जनजागरण केर प्रयास कदापि रिक्त नहि जाएछः कथा
मंगनू काका केर नागरिक सम्मान
(कथाः प्रवीण नारायण चौधरी)
मंगनू काका केर काजे छलन्हि देवाल पर पेन्टिंग कय प्रचार-प्रसार केनाय.... ओना त ओ सब प्रचारक पाइ...
पत्नीक प्रकार – सब पति लेल जानब आवश्यक
पत्नी पर निबंधः व्यंग्य प्रसंग परन्तु यथार्थ सँ कनिको भिन्न नहि
- बैजू बावरा (अनुवादक)
पत्नी नामक प्राणी भारत सहित समस्त विश्व में भेटैत छैथ। प्राचीन...
मैथिली कथाक माध्यम सँ यथार्थ चिन्तन
मैथिली कथाः दिवा स्वप्न
- प्रवीण कुमार झा, बेलौन, दरभंगा (हालः दिल्ली सँ)
नै कहि ई स्वप्न देखबा सौं कहिया पाछां छूटत... आब अकच्छ भ् गेल...
मिथिला मरइ-जियइ तै सँ कि…. मोदीजीक हिसाब धरि हमहीं जोड़ब
विचारः नेशन फर्स्ट - मैथिलक मनोदशाक एक चित्रण
- प्रवीण नारायण चौधरी
हम ई खूब नीक सँ बुझैत छी जे मिथिलावासी केर बौद्धिक सामर्थ्य आर कोनो...
ऑडिटर साहबः मैथिली कथा
कथा
- प्रवीण कुमार झा, बेलौन, दरभंगा (हालः दिल्ली सँ)
ऑडिटर साहब के घर बचिया के देखय बला आयल छलैन. बचिया के देखाओल गेल... पढ़ल लिखल,...
मिथिलाक प्रसिद्ध गोनू झा वर्तमान समय दिल्ली मे
गोनू झा सँ दिल्ली मे भेंट भेलः कथा
- प्रवीण नारायण चौधरी
भारतक राजधानी दिल्ली - भौगोलिक दृष्टि सँ हिमालय सँ १६० किलोमीटर दक्षिण, समुद्रतल सँ...
रमेश बाबुक वैसाखीक सहारा चलबाक राज
संस्मरण
- सत्यनारायण झा, पटना
लगभग 30-40 साल पहिनेक बात छैक, एकबेर हम कोनो काज सँ बेनीपट्टी –सरिसब गाम गेल रही । ओहि गाम मे हमर...
समाजक गति आ लोकक मति: कथा
गामक याद: लूल्हीक गोइठी बिछनाय
(नैतिक कथा)
- प्रवीण नारायण चौधरी
कोनो जमाना मे मिथिलाक गाम-घर जहिया मूल कृषि पर आधारित जीवन-यापन चलबैत रहल - ताहि समय...
मिथिला आन्दोलनः आलोचना सँ सीखबाक जरुरत
नेता बिन्देसरक कथा
- प्रवीण नारायण चौधरी (अक्टुबर ४, २०१३ मे लिखल एक कथा)
बिन्देसर बच्चे सऽ बड कुशाग्र बुद्धिक छल। मिडिल स्कूलमें पढैत समयसँ कालिजके...
मिथिला समाजक क्रूर सच्चाईः वर बाहरे कमेनिहार चाही
बियाहक लेल
- राम कुमार मिश्र
कोलकाताक पार्कस्ट्रीट में एक मित्रक बाट जोहैत रही, बगलमें बाघ सन बिलायती कुकुरक सिक्करि धेने एक पांच हाथक नवकबेर मोबाइल...