सम्पादकीय
मिथिमीडिया – मैथिली संचार क्षेत्रक एक महत्वपूर्ण क्रान्ति, सेवाक पाँच वर्ष पूरा

मैथिली भाषा मे संचारकर्मक इतिहास १९०५ ई. सँ मुख्य धारा मे रहितो आइ ११२ वर्ष मे तेहेन कोनो प्रसिद्धि पाबि गेल आ कि एहि भाषाक पत्र-पत्रिकाक पाठक बढि गेल… कोनो दाबा केनाय मिथ्या भाषण टा होयत। वैह व्यक्तिगत स्तर पर शुरू कयल गेल कोनो विनियोग अपन सामर्थ्य सँ थोड़ेक दूरी तय करैत अछि, कियो थाकि कय साइड होएत अछि त कियो जेना-तेना लागल रहैत अछि। इन्टरनेट देव केर कृपा सँ आनलाइन समाचार केर सहज माध्यम आरम्भ भेलाक बाद अहु क्षेत्र मे डेगा-डेगी दैत किछु समर्पित मैथिलीपुत्र अपन विनियोग आरम्भ कयलनि। मुदा ओत्तहु हालत बड नीक अछि से बात कहब फेरो बड़का झूठ साबित होयत। लेकिन सेवादारक कमी नहि – एक सँ बढिकय एक समर्पित पुत्र सब इन्टरनेट माध्यम सँ मैथिली भाषाक संचार केँ सम्बल बनबाक प्रमाण रखलैन। प्रवासक क्षेत्र मे अमेरिका मे रहितो अपन मातृभूमि आ मातृभाषाक प्रति किछु न किछु योगदान दैत संचारकर्म केँ बढावा देल गेल उदाहरण सब भेटैत अछि। एहने एकटा क्रान्तिकारी डेगक नाम थिक ‘मिथिमीडिया’।
मिथिमीडिया केर स्थापना रूपेश त्योथ नाम्ना मैथिलीपुत्र द्वारा बिल्कुल वैह ध्येय सँ कयल गेल जेना पूर्व मे कतेको रास समर्पित मिथिला सेवक सपुत द्वारा होएत रहल छल। अपन मीठ देसिल वयना केर प्रशान्त महासागर समान गहिंर इतिहास आर विविध आयाम सँ आत्मगौरवक अनुभूति कयनिहार स्वयं एक कवि, लेखक, सर्जक तथा संचारकर्म सँ सुपरिचित युवा अभियंता रूपेश त्योथ एकर स्थापना कयलन्हि – बहुतो तरहें एकरा पोसैत-बढबैत आब पाँच वर्षक अवस्था धरि आनि सकलाह अछि। मिथिमीडिया केर कवरेज सँ लाखों मैथिली पाठक लाभ उठाबैत आबि रहला अछि। हम सेहो एहि सँ काफी प्रभावित भेल रही, आर मैथिली जिन्दाबाद केर स्थापना मे सेहो हिनकर ई साहस हमरा हिम्मत देने छल। हम कोनो संचारकर्मक ज्ञाता नहियो रहैत हिनकहि सभक पदचाप केँ अनुसरण कय आइ मैथिली जिन्दाबाद २०१५ केर ११ अप्रैल सँ आरम्भ कय आब तेसर वर्ष मे सेवादान करैत आबि रहल छी। मैथिली भाषा मे मीडिया केँ सेहो आने-आने मिथिलाक अनमोल सम्पदाक मूल्य झूटका बरोबरि बुझबाक मनोदशा मैथिलीभाषी मे निरन्तरता मे अछि। बहुल्यजन केँ कोनो फर्क नहि पड़ैत छैक एहि सेवा सब सँ, मुदा एकटा बौद्धिक वर्ग जे पढय मे रुचि रखैत अछि ओ सब मालामाल भऽ रहल अछि। बामोस्किल दिन मे १००० गोटा नित्य-पाठक भेटैछ एहि आनलाइन पत्र-पत्रिकाक – आत सेहो तखन जखन हम-अहाँ लिंक परोसबाक काज फेसबुक, व्हाट्सअप या ईमेल सब्सक्रिप्शन मार्फत करब। आब ८ करोड़ जनसंख्या मे यदि एक पत्रिकाक पाठक १००० भेल त बुझि सकैत छी एकर रेवन्यु जेनरेशन करबाक संभावना कतेक अछि। हुकैर-हुकैर कय चलाउ, बस सेवादान करू। आन काज-धंधा सँ टका कमाकय अपन मातृभूमि आ मातृभाषा लेल दान करू – बस एतबा परिदृश्य छैक मैथिली मीडिया केर आ ताहि कारण गुणस्तर, कवरेज, फीचर, आदि मे परिवर्तन आनबाक लेल जल्दी केकरो हिम्मत नहि होएत छैक। जखन मुफ्त मे अपन पाकेट पर निर्भर रहिकय सेवादान करब त जखन जेना फुर्सत भेटत ओतबे करब – ई हमर मनोभावना अछि। हम नहि कहि सकब आन-आन मीडियाक हाल। बस कल्पना कय सकैत छी जे आरो सभक हाल हमरे जेकाँ होयत।
लेकिन मिथिमीडियाक संपादक रूपेश त्योथ आइ अपन सेवाक ५ वर्ष पूरा कयलापर कि सब अनुभव शेयर करैत छथि, कनेक समय दय केँ पढूः
“आने भारतीय भाषा जकां वेब पर मैथिलीक स्थिति उत्तरोत्तर सुदृढ़ भेल गेल अछि. स्मार्टफोनक चलाचल्ती सोशल मीडिया पर मैथिलक सक्रियता बढ़ओलक त’ मैथिली भाषा मे लिखल आखर सभ नजरिक सोझां आबए लागल आ फेर देखादेखी मैथिलीक प्रयोग बढ़ल गेल.
