सीतामढीक मैथिली कवि सम्मेलन
रिपोर्टः रामबाबू सिंह ‘मधेपुर’
सीतामढ़ी मे मैथिली कवि सम्मेलन सम्मत ||
रामबाबू सिंह मधेपुर
माँ जानकीक प्राकट्य स्थल अछि #सीतामढ़ी आ तेँ अहि पावन पुण्य भूमिकेँ मिथिलाक केंद्र सेहो कहल जा सकैत अछि। कहिओ प० रामलोचन सरण, प० मधुसूदन झा, प्रसिद्ध कवि कुलानन्द मिश्र, सत्यानन्द पाठक, बलदेव लाल कुलकिंकर आदि मैथिली साहित्य केर सर्जनामे तल्लीन भS मैथिली साहित्यक भंडार भड़लनि। एमहर आबि कS लगभग तीन दशकसँ मैथिली साहित्य व संस्कृति ल्Sक सीतामढ़ी सुसुप्त सन छल। तीस बरिसक बाद भरिसक “मैथिली कवि सम्मेलन” आयोजित भेल आओर मातृभाषाक माधुरियता सँ सभागारमे उपस्थिति जनमानस पर एकटा अमिट छाप छोडबामे सफल सिद्ध सेहो भेल।
एहनो नहि जे मैथिलीकें लSक अहि क्षेत्रक लोक काज नहि कS रहल छथि। रंगमंच, साहित्यिक मन्च, गायन आदि अनेकानेक क्षेत्रमे सीतामढ़ी सँ लोक अपन झंडा फहरा रहल अछि। मुदा साहित्यिक परिदृश्यमे विगत दशकोंसँ पड़ल शून्यता देखि अन्तर्मनमे कएको प्रकारक स्मृति अभरि रहल् छल आ ताहि शुन्यताकेँ तोड़बाक प्रयास कएलक अछि नवगठित साहित्यिक संस्था #मैथिली_साहित्य_सम्मेलन। अध्यक्ष संजीव सिन्हा केर सद्प्रयासक प्रतिफल थीक जे विगत 19 जुलाई सीतामढ़ीक गौशाला रोड पार्टीजोनक भव्य सभागारमे #मैथिली_कवि_सम्मेलन केर भव्य आयोजन कएल गेल।
प्रसिद्ध गीतकार जनकपुर निवासी दिगम्बर झा ‘दिनमणि’क अध्यक्षता आ किसलय कृष्णक ओजस्वी आ संतुलित संचालनमे मिथिलाक प्रायः सभ क्षेत्रक कवि लोकनि भाग लेलनि। जाहिमे दरिभंगा सँ डॉ अशोक मेहता, फूलचंद प्रवीण, गुफरान जिलानी, डॉ जयप्रकाश चौधरी जनक आ मणिकांत झा मणि बेगूसराय सँ श्यामानंद निशाकर, सहरसा सँ शुभाष चन्द्र झा आ मुख्तार आलम, तहिना जनकपुर सँ अयोध्यानाथ झा, पूनम झा मैथिली, जलेश्वर सँ मनोज झा मुक्ति, विराटनगर सँ प्रवीण नारायण चौधरी मधुबनी सँ दिलीप कुमार झा प्रीतम निषाद, अजित आज़ाद, प्रणव नार्मदेय, अवधेश झा अनल, अक्षय आनंद सन्नी आ मैथिल प्रशांत, समस्तीपुर सँ सुमित मिश्र गुँजन संगहि सीतामढ़ी सँ अरुण माया, नवीन नवेन्दु, अभिलाषा, प्रो० सत्यनारायण झा, सत्येंद्र मिश्र , अनिल झा आ अनेको रचनाकार समसामयिक समस्या पर स्वरचित कविता पाठ कएलनि। स्थानिय दर्शक सँ खचाखच भरल सभागार देखि लागि रहल छल जे सीतामढ़ी पुनः जागि रहल अछि।
कार्यक्रमकें विधिवत शुरुआत गोसाउनिक गीत “जय जय भैरवी” आ दिप प्रज्वलित कS बाबा विद्यापति माता सीताक सँग स्मृति चित्र कुलानन्द मिश्र, सत्यानन्द पाठक, बलदेव लाल कुलकिंकर आ बालेन्दु अरुण झा पर पुष्पांजलि सँ कएल गेल। संजीव सिन्हा जीक स्वागत उदबोद्धन केर बाद सभसँ पहिल कवि फूलचंद प्रवीण अपन गीत “टूटि गेल सपना अन्हारे पसरि गेल, आहिरे पएर तरक धरती ससरि गेल” सँ निस्सन आगाज भेल। फेर दोसर आनन्द मोहन झा अपन चिर परिचित अंदाजमे गजल ‘ ढोल पर जे थाप पड़लै सब सुनलकै, चाम पर जे बीत रहलैए के’ बुझलकै” सँ सभागार मुग्ध भ’ श्रवण करैत रहल्। फेर कवि सतीश