुचक्र
 

देखेबाक काज मे पंडिजी बहुत आगू, राखल गेल विचारक एकटा नमूना

आइ सँ करीब २० दिन पूर्वहि हमरा लोकनि (दहेज मुक्त मिथिला) मुम्बई दहेज उत्पीड़न केस पर अपन एक निर्णय देने रही, जे समाजक १० गोट पंच केर राय लेलाक बाद कहल गेल छल। बीच मे समाजहि केर किछु आरो गणमान्य व्यक्ति लोकनि पुनः दोषी (हुनका सभक नजरि मे आरोपी) सँ वार्ता करबाक समय लेल गेल छल। एकटा गणमान्य व्यक्तित्व श्री रविन्द्र झा द्वारा पहिने देल गेल समयसीमा टूटि गेल, ओहो हारि मानि लेलनि छींटखोपड़ी पंडिजी सँ। हुनको पता चलि गेलनि जे ई पुरुष केर नाम पर कलंक स्त्रिगणो मे लबड़ी-लुच्ची टाइपक ‘मौगी’ सँ बदतर पुरुष छथि।

 
पुनः एकटा अन्य महापुरुष महाराष्ट्र मे भारतीय जनता पार्टीक नेता आ समाजसेवी श्री धर्मेन्द्र नाथ ठाकुर एहि कथित धर्मगुरू धर्महि केर नाम सँ नाम मुदा यथार्थतः अधर्मानन्द कहब त अतिश्योक्ति नहि होयत – तिनका संग बातचीत चलबाक मर्यादित सूचना देलनि आर ओ १५ दिनक समय लेलनि जे दहेजक उत्पीड़न देनिहार परिवार सँ ओ वार्ता कय रहल छथि आर आवश्यक समझौता कराकय एहि केस केँ बन्द करौता। ई सूचना हमरा सब लेल एकटा नव आशा देने छल। कहाँ दिना धर्मेन्द्र बाबू दुनू पक्ष केँ बजौलनि, बैसौलनि आ बातचीत कयलनि। लड़का, लड़की केँ अलग-अलग काउन्सेलिंग केलाक बाद पुनः दुनू केँ आमने-सामने बैसौलनि आ फेर काउन्सेलिंग भेल। पूछल गेलैक लड़की आ लड़का दुनू सँ – अहाँ सब कि चाहैत छी? ई विवाह सम्बन्ध कायम रहबाक चाही आ कि एकरा खत्म कय आगू बढबाक चाही?
 
लड़कीक जबाब भेलैक, “चाचाजी, विवाह सम्बन्ध मिथिला रेबाज मे एक्के बेर हेबाक नीति मे हमरा विश्वास अछि। भगवान् हमरा जेहेन पति आ परिवार देलनि से स्वीकार अछि, कारण यैह हमरा लेल नियति तय केने छल। हम विवाह सम्बन्ध बरकरार राखय चाहि रहल छी।”
 
लड़काक जबाब भेलैक, “मुझे ५ दिन का समय चाहिये। सलाह करके बताऊँगा।” (५ दिन बाद….) “मैं इस शादी को तोड़ना चाहता हूँ।”
 
आर, आब धर्मेन्द्र बाबू सेहो बात बुझि गेलाह जे केहेन लोक केँ बुझबय चलल रही। पुनः ‘निर्णय’ वैह २० दिन पूर्व पर आबि गेल अछि।
 
जे व्यक्ति समाज केँ मानय सँ मना कय देलक…. ओकरा कियो महानुभाव कि बुझा सकब? आब एकमात्र कानूनी उपाय अछि आर ताहि लेल समाजक दायित्व बनैत अछि जे एहि दहेजलोभी मुदा सोझाँ सँ दहेज मुक्त कहनिहार मिथ्याचारी दहेज मुक्त मिथिला संरक्षक केँ सरेआम कानून आ अदालत मे नंगा करू।
 
एहि सन्दर्भ मे महाराष्ट्र महिला तथा बच्चा कल्याण लेल बनल विशेष रक्षा शेल मे बात चलि रहल अछि। तहिना वर्ली थाना मे जाँच अधिकारी संग सेहो बातचीत भेल अछि। आगाँ प्रतिनिधिमंडल सहित ओतय हम सब अपन अभियान सहित समाजक अन्य गणमान्य शिष्टमंडल सहित पहुँचब। ताहि सब लेल एकटा सूचना रूप मे ई अपडेट केँ लेल जाय – आरो कियो समाजक लोक पंडिजी धुरफन्दानन्द पर भरोस हो तँ जरूर बीच-बचाव लेल आगाँ बढी। आब ७ दिन केर अन्तिम समय हमरा लोकनि दय रहल छी। शेष शुभ हो!!
 
हँ, पंडिजी अपन किछु चेला-चपाटीक प्रयोग कय पुनः नौटंकी रासलीला (फेसबुक पर फोटोबाजी) आरम्भ करौलनि अछि। से चेला-चपाटी लोकनि सँ निवेदन करब जे कनेक पंडिजीक ढेका ठीक करथि पहिने। ढेका खूजि गेल छन्हि। ढेका सम्हारबाक कला सिखबथि अपन गुरुजी केँ। घरक पुतोहु केँ ओकर सैलरी वला पैसा नहि भेटला सँ आ ओकरा सँ सोचल सख-मनोरथ आदि पूरा नहि भेला सँ ओ कनी दिन मे धोतीक गाँठो खोलि लेता। ताहि हेतु, हे चेला-चपाटीगण – पहिने सम्हारू पंडिजीक प्रतिष्ठा केँ, तखन फोटोबाजी करब। एखन एक बहिष्कृत लोक केँ माथ पर उठेनाय नीक नहि लागल। हम एकर विरोध करैत छी।
 
हरिः हरः!!

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