विशेष सम्पादकीय
मधुबनी सँ सीखू मिथिलाक समस्त जिलावासी
*वर्तमान जिलाधिकारी मधुबनी कियैक कहाइत छथि डा. जार्ज अब्राहम ग्रियर्सनक पुनर्अवतार
*सरकारी योजनाक पैसा कतय खर्च होएत अछि
*कियैक छी हमरा लोकनि एखन धरि विपन्न, कियैक पलायन रोग डसैत अछि हमर मिथिला समाज केँ

मुदा, एहि चुनौतीपूर्ण कार्य केँ जमीन पर सुचारू ढंग सँ चलेबाक लेल नागरिक कर्तव्य कि? हमरा लोकनि स्वयं कतेक सजग छी? लोकतंत्र मे हमरा सभक चुनल सरकार आ जनप्रतिनिधि द्वारा एहि दिशा मे कतेक योजना, कार्यक्रम, नीति आदि निर्माण भऽ रहल अछि? आर जे नीति वा प्रोजेक्ट्स आदि सरकार निर्धारितो करैत अछि तेकरा जमीन पर कतेक सुचारू ढंग सँ क्रियान्वयन कयल जा रहल अछि? एहि सभ प्रश्नक उत्तर ताकैत मिथिलाक्षेत्रक एकटा जिला ‘मधुबनी’ आदर्श जिलाक रूप मे, संभवतः पूरे भारत देशक एकटा महत्वपूर्ण जिलाक रूप मे गानि सकैत छी। बहुत प्राचीनकाल सँ एहि जिलाक विभिन्न गाम मे कला, पर्यटन, संस्कार, शिक्षा, विकासक अनेकों ढिक्का जाहि तरहें बढैत देखाइत अछि तेकर प्रशंसा उच्च-स्तर पर करहे टा पड़त। जहिना १९म शताब्दीक पूर्वार्ध सँ उत्तरार्ध धरि एतय अंग्रेजी शासकक हाकिम विद्वान् कोलब्रुक या ग्रियर्सन या अन्य केर संग मैथिल विद्वान् चन्दा झा सँ अनेकानेक शब्दकोशकार, व्याकरणाचार्य, नैय्यायिक, आदिक नाम अबैत अछि ओ सब एहि जिला केँ विश्व मानचित्र पर एकटा अलगे विशिष्टता प्रदान करैत अछि। सौभाग्य देखू एहि जिलाक – वर्तमान जिलाधिकारी श्री शीर्षत कपिल अशोक एतेक नीक ढंग सँ अपन कर्तव्यनिर्वहन कय रहल छथि आर हिनकर कार्यशैली सँ एतेक प्रभावित आ प्रेरित होयबाक अवसर भेटैत अछि जे हिनका डा. ग्रियर्सनक पुनर्अवतार मानय मे हमरा कनिको असोकर्ज नहि बुझाइत अछि।
श्री शीर्षत कपिल अशोक संग महत्वपूर्ण सत्संग भेल छल स्व. चतुर्भुज आशावादी स्मृति समारोह मधुबनी मे। ओ बहुत आत्मविश्वास संग मधुबनी आ मिथिलाक ऐतिहासिकता मे कला, संस्कार, मूल्यवान् परम्परा, साहित्यिक सृजन आदिक चर्चा करैत अपन कार्यकाल मे एहि जिला केँ विश्व भरि मे नाम प्रसारित करबाक वचनबद्धता प्रकट कएने छलाह। हालहि हिनकर अध्यक्षता मे एकटा महत्वपूर्ण बैसार संपन्न भेल अछि, १० अप्रैल केँ मिथिला कला विकास समिति केर बैठक बैसल जाहि मे मधुबनी जिलाक सक्रिय संस्था, व्यक्ति, समाजसेवी, साहित्यकार आदिक नीक उपस्थिति छल। ई एहि तरहक बैसार करबिते रहैत छथि। मिथिला लोक चित्रकला/हस्तशिल्प केर विकास, उचित प्रचार-प्रसार, कलाकार लोकनि केँ आवश्यक सामग्री/संसाधन मुहैय्या करेबाक विन्दु पर विचार-विमर्श तथा महत्वपूर्ण सुझाव उपलब्ध करेबाक लेल श्री शीर्षत कपिल अशोक, जिला पदाधिकारी, मधुबनी द्वारा जिला स्तर पर मिथिला कला विकास समिति केर गठन कयल गेल अछि। कला विकास समितिक बैसार मे माननीय सांसद, मधुबनी एवं झंझारपुर लोक सभा क्षेत्र केर प्रतिनिधि, सब माननीय विधायक लोकनि, अध्यक्ष – जिला परिषद/नगर परिषद, पद्मश्री श्रीमती बौआ देवी, जितवारपुर, शिल्पगुरू श्रीमती गोदावरी दत्ता, रांटी, उप विकास आयुक्त – मधुबनी, अपर समाहर्ता – मधुबनी, मैथिली/कला विभागाध्यक्ष, ल. ना. मि. वि. वि., दरभंगा, सहायक निदेशक, हस्तशिल्प, वस्त्र मंत्रालय, मधुबनी, निदेशक, डी.