मेहता जी अपन गीत ‘ करेजक आगि के’ मिझाऊ कोना? सँ समस्त सभागारकें ऊर्जान्वित कएलक। तकर बाद कवि गुफरान जिलानी अपन कविता ‘ जनक्रांति’ सँ क्रांति अनबामे सफल सिद्ध भेलाह। फेर कबि विजय दत्त मणि अपन कविता ‘ हम अपन देश खोजैत छी’ सँ सभके टकटकी लगेबा पर विवश कS देलखिन। फेर युवा कवि सुमित मिश्र गुँजन अपन धरिगर कविता ‘ हाथ में ऐ सत्ता सरदार ताकू’ सँ सभकें अन्तर्मनकें झकझोरि देलक। तकर बाद फेर युवा कवि मुख्तार आलम अपन कविता ‘राजनीति’ सँ नीक समाद छोडबामे सफल भेलाह। तकर बाद कवि श्यामानन्द निशाकर अपन कविता ‘ठेकान’ सँ लोककें ठेकानक प्रयास केलथि आ सफल भेलाह। फेर कवि सुभाष सिनेही अपन कविता ‘ आशा’ सँग लोकमे आस जगौलथि। फेर कवि अक्षय आनन्द सन्नी अपन गीत ‘ राइत इजोरिया चान कारी, किछु बात भेलैए’ सँ लोकक मन मोहि लेलक। तकर बाद कवि अएलाह प्रणव नार्मदेय अपन कविता ” राक्षस राजा’ समसामयिक समस्या पर नीक रचना सँग। फेर कवि मनोज झा मुक्तिक अपन गीत ‘ चढ़ल मास साओन’ गाओलक। फेर कवि प्रीतम निषाद जी अपन कविता ‘ मातृभाषा’ क पाठ कएलक। फेर कवि दिप नारायण विद्यार्थी अपन गजल ‘ बाते बात मे बात चलल त’ हमहुँ एकटा बात कहै छी’ बहुत सुंदर प्रस्तुत कएलाह। तकर बाद कवि अयोध्यानाथ चौधरी अपन गीत ‘ प्रकृतिक अजब खेल, बुझब कठिन छै’ गाबि कS सभागारमे सभके बन्हने रहलाह। फेर कवि सदरे आलम गौहर एकटा गजल ‘ हम राइत अन्हरिया हमर चान अहीँ छी सँ सभागारकें मुग्ध कS देलाह। फेर कवि मणिकांत झा मणि अपन गीत ‘ सम्मानक भुक्खल नहि रहलहुँ, मिथिला माटि तिलक लगाबी एतबहि बस अभिलाषा” सँ लोकक धेयान आकर्षित कएलाह। तकर बाद कवि प्रो० सत्यनारायण झा अपन कविता ‘ बदलि गेल आब गाम’ ल्Sक अएलाह आ अपन छाप छोड़’ मे समर्थ भेलाह। अहि उपरांत कवियित्री अभिलाषा अएलीह पहिने ओ अपन मधुर स्वरमे सुंदर स्वागत गान आ तकर बाद एकटा कविता ‘ हमरा निम्मन लगैत अछि रुइया जकाँ उड़िआयत मेघ’ पाठ कएलीह। फेर कवि फेर मैथिल प्रशांत अपन जोशगर गजल ‘ नियार अछि जे बरछी गरांस तरुआरि भ’ जाए, पैघ पैघ गाछ के’ निबा दी अन्हड़ बिहाड़ि भ’ जाए। फेर कामत जी अपन व्यंग्य कविता ‘ यौ भैया ई बिहार छै’ पाठ कएलाह। ततपश्चात अनिल झा अपन कविता ‘भाषा’ पाठ कएलाह। ततपश्चात कवि अवधेश अनल कविता’ आत्महत्या’ सँ लोककें झकझोर’ मे समर्थ भेलाह। फेर कवि दयाशंकर मिथिलांचली एकटा लल्कारैत हुँकार भरैत कविता पढलाह। फेर कवि काशिकान्त झा ‘ नांगट उघार नवका डिजाइन बनल’ सुंदर प्रस्तुत कएलाह। फेर कवि नवीन नवेन्दु जी अपन रचना ‘ रातिए एलिऐ भोरे पड़ेलिए, नयन नै तिरपित भेल’ समाजिक दारुण व्यथाक चित्रण कएलाह। फेर कवियित्री पूनम झा मैथिली अपन कविता ‘ मारो मुँह ध’क’ बहुत नीक सँ प्रस्तुत कएलीह। फेर कवि दिलीप कुमार झा कविता ‘ ‘अहीँ बचा सकै छी जानकी’ सँ पुनः सभागारमे जोश भरलाह। एकर बाद कवि रामबाबू सिंह यानी हमर कविता ‘ उद्धारक आस मे’ पाठ कएल्। फेर कवि सत्येंद्र मिश्र अपन कविता ‘धूप बदलि गेल छांव बदलि गेल, शहर सँ बेसी