साहित्य अकादमी आ मैथिली

sahitya akademiभारतीय भाषाक समुचित प्रवर्धन करैत समूचा विश्व मे प्रसार करबाक मूल ध्येय सँ १९५४ ई. मे स्थापित राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था ‘साहित्य अकादमी’ केर नाम सँ स्थापना कैल गेल। कुल २४ भारतीय भाषाकेँ साहित्य अकादमी द्वारा मान्यता देल गेल अछि। एहि मे एक मैथिली सेहो अछि जेकरा १९६३ ई. मे नेहरुजीक विशेष पहल पर देल गेल अछि।

भारतक स्‍वतंत्रताक बहुत पहिले सँ भारत मे साहित्‍य केर राष्‍ट्रीय संस्‍थाक स्‍थापना करबाक प्रस्‍ताव विचाराधीन छल। 1944 मे, भारत सरकार रॉयल एशियाटिक सोसायटी ऑफ़ बंगाल केर एहि प्रस्‍तावकेँ सैद्धांतिक रूप सँ स्‍वीकार कय लेने छल जे सब क्षेत्र मे सांस्‍कृतिक गतिविधि केँ प्रोत्‍साहित करबाक लेल राष्‍ट्रीय सांस्‍कृतिक ट्रस्‍ट केर गठन कैल जेबाक चाही। ट्रस्‍टक अंतर्गत साहित्‍य अकादमी सहित तीन आरो अकादमी छल। स्‍वतंत्रताक पश्‍चात् भारतक स्‍वतंत्र सरकार द्वारा प्रस्‍ताव केँ अनुसरण करैत विस्‍तृत रूपरेखा तैयार करबाक लेल श्रृंखलाबद्ध बैठक बजाओल गेल। सर्वसम्‍मति सँ तीन राष्‍ट्रीय अकादमीक गठन करबाक निर्णय भेल, एक साहित्‍य लेल, दोसर दृश्‍यकला तथा तेसर नृत्‍य, नाटक एवं संगीत लेल। सरकार अकादमीक गठन केलक, लेकिन एक बेर गठित भेला पर ओ केकरो नियंत्रण मे नहि रहल और ओकरा स्‍वायत्त संस्‍थाक रूप मे कार्य करय वास्ते छोड़ि देल गेल। भारत सरकार अपन संकल्‍प सं. एफ-6-4/51 जी 2 (ए) दिनांक दिसंबर 1952 केर माध्‍यम सँ साहित्‍य अकादमी नामक राष्‍ट्रीय साहित्यिक संस्‍था केर स्‍थापना करबाक निर्णय लेलक। साहित्य अकादमीक विधिवत् उद्धाटन भारत सरकार द्वारा 12 मार्च 1954 केँ कैल गेल।

अकादमी केँ परिभाषा देल गेल छल – भारतीय साहित्य केर सक्रिय विकास वास्ते काज करऽवला एकटा राष्ट्रीय संस्था, जेकर उद्देश्य उच्च साहित्यिक मानदंड स्थापित केनाय, भारतीय भाषा मे साहित्यिक गतिविधि केँ समन्वित केनाय एवं ओकर पोषण केनाय तथा ओकर माध्‍यम सँ देश केर सांस्कृतिक एकता केर उन्नयन करब होयत।

हालाँकि अकादमीक स्थापना सरकार द्वारा कैल गेल अछि, तदापि ई एकटा स्वायत्तशासी संस्था केर रूप मे कार्य करैत अछि। संस्था पंजीकरण अधिनियम 1860 अंतर्गत एहि संस्थाक पंजीकरण 7 जनवरी 1956 केँ कैल गेल।