मात्र एक दशक पहिने वेब पर मैथिली बड्ड दुब्बर छल. बड्ड खोजने मैथिली मे एकाध ब्लॉग वा वेबसाइट भेटि जाइ छल. बेसी कंटेंट साहित्य आ व्यक्तिगत लेखनक रहैत छल. मुदा भाषाप्रेमी युवजन ओहू समय अपन मातृभाषा मे काज करबाक लेल अकुला रहल छलाह तैं खोजने किछु सामग्री भेटि जाइत छल.
साल 2008क 2 मइ छल. मैथिली दैनिक ‘मिथिला समाद’ केर कार्यालय मे हमर पहिल दिन छल. संपादक महोदय बातचीत करैत कहि देने छलाह जे अपने सभ एकटा बेस चुनौतीपूर्ण काज शुरू करय जा रहल छी. ने न्यूज एजेंसी, ने वेब कंटेंट आ ने कोनो तेहन लिखनिहार उपलब्ध अछि मुदा मैथिली मे दैनिक पत्र निकालबाक अछि. एही क्रम मे हम वेबसाइट सभ उधेशय लगलहुं. ‘मिथिला समाद’ लेल लेखन सहित कतिपय विभागीय काज करबाक बाद पलखति नहिए भेटै छल तथापि वेब पर मैथिली मे किछु लिखि रखैत रहलहुं.
आइटी केर छात्र छलहुं आ पत्रकारक संसर्ग भेटल त’ वेब पत्रकारिता आकृष्ट केलक. ‘मिथिला समाद’ कें वेब पर प्रचारित करब आ ओकर ब्लॉग अपडेट करय लगलहुं. बीच-बीच मे अपन व्यक्तिगत ब्लॉग सभ सेहो लिखल करी. पछाति साल 2010 मे एकटा दैनिक लेल मैथिली परिशिष्ट ‘झलक मिथिला’ संपादन करबाक अवसर भेटल. ओहि समय कने पलखति रहै छल आ हम वेब पर किछु ठोस करबाक दिशा मे सोचब शुरू क’ देने छलहुं. एमहर मैथिली मे लेखन ओ क्रियाकलाप समानांतर रूप सं चलि रहल छल.
जें हमर करियर संघर्षक ओ समय छल, राजस्थान पत्रिका सहित कतिपय मीडिया हाउस लेल काज करबाक अवसर भेटल, अनुभव भेटल. कखनो काल क’ होइत छल, ई की क’ रहल छी? हमरा आइटी सेक्टर मे कोशिश करबाक चाही. एही सभ समयक मन-मंथनक परिणाम ‘मिथिमीडिया’ छी. एतहि जा क’ हम अपन किछु आत्मीय सहयोगी लोकनिक संग-सहयोग सं मिथिमीडिया लेल काज करब शुरू केलहुं.
