नेपाल मे आर्थिक वर्ष २०७५-७६ केर नीति तथा कार्यक्रमक घोषणा मे मिथिला-मधेस लेल कि?

विचार

– कौशल गोपालवंशी

२०७५/७६ केर नीति तथा कार्यक्रम केँ देखैत त हमरा एहेन लगैत अछि जे नेपाल मे कोनो तरहक राजनीतिक तथा भौगोलिक समस्ये नहि छैक, मात्र आर्थिक क्रान्तिक जरुरी छैक तेहेन लगैत अछि। आर, नेपालमे सब ठाम एक-समान विकास चाही रहल अछि, कियैक तँ कोनो पिछड़ल क्षेत्रक लेल कतहु विशेष आर्थिक पैकेज घोषणा करबाक त चर्चे नहि भेटैत अछि एहि नीति मे।

काल्हि घोषित १०३ बुँदे नीति मे ‘मिथिला मधेस’ व ‘समग्र मधेस’ लेल कि सब नीति आयल? एहि प्रश्नक मादे कथित नीति केर विश्लेषण कयला पर निम्न महत्वपूर्ण बात सोझाँ अबैत अछि।

१. बुँदा २ मे जेकरा कारण नेपालमे संघीय संविधान लागू भेल तेकर नामहुँ तक नहि लेल गेल अछि। मधेस आन्दोलन तथा मधेसी सहिदक चर्चा तक नहि कयल गेल अछि। 

२. बुँदा ४, ८ तथा ११ मे राष्ट्रवाद केर गुण गाबिकय मधेसी समुदाय पर निसाना साधल गेल अछि। अखण्डता आर खोखला राष्ट्रवाद पुनः एहि मे खूब नीक जेकाँ स्थापित करबाक नियति देखल जा रहल अछि। 

३. तेनाही प्रदेश सरकार केँ निसाना बनबैत बुँदा १२ मे राष्ट्र मे कोनो तरहक अराजकता स्वीकार नहि होयत से बात कहल गेल अछि। 

४. बुँदा १३ मे राष्ट्रक कोनो भूभाग विकसित भेला सँ देशे विकसित नहि होएत छैक से कहल गेल अछि, मुदा कोनो भूभाग द्वारा संविधान मानि लेला सँ देशक समस्त लोक संविधान मानि गेल ताहि बातक चर्चा कतहु कयले नहि गेल अछि। 

५. समृद्ध नेपाल सुखी नेपाली कहिकय बुद्ध आर सागरमाथाक देश कहल गेल अछि मुदा माता जानकीक नाम नहि लैत सम्पूर्ण प्रदेश २ केँ अवहेलना कयल गेल अछि बुँदा १६ मे।

६. एहि तरहें औद्योगिक विकास मे जनकपुर चुरोट कारखाना पर विशेष ध्यान देबाक बात नहि कयल गेल अछि – सन्दर्भ बुँदा ४२/४३ मे।

७. हमर अपन जन्महि केर समये सँ बातहि-बातमे बनैत आबि रहल हुलाकी राजमार्ग आब पाँच वर्ष मे बनि जेबाक बात एक बेर फेर निरंतरता पेलक अछि, देखक चाही आखिर कि होएत छैक। 

८. जनता अवास कार्यक्रममे शुरुआतमे तँ तराईकेँ लक्षित कयकेँ आनल गेल कार्यक्रमकेँ एहि बेर पहाड़मे केन्द्रित कयल गेल अछि। 

९. बाढि सँ पीड़ित सदा-सदा लेल अन्त करब लेकिन ताहि लेल कोसी डाइवर्सन केर विषय मे कोनो विशेष जुड़ाव नहि देखायल गेल अछि। 

१०. हमेशा बाढि सँ धन‍-जनक बड पैघ क्षति होएत छैक, लेकिन ताहि लेल स्थायी बसोबास सरकार द्वारा कोनो विशेष ध्यान दैत नीति-निर्माण या पैकेज केर कतहु चर्चो तक नहि।

११. मधेसी समुदाय केँ दहेज प्रथा लेल देशे भरि मे अपमानित करब मुदा दहेज उन्मूलन आ न्युनीकरण लेल कोनो कार्यक्रम नहि आनब… ई विडंबना देखाएत अछि। 

१२. मधेसमे विद्यमान स्मस्या जेना बाल-विवाह न्युनीकरणक लेल सेहो कोनो ठोस कार्यक्रमक चर्चा कयल नहि देखायल। 

१३. पूरा पृष्ठभूमिमे पहाड़ शब्द ३ बेर आर तराई २ बेर मुदा मिथिला कि मधेस केर तऽ एकहु ठाम नामहु तक उल्लेख नहि अछि। 

१४. चुरे केर संरक्षणमे विशेष ध्यान मुदा तराईक प्राचीन-पुरातात्विक सम्पदा व धरोहर सभ जेना सिमरौनगढ, सलहेस, जनकपुरक जानकी मन्दिरक आदिक संरक्षणक लेल कतहु कोनो ध्यान तक नहि हिनका लोकनि केँ।

समग्र मे सब बात केँ देखला पर पिछड़ल आ सैकड़ो वर्ष सँ उत्पीडण आ विभेद मे पड़ल मधेस व मधेसीक लेल कोनो विशेष पैकेज नहि देल गेल अछि। मधेसक जनता आ नेता द्वारा बेर-बेर आवाज उठेलाक बादहु कियो कतहु सुननिहार नहि, विशेष पैकेज केर कोनो चर्चा नहि। 

हालहि प्रधानमंत्री ओलीजी द्वारा मैथिली भाषा मे कयल गेल ट्वीट जे प्रदेश २ केर सर्वदलीय प्रतिनिधि सब सँ भेंट कयकेँ नीक लागल आ हुनका लोकनि द्वारा आर्थिक पिछड़ापण केँ संबोधन करबाक मांग केँ आगामी बजट मे विशेष रूप सँ ध्यान राखल जायत, मुदा बजट घोषणाक पूर्व संध्या पर जारी ई आर्थिक नीति – राष्ट्रपतिक अभिभाषण मे प्रदेश २ केँ एहि तरहें उपेक्षित राखब पुनः हेपहा प्रवृत्ति मात्र केँ देखौलक।

(लेखक स्वतंत्र अध्येता तथा मधेस आन्दोलन केँ नजदीक सँ विश्लेषण करैत आबि रहल छथि।)