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भारत केर ‘नेशनल एकेडेमी ऑफ़ लेटर्स’ साहित्य अकादेमी साहित्यिक संवाद, प्रकाशन और ओकर देशभरि मे प्रसार करयवला केन्द्रीय संस्था थीक आर सिर्फ़ यैह एहेन संस्था अछि, जे कि भारत केर चौबीस भाषा, जाहिमे अंग्रेजी सेहो सम्मिलित अछि, ताहिमे साहित्यिक क्रिया-कलाप केर पोषण करैत अछि। अपन साठि वर्ष सँ अधिक गतिशील अस्तित्व द्वारा ई अपन निरंतर प्रयास सँ सुरुचिपूर्ण साहित्य तथा प़ढबाक स्वस्थ आदत केँ प्रोत्साहित केलक अछि; ई संगोष्ठी, व्याख्यान, परिसंवाद, परिचर्चा, वाचन एवं प्रस्तुति द्वारा विभिन्न भाषिक और साहित्यिक क्षेत्र मे अंतरंग संवाद केँ जीवंत बनाकय रखा अछि; कार्यशाला तथा वैयक्तिक अनुबंध द्वारा पारस्परिक अनुवादक गति केँ तीव्र केलक अछि; पत्रिका, विनिबंध, हर विधा केर वैयक्तिक सृजनात्मक रचना संचयन, विश्वकोश, शब्दकोश, ग्रंथ-सूचि, भारतीय लेखक परिचय-कोश और साहित्येतिहास केर प्रकाशन द्वारा एक गंभीर साहित्यिक संस्कृति केर विकास केलक अछि। अकादमी एखन धरि 6000 सँ ज़्यादा पुस्तकक प्रकाशित केलक अछि, अकादमी हरेक 19 घंटा मे एकटा पुस्तक केर प्रकाशन कय रहल अछि। प्रत्येक वर्ष अकादमी क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्‍ट्रीय स्तर केर कम सँ कम 50 संगोष्ठि केर आयोजन करैत अछि। एकर अलावे आयोजित होमयवला कार्यशाला और साहित्यिक सभा केर संख्या प्रतिवर्ष लगभग 300 अछि। ई कार्यक्रम लेखक सँ भेंट, संवाद, कविसंधि, कथासंधि, लोक : विविध स्वर, व्यक्ति और कृति, हमर आँखि सँ, मुलाकात, अस्मिता, अंतराल, आविष्कार, नारी चेतना, युवा साहिति, बाल साहिति, पूर्वोंत्‍तरी और साहित्य मंच जेहेन श्रृंखलाक अंतर्गत आयोजित कैल जाइत अछि।

अकादमी प्रत्येक वर्ष अपना द्वारा मान्यता प्रदत्त चौबीस भाषा मे साहित्यिक कृति आदिक लेल पुरस्कार प्रदान करैत अछि, संगहि एहि भाषा मे परस्पर साहित्यिक अनुवादक लेल सेहो पुरस्कार प्रदान करैत अछि। ई पुरस्कार साल भरि चलल संवीक्षा, परिचर्चा और चयन भेलाक बाद घोषित कैल जाइत अछि। अकादमी ओहि भाषाक क्षेत्र मे महत्त्वपूर्ण योगदान करयवला केँ ‘भाषा सम्मान’ सँ विभूषित करैत अछि, जेकरा औपचारिक रूप सँ साहित्य अकादेमी केँ मान्यता प्राप्त नहि अछि। ई सम्मान ‘क्लासिकल एवं मध्‍यकालीन साहित्य’ मे कैल गेल योगदानक वास्ते सेहो देल जाइत अछि। अकादमी प्रतिष्ठित लेखककेँ महत्तर सदस्य और मानद महत्तर सदस्य चुनिकय सम्मानित करैत अछि। आनंद कुमारस्वामी और प्रेमचंद केर नाम सँ एकटा ‘फ़ेलोशिप’ केर स्थापना सेहो कैल गेल अछि। अकादमी बेंगलूरु, अहमदाबाद, कोलकाता और दिल्ली मे अनुवाद-केन्द्र और दिल्ली मे भारतीय साहित्य अभिलेखागार केर प्रवर्त्तन केने अछि। नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी कैम्पस, शिलाँग मे जनजातीय और वाचिक साहित्य परियोजना केर प्रवर्त्तनक लेल एक परियोजना कार्यालय स्थापित कैल गेल छल। वर्तमान मे ई कार्यालय अगरतला मे स्‍थानांतरित कय देल गेल अछि तथा आरो कतेको कल्पनाशील परियोजना बनायल जा रहल अछि। साहित्य अकादमी केँ सांस्कृतिक और भाषाई विभिन्नताक ज्ञान अछि और ओ स्तर एवं प्रवृत्ति केँ ध्‍वस्‍त कय कृत्रिम मानकीकरण मे विश्वास नहि करैत अछि; संगहि ओ गहन अंत:सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्रयोगात्मक सूत्रोंक बारे मे जागरूक अछि, जे भारत केर साहित्यक विविध अभिव्यक्ति केँ एकसूत्रता प्रदान करैत अछि। विश्व केर विभिन्न देशक संग ई एकता अकादमीक सांस्कृतिक विनिमय केर कार्यक्रम द्वारा वैश्विक स्‍तर पर एकटा अंतरराष्‍ट्रीय प्रजातिगत आयाम केँ खोज करैत अछि।

