संपादकीय
पप्पू यादव: उत्तर बिहारक एकमात्र मुहगर नेता
जमीन सँ उठल – तरह-तरह केर विवाद सँ घेराइतो – अनेको वर्ष जेलक यातना काटलाक बाद पुन: अपराधीक लागल टैग भारतीय न्यायाधिकरण द्वारा हँटेलाक बाद मिथिलाक हृदयक्षेत्र कोसीक लाल पप्पू यादव केर जीवन मे आइ फेर सँ एकटा नव अवतार भेल। जाहि गुनधुन मे विगत किछु मास सँ पप्पू यादव – वर्तमान मधेपुरा सांसद पर हुनक दल राष्ट्रीय जनता दल द्वारा कार्रबाई करबाक हवा बहि रहल छल से आइ अन्ततोगत्वा आदेशक रूप मे सामने आबि गेल।
पप्पू यादव केर बढैत वर्चस्व सँ राजद सुप्रीमो आ हुनक युवराज पुत्र कन्हुआयल
बिहार मे विधानसभा चुनाव देखैत एक दिशि तथाकथित जनता परिवार एक भऽ रहल अछि, लेकिन वैह जनता परिवारक एक प्रमुख धरा आरजेडी मे सुप्रीमो लालू यादव व युवराज पुत्र तेजस्वी यादव केर वर्चस्व आ परिवारवाद राजनीति करबाक जानल-मानल शैलीक चलते पप्पू यादव केँ अनावश्यक आरोप ‘पार्टी विरोधी गतिविधि’ केर कारण पार्टी सँ ६ वर्षक वास्ते निष्कासित कैल गेल अछि। विदित हो जे पप्पू यादव माटि सँ जुड़ल कोसी कर्मक्षेत्र सहित सगरो मिथिला (उत्तरी बिहार) केर उपेक्षा लेल कतेको बेर आवाज उठा चुकला अछि। मजबूत राजनैतिक दृष्टिकोण, केवल कर्म-प्रधानताक सिद्धान्तपर राजनीति करबाक बात, पार्टी मे पारिवारिक विरासत चलेबाक विरोधी, लोकतांत्रिक तौर-तरीका सँ कोनो निर्णय लेबाक पक्षधर – पप्पू यादव लालू केँ प्रेरणाक स्रोत मानितो पुत्रमोहक कारण पार्टी हितकेँ अनदेखी करब आ अपन विरासत केँ कायम रखबाक लेल खतराक रूप मे उभरैत नेताकेँ मानबाक प्रवृत्तिकेँ खुलेआम विरोध करैत आयल छथि। हालहि अपन एक ब्लग-पोस्ट द्वारा जननेताक पहिचान मे स्वयं लालूजी कोनो विरासत सँ नहि अयबाक बात कहि ओ एकटा उदाहरण अपन पार्टीक आलाकमान सहित अन्य नीति बनौनिहार केँ संवाद देने छलाह। तथापि, जेना आशंका छलैक, वैह कार्रबाई आइ एकटा जननेता संग कैल गेलैक आर एहि तरहक चुनौती भरल समय मे पप्पू यादवक नव-अवतार होयबाक एकटा लंबा इतिहास आइ धरिक अनेको प्रकरण मे देखल जा सकैछ।
पप्पू यादव केर प्रतिक्रिया: लालूकेँ विरासत पर खतरा बुझेलियैन हम
पप्पू यादव टेलिविजन पर प्रतिक्रिया दैत कहलैन जे ‘लालू यादव केँ अपन विरासत केर खतरा छल ताहि लेल हमरा निकालल गेल अछि। हम सामाजिक न्याय केँ मजबूत करबाक बात केने रही। आब अपन जनताक बीच जायब आ तखन डेग बढायब।’ कार्रवाई पर सांसद यादव आरजेडी सँ सवाल केलनि जे, ‘रघुवंश बाबू सेहो मांझीक पक्ष मे बयान देने छलाह। तखन काली हमरा ऊपर एक्शन कियैक?’ निश्चित रूप सँ पप्पू यादव विगत किछु मास सँ लगातार कहैत आबि रहला अछि जे नेतृत्व लेल जनाधार, दृष्टिकोण आ अनुभवक संग योग्यताकेँ आधार बनेबाक चाही, परिवारवाद कोनो लोकतांत्रिक पार्टी लेल न्यायोचित नहि होयत। संगहि, जीतन राम मांझी सरकार लेल ओ खुलिकय समर्थन सेहो व्यक्त केने छलाह।
पप्पू यादव ‘मिथिला राज्य’ अलग गठन करबाक इशारा पहिनहि कय चुकल छथि
पिछला लोकसभा चुनाव सँ पूर्व श्री यादव अपन पूर्ण दृष्टिकोण साफ कय चुकल छलाह जे मिथिलाक हरेक क्षेत्रक उपेक्षा हुनका काँट जेकाँ गड़ि रहल अछि। ओ एहि वास्ते जमीनी संघर्ष शुरु करता आ पटना सँ न्याय फरिछा कऽ दम लेता। अपन चुनावी अभियान मे सेहो ओ भारतक स्वतंत्रताक बादहि सँ बिहारक कोनो सरकार गंगा उत्तर लेल गंभीर नहि भेल, ताहि दमनपूर्ण नीतिक कारणे अलग राज्य गठन करबाक औचित्य सेहो बनैत अछि। मिथिलाक जनता मे पप्पू यादव द्वारा कैल गेल आह्वान सँ एकटा नव आशा जागि गेल छल। निश्चिते यदि एहि क्षेत्रक लोककेँ स्वराज्य नहि भेटत तऽ विकास लेल ओहिना बेइमानीपूर्ण बँटवाराक काज होयत जेना हालहि केन्द्र सरकार सँ गंगा उत्तर एकमात्र मुजफ्फरपुर छोड़ि आन कोनो शहरकेँ स्मार्ट सिटी योजना तक मे स्थान नहि दियायल जा सकल। बिहार मे दोसर एम्स खोलबाक योजना केन्द्र द्वारा घोषित अछि, तरे-तरे ओहो एहने कोनो षड्यन्त्रपूर्ण निर्णयक शिकार नहि बनि जाय। विडंबना इहो अछि जे एहि क्षेत्रक कोनो नेताक मुहमे आवाज आबिते ओकरा पर अत्याचार तरह-तरहक शुरु भऽ जाइत अछि। जरुरत अछि जे उत्तरी बिहार मे एकटा वैकल्पिक गठबंधन सँ पटनिया दमनकेर प्रतिकार हो। ताहि गठबंधनकेँ एकमात्र पप्पू यादवक आवश्यकता अछि से भैरसक आब पूरा होयत।