आर.डी.ए., मधुबनी, जिला अल्पसंख्यक कला पदाधिकारी, मधुबनी, प्रशासनिक पदाधिकारी, जि. वि. प्र., मधुबनी, न. उपसमाहर्ता, मधुबनी, प्र. वि. पदाधिकारी, रहिका, राजनगर, झंझारपुर, डी.पी.एम., जीविका, मधुबनी, सचिव, चेतना समिति, पटना, मुखिया, ग्राम पंचायत राज, जितवारपुर,रामपट्टी, रैयाम, नेशनल अवार्डी श्री शिवन पासवान, जितवारपुर, श्रीमती सुधीरा देवी, सिक्की कला प्रशिक्षण केन्द्र, रैयाम, स्टेट अवार्डी श्री रेमंत कुमार मिश्र, जितवारपुर, श्री विपुष कारक, महंथी लाल चैक, श्री विमलेश कुमार झा, जितवारपुर, श्रीमती विनिता झा, रामनगर, श्री महेश्वर ठाकुर, सिक्की कला प्रशिक्षण केन्द्र, रैयाम, श्री षष्ठीनाथ झा, सचिव, ग्राम विकास परिषद, मधुबनी, श्री इंद्रभूषण उर्फ बमबम जी, इप्टा मधुबनी, अध्यक्ष/सचिव, चैंबर आॅफ काॅमर्स,मधुबनी, मिथिला चैंबर आॅफ काॅमर्स, जयनगर, अध्यक्ष/सचिव, अयाची मिश्र डीह, सरिसवपाही/वाचस्पति मिश्र डीह, अंधराठाढ़ी, याज्ञवल्यक आश्रम, जगवन, उत्तरी बिस्फी, सौराठ सभा, मधुबनी, विद्यापति विकास समिति, विस्फी, विद्यापति विकास समिति, साहपुर, प्रधान पुजारी, एकादश रूद्र महादेव, मंगरौनी, उगना स्थान, पंडौल, गिरिजा स्थान, फुलहर, हरलाखी, कपिलेश्वरस्थान, रहिका, उच्चैठ भगवती स्थान, बेनीपट्टी, श्रीमती सुमन कुमारी, सचिव, सखी संस्थान, अंधराठाढ़ी, श्री राकेश झा, क्राफ्टमैन, अंधराठाढ़ी, क्लब मधुबनी केर अध्यक्ष, श्री डी. पी. कर्ण, मानवाधिकार कार्यकर्ता सहित अन्य सदस्य केँ आमंत्रित कयल गेल छलन्हि। एहि तरहक सर्वसमावेशिकताक सिद्धान्त पर कार्य करैत सार्थक प्रगति लेल प्रयास केर जतेक प्रशंसा हो से कमे होयत।
अफसोस, ई जागृति अन्य जिला मे नहि देखाइत अछि। जँ होइतो अछि त तरे-तरे कागजहि पर। संचारक्षेत्र मे एहि सब विन्दु पर समाचार भेटब विरले संभव होइछ। त कि ओ जिला बिहार सरकार केर नीति आ कार्यक्रम सँ इतर अछि? कि हम सब सुसुप्तावस्था मे छी आर एहि सब बात सँ कोनो सरोकार नहि रखैत छी? कि साहित्य, कला, पर्यटन, संस्कृति हमरा सभक सरोकारक विषय नहि थिक? एहेन बहुत रास प्रश्न हरेक जिलावासी केँ मधुबनी जिलाक उदाहरण सँ सीखक आवश्यकता अछि। सिर्फ जीविकोपार्जन लेल पलायन टा उपाय नहि, गामहुँ केर जमीन केँ बंजर बनय सँ रोकब आ अपन रोजी-रोटी लेल एतय सेहो सत्प्रयास मे लागब हमरे सभक कर्तव्य थिक। जिला-प्रशासन सँ सहकार्य, प्रखंड संग सहकार्य आ पंचायत स्तर पर कार्यरत जनप्रतिनिधि सँ लैत अपन क्षेत्रक विधायक, संसद आ समाजसेवी, शिक्षाविद्, बुद्धिजीवी आदि संग उचित सहकार्य करैत क्षेत्रक सरोकार पर चिन्तन-मनन करब, जे किछु संभव अछि ताहि दिशा मे डेग बढायब, ई सब हमरे लोकनिक कर्तव्य थिक। एहि दिशा मे सेहो जनजागरण होयब आवश्यक अछि। जँ अहाँ नहि जागब त तरे-तरे कागजे पर सरकारी योजना पर काज होएत देखाकय सरकारी पदाधिकारी आ दलाल प्रवृ्त्तिक जनप्रतिनिधि लोकनि आपस मे बन्दरबाँट करता। हम-अहाँ सब दिन विपन्न रहि जायब। अतः आजुक एहि सम्पादकीय लेख केँ सम्मान दैत अपने लोकनि अपन-अपन क्षेत्रक जागरुकता आ सुसुप्तता दुनू बातक लेखा-जोखा निकालब। संभव हो त मैथिली जिन्दाबाद पर प्रकाशनार्थ उचित समाचार-विचार जरूर पठायब।
हरिः हरः!!