सफलता केना भेटैत छैक, नैतिक शिक्षा कियैक आवश्यक

सक्सेसः गेट इट बाइ हूक एन्ड क्रूक!!

सफलता भेटय ई सभक लक्ष्य रहैत छैक। लेकिन सफलता पेबाक लेल जे योग्यता छैक ताहि लेल परिश्रम आ लगन केकरा मे कतेक छैक, ताहि बात पर निर्भर करैत अछि। परिश्रम आ लगन बीचक केमिस्ट्री केँ जे कियो बुझैत अछि, ओ सफल हेब्बे टा करैत अछि। जा धरि ई ज्ञान नहि भेटत, सफलता अहाँ सँ रूसल रहत।
 
टारगेट सेट करब एक्स्ट्रा ओर्डिनरी छात्र केर काज होएत छैक। जेकरा मे ई पौरुष रहैत छैक जे हम ई गोल एचीव करब, वैह गोल सेट करैत छैक। आर फेर गंभीरतापूर्वक अपन योजना अनुरूप विभिन्न बाधा सब सँ लड़ैत, खसैत-पड़ैत ओ छात्र अपन मंजिल पर अवश्य टा पहुँचैत छैक।
 
तहिना ओहि एक्सट्रा ओर्डिनरीक बाद एकटा वर्ग होएत छैक ब्रिलियेन्ट स्टूडेन्ट सभक। ओहो सब टारगेट सेट करैत छैक, मुदा प्लान ए, प्लान बी यानि असफलताक भय सँ अपना केँ निर्भय बनेबाक लेल पहिनहि सँ दू या चारि गोट विकल्प लेल अपना केँ तैयार करैत अछि। अपन ब्रिलियेन्स सँ ईहो छात्र सब सफल रूप सँ कोनो न कोनो मंजिल पर पहुँचिते टा छैक।
 
तेकर बाद आबि जाउ ओहि वर्ग पर जे औसत अपन समय पढाई (अध्ययन) मे देलक आर लगभग फर्स्ट या सेकेन्ड डिवीजन सँ पास कय केँ अपन मंजिल समय अनुकूल आ तैयारीक मोताबिक जे भऽ जेतैक ताहि ठाम पहुँचिकय जीवन सफल रूप सँ निर्वाह कय लेतैक, बस किछु तेहेन टाइपक अभरैत अछि।
 
चारिम भेल जे कोनाहू पास भेलहुँ। जीवन मे जे भेटत से बहुते भेल। आत्मसंतोष केर अभ्यास केने सुख। नहि किछु भेटत त लेबरगिरिये करब मुदा जीवन अपन स्वाभिमान संग जियब।
 
आब पाँचम, छठम् आ सातम सँ लैत अनेको दम धरिक गिनती छात्र लोकनिक वर्ग (कैटेगरी) निर्धारित करय मे अपन-अपन विजन सब कियो प्रयोग कय सकैत छी। मुदा एकटा शिक्षक केर रूप मे बहुतो वर्ष धरि काज करबाक अनुभव सँ हम अपन विचार बस उपरोक्त चारि वर्गक छात्र पर सदैव फोकस करैत रहल छी। ई चारू वर्गक छात्र ईमानदारी सँ अपन योगदान दैत देखैत छी। बेईमानी, शैतानी, गलत धंधा आ भ्रष्टाचारी एहि चारि वर्ग मे हमरा नहि भेटैत अछि। कारण ई चारू वर्ग अपन जीवन आ टारगेट अपन योग्यता अनुरूप निर्धारित करैत अछि, मोन मे बेईमानी कतहु नहि रखैत अछि। अपन क्षमता जतेक बनल ततेक लब्धि सँ प्रसन्नता भेटि जाइत छैक। हमरा एहि संसार लेल खतरा बाकी विभिन्न वर्ग सँ देखाइत अछि।
 