अकादमी केर चरम सत्ता एक निन्यानवे सदस्यीय परिषद् (सामान्य परिषद्) मे न्यस्त अछि, जेकर गठन निम्नांकित ढंग सँ होइत अछि: अध्यक्ष, वित्तीय सलाहकार, भारत सरकार द्वारा मनोनीत पाँच सदस्य, भारत सरकार केर राज्य और केन्द्रशासित प्रदेश केर पैंतीस प्रतिनिधि, साहित्य अकादेमी द्वारा मान्यता प्राप्त भाषाक चौबीस प्रतिनिधि, भारत केर विश्वविद्यालयक बीस प्रतिनिधि, साहित्य-क्षेत्र मे अपन उत्कर्षक लिए परिषद् द्वारा निर्वाचित आठ व्यक्ति एवं संगीत नाटक अकादेमी, ललित कला अकादेमी, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद्, भारतीय प्रकाशक संघ और राजा राममोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन केर एक-एक प्रतिनिधि।

 साहित्य अकादमीक व्यापक नीति और ओकर कार्यक्रम केर मूलभूत सिद्धांत परिषद् द्वारा निर्धारित कैल जाइछ और ओकरा कार्यकारी मंडल केँ प्रत्यक्ष निरीक्षण मे क्रियान्वित कैल जाइछ। प्रत्येक भाषाक लेल परामर्श मंडल होइछ, जेकर सदस्य प्रसिद्ध लेखक और विद्वान् होइत अछि और तिनके परामर्श पर तत्संबंधी भाषाक विशिष्ट कार्यक्रम नियोजित एवं कार्यान्वित होइत अछि।

परिषद् केर कार्यकाल पाँच वर्षक होइत अछि। वर्तमान परिषद् अकादमीक स्थापनाक बाद तेरहम अछि और एकर प्रथम बैठक फरवरी 2013 मे संपन्न भेल। अकादमीक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, भाषा केर प्रतिनिधित्व करयवला कार्यकारी मंडल केर सदस्य और वित्त समिति केर लेल सामान्य परिषद् केर एक प्रतिनिधिक निर्वाचन परिषद् द्वारा कैल जाइछ। विभिन्न भाषाक परामर्श मंडल कार्यकारी मंडल द्वारा नियुक्त कैल जाइछ।

अध्‍यक्ष : साहित्य अकादमी केर पहिल अध्यक्ष पंडित जवाहरलाल नेहरू छलाह। सन् 1963 मे ओ फेरो अध्यक्ष निर्वाचित भेलाह। मई 1964 मे हुनकर निधन भेलाक बाद सामान्य परिषद् द्वारा डॉ. एस. राधाकृष्णन् केँ अपन अध्यक्ष निर्वाचित केलक। फरवरी 1968 मे नवगठित परिषद् डॉ. ज़ाकिर हुसैन केँ साहित्य अकादमीक अध्यक्ष निर्वाचित केलक। मई 1969 मे हुनकर निधनक पश्चात् परिषद् डॉ. सुनीति कुमार चटर्जी केँ अध्यक्ष चुनलक। फरवरी 1973 मे ओ परिषद् द्वारा पुनः अध्यक्ष चुनल गेला। मई 1977 मे हुनकर मृत्युक पश्चात् उपाध्यक्ष प्रो. के. आर. श्रीनिवास आयंगर साहित्य अकादमी केर कार्यवाहक अध्यक्ष बनायल गेलाह। फरवरी 1978 मे प्रो. उमाशंकर जोशी अध्यक्ष निर्वाचित भेलाह। फरवरी 1983 मे प्रो. वी. के. गोकाक अध्यक्ष निर्वाचित भेलाह। फरवरी 1988 मे डॉ. बीरेन्द्र कुमार भट्टाचार्य साहित्य अकादमी केर अध्यक्ष निर्वाचित भेलाह। 1993 मे प्रो. यू. आर. अनंतमूर्ति अध्यक्ष चुनल गेलाह। 1998 मे श्री रमाकांत रथ अध्यक्ष निर्वाचित भेलाह। 2003 मे प्रो. गोपीचंद नारंग अध्यक्ष निर्वाचित भेलाह। 2008-2012 केर लेल पुनर्गठित सामान्य परिषद द्वारा श्री सुनील गंगोपाध्याय केँ अकादमीक अध्यक्ष चुनल गेल। अक्तूबर 2012 मे श्री गंगोपाध्याय केर निधनक पश्चात प्रो. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी केँ प्रभारी अध्यक्ष नियुक्त कैल गेल। 18 फरवरी 2013 केँ संपन्न पुनर्गठित सामान्य परिषद द्वारा प्रो. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी केँ 2013-2017 केर लेल अकादमीक अध्यक्ष चुनल गेल।