गाम बदलि गेल’ पाठ कएलाह। फेर कवि शुभाष चंद्र झा अपन कविता ‘ सहरसा’ पाठ कएलक। तकर बाद कवि अएलाह मैथिली सहित्यजीवी अजीत आजाद एकटा गीत ‘निर्माण भ’ रहल पोखरि सन अनमन अछि जीवन गाबि कS सभागारमे फेर सँ जोश भरि देलक। फेर कवि अएलाह कथाकार कवि प्रो० अशोक मेहता एकटा गीत ‘हम कवि छी कविता करब हमर काज’ केर सुरीगर स्वर सँ माहौल सुरमय कS देलाह। फेर कवि अएलाह कमलेश प्रेमेंद्र हास्य व्यंग्य कविता दहेज प्रथा आधारित ‘हमरा नहि चाहि दहेज, लड़की चाही धपधप गोर’ सँ सभामे सभक चेहरा दमका देलक आ ततपश्चात कवि अएलाह हास्य व्यंग्यक जनक आदरणीय जय प्रकाश चौ० जनक अपन दूटा कविता एकटा ‘तोरा की हेतौ है रौ अभगला घसल कपाड़” आ दोसर भविष्यमे होम बला किछु उनटा सीधा व्यवहार पर तितगर मिठगर प्रहार सँ सभागार ठहाका सँ गुंजायमान भेल छल। अंतमे बारी एलनि कवि से गीतकार अहि कवि सम्मेलन केर अध्यक्ष कविवर दिगम्बर झा “दिनमणि” ओ पहिने भाषायी महत्व पर अपन बात रखलाह फेर दू गोट गीत राति सपनामे की की देखलिए, हुनका सपनेमे छाती सटौलिए। आ तकर बाद आदरणीय प्रवीण नारायण चौधरी जीक स्वरमे एकटा समदाउन सुनल गेल जाहिसँ सभागारमे उपस्थित लोक एक दोसर सँ विदाई लेबाक भाव सँ हृदय भरि गेल। आ तकर बाद धन्यबाद ज्ञापन सुधांशू शेखर झा कएलनि। अहि मन्च सँ सीतामढ़ी निवासी फ़िल्म निर्माता आदरणीय बलबंत शास्त्री जी हृदय सँ मिथिला राज्यक समर्थन पर जोर देलनि आ सभक एकजुट प्रयास हेतु आह्वान सेहो कएलाह।
सीतामढ़ीक मैथिली कवि सम्मेलन आयोजन निश्चित रुपसँ मिथिलाक ऐतिहासिक माटि पर एकटा ऐतिहासिक संगहि क्रांतिकारी डेग सिद्ध भेल अछि। जाहि आयोजनमे अनेको प्रवुद्ध लोक सम्मलित भेलाह। आओर अहि आयोजनकेँ सफल बनेबा मे पार्टिजोनक संचालक आदरणीय मनोज जी, कवि सम्मेलन केर संयोजक सुधांशु शेखर झा, स्थानीय मीडिया कर्मी आ सीतामढ़ी फेसबुक पेज संगहि इम्पल्स कोटाक योगदान प्रमुख रहल। अहि सुअवसर पर साहित्यिक सांस्कृतिक आ समाजिक क्षेत्रक कतेको लोककेँ सम्मानित सेहो कएल गेल। जाहिमे मैथिली सिनेमाक चर्चित अभिनेता अनिल मिश्र, फ़िल्म निर्माता बलबंत शास्त्री संगहि मिथिला राज्य अभियानी राजेश झा आदि प्रमुख छलथि।
कुल मिलाकS दशकों बाद अहि तरहें विविध विधा सँ भरल पुरल कवि गणक#विराट_सम्मेलन केर साक्ष्य माँ जानकीक प्राकट्य भूमि सीतामढ़ी बनल। ई कोनो संजोग नहि आ जँ एकरा बीजारोपण कही त’ कोनो अतिशयोक्ति नहि। मिथिलाक कोनेकोन सँ झमटगर उपस्थ्ति आ एकमंच सँ मैथिलीक संवर्धन हेतु हुँकार करबामे माँ जानकीक आशीर्वाद त’ अछिए संगहि भविष्यक हेतु शुभ संकेत सेहो अछि। सीतामढ़ीक अहि आयोजन सँ आब आशान्वित छी जे सीतामढ़ीमे आब निरंतर साहित्यिक सांस्कृतिक आयोजन सँ मैथिलीक पल्वित पुष्पित होयत रहत। सीतामढ़ीक माटि- पानि के’ शत शत नमन।
जय मिथिला | जय मैथिली | जय जय मिथिलाक्षर |
अहि कार्यक्रमकें विस्तृत रिपोर्ट मिथिला मिरर केर यूट्यूब चैनल पर सेहो नीचा देल लिंक पर देख सकैत छी।
https://youtu.be/syxqxThEpEU