मिथिला राज्य आ कवि सतीश चन्द्र झा

मिथिला राज्य! फुसिये के अछि हल्ला मिथिला राज्य लेब हम। मैथिल मिथिला मैथिलीक उद्धार करब हम॥ भेल एखन धरि की, जकरा उपलब्धि कहब हम। भाषण कविता पाठ मंच...

मिथिलाक सात आन्हर आ शेरुआ कुकूर

(पार्श्व ध्वनि - तर्ज: तन-डोले-मन-डोले पर चलि रहलैक अछि) गीतक बोल: तू हमर मुह पोछ, हम तोहर मुह पोछ बस पोछिते काटब दिन हो! मैथिल चलल बेसुरपुरिया.... सब दिन...

कथाः ठकविद्या

कथा - प्रवीण नारायण चौधरी ठकविद्या   मास्टर साहेबक आदति छलन्हि जे कक्षा मे अबिते देरी चपरासी बिकाउ केँ कहथिन जे छड़ी लेने आबे। एक त छात्र सब...

अपना केँ जराउ, पड़ोसी केँ बचाउ

- प्रवीण नारायण चौधरी अपन घर के खोजे नहि अन्ना के पुछारि अपने भ्रष्ट से सोचे नहि सभ्यताके बिसारि! मिथिला राज बनाबय लेल तेलंगाना के वेट बारीक पटुआ...

मैथिली कथाः अठकपाड़ि

कथा - कर्ण संजय, विराटनगर ‘कि करै छी ऐ’ ? कने एमहर आउ त’ । ‘मारे मू‘ह धए क’, सभ किओ हमरे पेरनिहार । कि कहै छी ?...

चुनावी व्यंग्य: काका-भतीजा केर वार्ता

काका हौ!! कि भेलौ? देखय छहक? हमरा पंडिजी कहइ यऽ? आरौ तोरी के! पंडितक बेटा छिहीन आ पंडिजी कहि देलकौ तऽ कि भऽ गेलइ रौ? नञ हौ! देखय...

अप्रील फूल बनाया – दिल्ली वला विमलजी भैया

अप्रील फूल   - विमल जी मिश्रा भोरे भोरे नोत भेटल त, मोंछ पर देलौं हाथ। बता रौ भुटवा, बिनु एकादशी की छीयै एहेन बात॥ सुनु यौ बाबा कौबला छलै,...

‘मि. बुफैलो’: नवका नेता

व्यंग्य प्रसंग - प्रवीण नारायण चौधरी आधुनिकताक क्रान्ति या विज्ञानक चमत्कार मात्र मनुखे लेल कियैक, एहि सँ पूर्ण दमन आ उत्पीड़नक अनुभूति पबैत एकटा गामक सब...

गणतंत्रक शोकगीत

कविता   - सियाराम झा सरस   हम देखलौं रे हम देखलौं अपन दुलारू लोकतंत्र केँ लीढही खत्ता फेकलौं!! हम देखलौं....   चोरक बीच साधुकेँ ताकी आब साधुए सँ बेसी पाकी मसियौत-पिसियौत-ममियौती पहिने तँ एना...

मिथिला मे खच्चरहि प्रसंग – ४: दहेजक माँग आ वरागत-कन्यागतक कनफूसकी

व्यंग प्रसंग - संतोष कुमार संतोषी दहेजिया ....."खच्चरैहि" बरक देखा-सुनी भ गेल रहै... हंगामा लोक दरबज्जा पर बैसल गप सरक्का के आनन्द ल रहल छल. लगभग समुच्चा...