संविधान : साहित्य अकादमीक स्थापना भारत सरकार केर 15 दिसंबर 1952क प्रस्ताव अंतर्गत भेल, जाहिमे अकादमीक संविधान मूलतः अंतर्भुक्त छल। अकादमी एक स्वायत्त संस्थाक रूप मे कार्य करैत अछि और अपन संविधान मे आवश्यक संशोधन करबाक अधिकार अकादमी केर सामान्य परिषद मे न्यस्त अछि। समय-समय पर एहि अधिकारक प्रयोग सेहो कैल जाइत रहल अछि। एखन धरि कैल गेल परिवर्तन संग संविधान परिशिष्ट-I मे देल गेल अछि।

अकादमीक अधिकारी संस्था : सामान्य परिषद्, कार्यकारी मंडल तथा वित्त समिति केर सदस्य केर नाम क्रमशः परिशिष्ट-II, III तथा IV मे देल गेल अछि।

मान्य भाषा : भारत केर संविधान मे परिगणित बाईस भाषाक अतिरिक्त साहित्य अकादमी अंग्रेजी और राजस्थानी केँ एहेन भाषाक रूप में मान्यता प्रदान कय चुकल अछि, जाहिमे ओकर कार्यक्रम क्रियान्वित कैल जा सकैत छैक। एहि 24 भारतीय भाषा मे साहित्यिक कार्यक्रम लागू करबाक लेल जे परामर्श मंडल गठित कैल गेल अछि, ताहि सदस्य केर सूची परिशिष्‍ट-V मे देल गेल अछि।

प्रधान कार्यालय : साहित्य अकादमीक प्रधान कार्यालय रवीन्द्र भवन, 35 फीरोजशाह मार्ग, नई दिल्ली 110001 मे स्थित अछि। ई भव्य भवन रवीन्द्रनाथ ठाकुर केर जन्म शताब्दीक उपलक्ष्य मे सन् 1961 मे निर्मित भेल छल। एहिमे तिनू राष्ट्रीय अकादमि – संगीत नाटक अकादमी, ललित कला अकादमी और साहित्य अकादमी स्थित अछि।

एहि कार्यालय मे डोगरी, अंग्रेजी, हिन्दी, कश्मीरी, मैथिली, नेपाली, पंजाबी, राजस्थानी, संस्कृत, संथाली और उर्दू केर प्रकाशन तथा कार्यक्रम केर देखरेख कैल जाइछ और एहि भाषा केर संदर्भ मे क्षेत्रीय कार्यालयक रूप मे कार्य करैत अछि।

क्षेत्रीय कार्यालय:

कोलकाता : सन् 1956 मे स्‍थापित और आब 4, डी.एल. ख़ान रोड, (एस.एस.के.एम. अस्‍पताल नजदीक), कोलकाता-700025 मे स्थिति ई क्षेत्रीय कार्यालय असमिया, बाङ्ला, बोडो, मणिपुरी और ओडि़या मे अकादेमी केर प्रकाशन और कार्यक्रम केर देखरेख करैत अछि। एकर अतिरिक्त अंग्रेजी और तिब्बती भाषा केँ किछु पुस्तक सेहो एतय सँ प्रकाशित होइत अछि। ई अन्य उत्तर-पूर्वी भाषा मे सेहो कार्यक्रम केर संयोजन करैत अछि। एतय एक बड़का पुस्तकालय सेहो अछि।