पढब-लिखब घोड़ा घास नहि लेकिन जीवनक सब लब्धि हमरे चाही… ई एटीच्युड केँ हम सब सँ बेसी डेन्जरस मानैत छी। एहि तरहक बच्चा काफी महात्वाकांक्षी होएत अछि। बेसीकाल माय-बापक दुलारू सभ केर हाल एहि तरहक भऽ जाइत देखल हम। अतः ई बच्चा सब या त माय-बापक अर्जल सम्पत्ति पर फूटानी करत, या चोरी-डकैती, लूटपाट, हत्या… कोनो तरहक अपराध कय केँ अपन सख-मौज सब पूरा करबाक लेल आतूर रहैत अछि। एहेन बच्चा केँ उचित नैतिक शिक्षा आ जीवनक संघर्ष सँ परिचय करेनाय बड जरूरी होएत छैक। हम रेकमेन्ड करब मोरल साईंस केर पुस्तक एहि बच्चा सब केँ नहि सिर्फ अभ्यास कराउ, बल्कि ओकरा सँ ओहि स्टोरीज सब सँ कि सीखल गेल आर एकरा ओ अपन जीवन मे कोन तरहें उतारि सकत ताहि पर बहुत पहिनहि सँ ध्यान देनाय जरूरी छैक।
 
फेल्यर्स आर द पीलर्स अफ सक्सेस – ई पाठ हरेक कमजोर माथक बच्चा केँ देनाय अनिवार्य अछि। फेल भेनाय बेजा बात नहि छैक। फेल भेनाय ठेस लागब जेकाँ छैक। जखनहि अन्चोके मे अकचका कय चलब, ठेस लगबे टा करत। तहिना एतबा चलइये पर गंभीरो नहि भऽ जाउ जे गंभीरा देवी जेकाँ आन बात सब किछु मोने नहि रहत आ बस चलिते-चलिते अपन मंजिले बिसैर गेलहुँ, जाय के रहत कतय चलि जायब कतय। माने जे ठीक-ठीक चौंकन्ना रहिकय पढय-लिखय सँ लय अपन माय-बाप आ परिजन संग गुरु, ईष्टमित्र आदिक संग सब बात नीक सँ निर्वाह करू। सफलताक ई सहज कूँजी सिद्ध होयत।
 
शिक्षाक जाहि पद्धति पर हमरा लोकनि आइ-काल्हि चलि रहल छी ताहि मे घरैया लूरि केँ कतहु मोजर नहि देल गेनाय हमरा बुझने सर्वथा दोषपूर्ण अछि। घरैया लूरि मे हिन्दू समाज द्वारा जे जाति-आधारित श्रमशक्ति सँ कर्म करब आ जीवन चलेबा लेल आत्मनिर्भर होयबाक शक्ति छैक ताहि केँ कियो नहि बिसरत तऽ ई दुनिया ओकरा बेसी नीक आ सुखमय लगतैक। नहि त संघर्षक अन्त कतहु नहि देखि ओकर मोन टुटबाक खतरा रहतैक। से कनेक ई ध्यान राखल जाय जे हमर घरक परम्परा मे कि सब होएत रहल अछि, तेकरा त मिनिमम टारगेट केर रूप मे सेट कय हम निर्वाह करबे टा करब।
 
जीवन मे कोनो बात छोट या पैघ नहि होएत छैक। जा धरि छोट नहि हेतैक, ता धरि पैघ नहि हेतैक। पैघ ई दाबी करत जे हमहीं जे छी से छी ई ओकर भ्रम थिकैक। बड़का जहाज हो या राकेट, छोट-छोट ढिबरीक प्रयोग कय पार्ट-पार्ट केँ यदि कसल नहि जेतैक तऽ ओहि जहाजक ओकादि अपन कर्मकाण्ड करय योग्य कदापि नहि भऽ सकतैक। तैँ, छोट आ पैघ सब केँ मिलिकय संसार केँ नीक बनेबाक परम्परा अदौकाल सँ रहलैक अछि, ई ध्यान राखब।
 
ठीक छैक, अन्त मे हम फेर कहब – कृपया नैतिक शिक्षाक पाठ हम-अहाँ आ बच्चा सब कियो कखनहुँ आ कतहु सीख सकैत छी, ओकर उपयोगिता सँ जीवन सुन्दर बना सकैत छी। आर हँ, ई सिर्फ हमर विचार अछि। अहाँक विचार भिन्न भऽ सकैत अछि। सफलताक सूत्र अलग भऽ सकैत अछि। अपन प्रतिक्रिया मे ओ उपयोगी सीख आ शिक्षा अपन सुन्दर लेख सँ हमरा सब केँ जरूर कराउ, सेहो मैथिली मे। कारण मैथिली मातृभाषी लेल मैथिली मे शिक्षा…. हाहा, सीधा मोनक भित्री पटल पर टिपा जाइत छैक। अस्तु! पुनः दर्शनाय!!
 
हरिः हरः!!