आलेख
– रंजित चौधरी
आजादीक बाद पहिल बेर भारतक इतिहास मेँ हिन्दी भाषा सँ अलग हटिकय एक्के भाषा बजनिहार दुटा राज्य बनल। आ इ अछि भारतक उन्नतीसवां राज्य #तेलंगाना। ओना आजादीक बाद राज्यक पुनर्गठन भाषाक आधार पर कयल जाइत छल जाहि कारणे एपी एकटा राज्य बनल छल। मुदा तेलंगाना एहि चीज के साबित कय देलक जे राज्यक पुनर्गठन मेँ भाषाक कोनो औचित्य नहि यदि अपनैक सामंजस्य अछि, युनिटी अछि तअ लडि कय हासिल कयल जा सकैत छैक। हालांकि तेलंगानाक गठन सँ पुर्व एपीक आबादी करीब 8.5 करोड़ छल मुदा जखन निर्माण भेल तेलंगाना केर तखन एपीक आबादी रहि गेल करीब पाँच करोड़ आ तेलंगानाक आबादी करीब 3.5 करोड़।
मुदा एहि सँ अंदाज लगा सकैत छी जे एतेक पैघ आबादी वाला राज्य सँ दोसर राज्यक गठन कियैक कयल गेल??? कारण बहुतो छैक मुदा मुलत: दुटा कारण सबसँ महत्वपूर्ण मानल जाइत छैक;
#पहिल जे पैघ आबादी वाला राज्य मेँ प्रशासन कारगर साबित नहि होइत अछि आ #दोसरविकास सेहो एक समान नहि होइत छैक। पिछडल और पिछडले जाइत छैक मुदा तरक्की वाला सिटी और तरक्की करैत जाइत छैक। मुदा एकर जस्ट उल्टा छोट आबादी वाला राज्य मेँ देखल जाइत अछि जे कि आम जनताक लेल सेहो सुखीप्रद होइत छैक।
आजुक समय मेँ कहल गेल छैक “कम संतान खुशी इंसान”….मुदा सरकार एहि बातक कियैक नहि फोलो कय रहल अछि?? एखनो किछु एहेन राज्य अछि जेकर गठन एकदम जरुरी बुझना जाइत अछि आ गठन भेलापरांते ओकर तरक्की संभव छैक। आय 2000 मेँ बिहार सँ झारखंड अलग भेल मुदा एखनो तक बिहार मेँ 6.4 करोड आबादी एहि विकास सँ दुर अछि जखन कि एकर कुल दस करोड़ आबादी अछि। यदि हम 6.4 करोड आबादीक बात करी तअ एहि मेँ चौंबीस टा जिला आबैत अछि जाहि मेँ तीस प्रतिशत केर छोडि बांकी एकदम पिछडल अछि जेकरा पर सरकारक आय धरि नजैर नहि गेलैन। कतेक बेर दौरा कतेक बेर घोषणा भेल मुदा आय धरि विकासहीने पडल अछि। कि आबो राज्यक गठनक लेल औचित्य नहि बुझैत छी???
जौं हम जिक्र करी कियैक नहि सरकार विकासक बात करैत अछि आ कियैक एतेक संख्या मेँ जनता बिकासक बाट देखि रहल छैथ तअ कहैय पडत जे कतोउ न कतोउ इ पैघ आबादी जरुर बाधा पहुँचा रहल अछि जाहि सँ सरकारक नजैर केवल बिकास जतहि भअ रहल अछि ओतहि जाइत छैन बांकी जगह कोनो मतलब नहि। कि आबो एक्के भाषा रहैत दोसर राज्यक गठन लेल माँग नहि करी आ एहिना चुप्पी साधने रही??