‘अत्यधिक प्रसन्नता भ’ रहल अछि जे मैथिली वेब न्यूज़ पोर्टलक एक महत्त्वपूर्ण नाम “मिथिमीडिया” 15 अगस्त 2017 क’ अपन पाँचम बर्ख पूर कएलक अछि. मैथिली भाषाक हलचल ओ हालचाल हेतु एक साकांक्ष समदियाक भूमिका निमाहैत मिथिमीडिया एक निष्पक्ष वेब पोर्टलक रूप मे मैथिली भाषानुरागी मध्य सुवासित होइत रहल अछि. प्रवासक जिनगी मे अर्थक सामंजस बैसबैत-बैसबैत लोक जतय अपसियांत रहैत अछि, ओत्तहि किछु युवा चेतनाक सक्रियताक बदौलैत मातृभाषा सेहो संवर्धित ओ संरक्षित भ’ रहल अछि. एहि कड़ी मे रूपेश त्योंथ केर समर्पणता केँ कथमपि बिसरल नहि जा सकैत अछि. सफलतापूर्वक पाँच बर्ख पूर करबा लेल मिथिमीडिया ओ संपादक केँ हमर शुभकामना ओ बधाइ!’ — मनीष झा ‘बौआभाइ’
आइ मिथिमीडिया 5 साल पूरा क’ लेलक अछि. आरम्भहि सं हम सभ साहित्य सहित ओ सभ समाद प्रसारित करब शुरू केलहुं जे वेब पर मैथिली मे उपलब्ध नै छल. साहित्य भेटि जाइ छल मुदा मिथिला-मैथिली-मैथिल सं जुड़ल समाद मैथिली मे तकने नै भेटै छल. ‘मिथिमीडिया’ मैथिली मे ‘न्यूज पोर्टल’ केर स्वरूप ल’ क’ आएल. पछाति बहुत लोक एहि पैटर्न कें अंगीकार केलनि आ मैथिली पत्रकारिता कें वेब पर स्थापित करबा मे भूमिका निमाहलनि. आइ-काल्हि ई व्यापक रूप ल’ लेलक अछि.
‘मिथिमीडिया मैथिली मे तेजी सं लोकप्रिय होइत न्यूज पोर्टल अछि, जे अपन कंटेंट कें ल’ चिन्हल जाइत अछि.’ — मिथिला दर्शन
एहि 5 साल मे मिथिमीडिया अपन अलग पहिचान बनेलक अछि. अपन कंटेंट सहित ई यूजर एक्सपीरियंस मे बेटर अछि. हमरा लोकनि आरम्भहि सं भाषा शुद्धता सहित ओहि सभ क्षेत्र मे काज करैत रहलहुं अछि जाहि दिस आम पोर्टल वा पत्रकार लोकनिक धियान नै जाइ छनि. मिथिमीडिया केर #साहित्य #साक्षात्कारसीरीज ओ #इवेंटकवरेज सं जुड़ल पोस्ट कें बेस सराहना भेटल अछि त’ एकर #मिथिइवेंट आ #मिथिबुक्स प्रोग्राम विशेष अछि.
मिथिमीडिया 5 वर्ष पूरा क’ लेलक अछि. एकरा जियओने राखब एकटा बड़का चुनौती रहल अछि, धरि एतेक रास्ता तय केलक अछि से हमरा आत्मिक खुशी भ’ रहल अछि. आगू आओर बेस चुनौती छै.
मैथिली मे काज करैत लगभग 13 साल भेल अछि, मिथिमीडिया पर 5 साल, मुदा कोना चलैए, कोना चलत पुछनिहार एकदम कम छै. जाहि अवस्था मे एखन पोर्टल अछि, ओहू अवस्था मे चलबैत रहब आ दैनिक अपडेट करब बिनु सहयोग-समर्थन कें संभव नै छै.
मिथिमीडिया कें जियओने रखबा लेल सालक लगभग 1 लाख टाका खर्चा छै. एतेक खर्च मे दैनिक 1-2 पोस्ट आ सोशल मीडिया एक्टिविटी संभव भ’ सकैत छै. खर्चक भरपाइ लेल मिथिमीडिया पर विज्ञापन वा पार्टनरशिपक माध्यम सं मदति करबाक बाट खुजल अछि.
अनेको रचनाशील युवा मिथिमीडिया सं कंट्रीब्यूटरक रूप मे जुड़ल छथि आ पाठक लेल चुनल आ उपयोगी अपडेट उपलब्ध करबैत छथि. एहि प्लेटफॉर्म कें मजगूत करबाक लेल अपने सेहो मिथिमीडिया सं जुड़ि सकै छी. कंटेंट कंट्रीब्यूटर बनबाक हो, विज्ञापन देबाक हो वा कोनो तरहक पार्टनरशिप, सहयोग करबाक हो त’ सोझे [email protected] पर मेल पठाबी.”