बेंगलूरु : सन् 1990 मे स्‍थापित ई क्षेत्रीय कार्यालय अंग्रेज़ी केर किछु पुस्‍तक केर अतिरिक्‍त कन्नड, मलयाळम्, तमिळ और तेलुगु मे अकादमीक प्रकाशन और कार्यक्रम सब देखरेख करैत अछि। ई कार्यालय सेंट्रल कॉलेज परिसर मे स्थित अछि। एतय सेहो एकटा बड़का पुस्तकालय अछि।

चेन्नई कार्यालय : सन् 2000 मे स्थापित ई कार्यालय बेंगलूरु कार्यालय केर किछु काजक देखरेख करैत अछि।

मुंबई : एकर स्‍थापना सन् 1972 मे भेल। ई कार्यालय हिन्दी और अंग्रेजीक किछु प्रकाशन सहित गुजराती, कोंकणी, मराठी और सिन्धी मे अकादमी केर प्रकाशन और कार्यक्रमक देखरेख करैत अछि।

प्रकाशन केर बिक्री : साहित्य अकादमी केर बिक्री विभाग ‘स्‍वाति’, मंदिर मार्ग, नई दिल्‍ली-110001 पर स्थित अछि। एकर अतिरिक्‍त अकादमी केर प्रकाशनक बिक्री नव दिल्‍ली स्थित मुख्‍यालय और मुंबई, कोलकाता, बेंगलूरु और चेन्‍नई कार्यालय सँ सेहो कैल जाइत अछि।

पुस्तकालय : साहित्य अकादेमी केर पुस्तकालय भारत केर प्रमुख बहुभाषिक पुस्तकालय मे सँ एक अछि, एतय अकादेमी द्वारा मान्यता प्राप्त चौबीसो भाषा मे विविध साहित्यिक और संबद्ध विषय केर पुस्तक उपलब्ध अछि। ई पुस्तकालय सर्जनात्‍मक कृति, समालोचनात्मक पुस्तक, अनूदित कृति, संदर्भ ग्रंथ तथा शब्दकोश केर समृद्ध संग्रह लेल जानल जाइत अछि।

मैथिली

 

डॉ. खुशीलाल झा
पो.-झंझारपुर (आर.एस.)
जिला-मधुबनी
मधुबनी–847403 (बिहार)

फोन: 06273–222405

मो.: 09472815055; 08298234323

श्री कामदेव झा
54/1, रिची रोड
कोलकाता–700019

मो.: 09831006634

ई-मेल: [email protected]

डॉ. शंकरदेव झा
कबिलपुर, लहरीआसरे
दरभंगा–846001 (बिहार)

मो.: 09430639249

ई-मेल: [email protected]

 

डॉ. ललिता झा
द्वारा-शिवकांत झा (वकील)
बलभधरपुर (बीटा रोड)
शर्मा डायग्‍लोस्टिक के पास
लहेरियासराय, दरभंगा–846001 (बिहार)
मो.: 09708254805
डॉ. अशोक अविचल
97/2/2, मार्ग संख्‍या-3
बाग बेरा कॉलोनी, पो.-टाटानगर
जमशेदपुर–831002 (झारखंड)

मो.: 09006056324

ई-मेल: [email protected]

डॉ. कुलानंद झा
गौतम नगर
वार्ड नं. 17, गंगजला
जिला-सहरसा
पिन–852201 (बिहार)

मो.: 09471628784

डॉ. नरेश मोहन झा
एसोसिएट प्रोफेसर
मैथिली विभाग
आर.के. कॉलेज, मधुबनी
जिला-मधुबनी

(बिहार)

मो.: 09472391093

डॉ. शिव प्रसाद यादव
अधीक्षक क्‍वार्टर
स्‍नातकोत्‍तर पुरुष हॉस्‍टल नं.-4
टी.एम. भागलपुर विश्‍वविद्यालय
भागलपुर–812007 (बिहार)

मो.: 09470863026/ 08298425406

ई-मेल: [email protected]

डॉ. रवीन्‍द्रनाथ झा
एसोसिएट प्रोफेसर, हिंदी विभाग
आर.बी.एस. कॉलेज
अन्‍दौर, पारो
मोहिउद्दीन नगर, आर.एस.–848502
जिला-समस्‍तीपुर (बिहार)

मो.: 09934833760

 

डॉ. वीणा ठाकुर
झा भवन
दैनिक जागरण कार्यालय के विपरीत
मिर्जापुर चौक
दरभंगा-846008 (बिहार)

मो.: 09471640191/ फोन: 06272-220902

ई-मेल: [email protected]

(संयोजक)