“एखनहुॅं मिथिला क्षेत्रमे बहुत हद तक छोटका -बड़का शब्दक प्रयोग होइत अछि जाहिसँ सामाजिक...

-- अखिलेश कुमार मिश्र।  सभ सँ पहिले संदर्भित विषय में " मिथिलाक स्थिति यथावत" के अर्थ स्पष्ट कs दी। कियैक तs कुनो चीजक स्थिति...

“शिक्षित आ सबल मैथिल सभक मिथिलाक स्थिति यथावत बनल रहबाक कारण “-

-- आभा झा।      मिथिला माता सीताक भूमि अछि। संस्कारक भूमि अछि।एतय प्रबुद्ध आ शिक्षित लोकक कमी नहिंअछि, जे अपन वाक्चातुर्यसँ ककरो छद्म बौद्धिकताक...

“मिथिलाक समाज एखनहुॅं अपन शिक्षा आ सबलतासॅं देश-विदेशमे डंका बजा रहल अछि मुदा..”

-- झा पंकज।  शिक्षित आ सबल मैथिल के " शिथिला मिथिला " या " अबला मिथिला " हमरा विचार स ऐ चर्चा के आरंभ...

“मिथिला भारतक समृद्ध आ जीवंत अंगक रूप मे अपन क्षमता केँ सही मायने मे...

-- भावेश चौधरी।  मिथिला अपनऽ समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर,एकरऽ विशिष्ट भाषा मैथिली, विशिष्ट कला, संगीत आ साहित्य लेल जानल जायत अछि। एहि क्षेत्र मे अनवरत...

“शिक्षित आ सबल मैथिल सभक मिथिलाक स्थिति यथावत बनल रहवाक कारण”

-- कीर्ति नारायण झा।    शिक्षित आ सबल मैथिल सभक मिथिलाक स्थिति यथावत बनल रहवाक कारण - अपना सभक ओहिठाम एकटा कहबी छैक जे...

मनुष्यक उमेर केर खिस्सा

खिस्सा - प्रवीण नारायण चौधरी ओ कथा जे सुनने रही   एकटा खिस्सा मे कहल गेल छैक जे मनुष्यक उमेर भगवान् मात्र २० वर्ष देलखिन। गदहा केँ ५०...

रामचरितमानस मोतीः सुग्रीव केर दुःख सुनायब, बालि बध केर प्रतिज्ञा, श्री रामजीक मित्र लक्षण...

स्वाध्याय - प्रवीण नारायण चौधरी रामचरितमानस मोती सुग्रीव केर दुःख सुनायब, बालि बध केर प्रतिज्ञा, श्री रामजीक मित्र लक्षण वर्णन १. हनुमान्‌जी दुनू दिशक सबटा कथा सुना अग्नि...

मैथिली धारावाहिकः हम आबि रहल छी भाग ११ आ १२

मैथिली उपन्यास 'हम आबि रहल छी' पर आधारित धारावाहिक लेख - रबीन्द्र नारायण मिश्र हम आबि रहल छी - भाग एगारह आ बारह ११. गंगा कतेको सालक बाद...

रामचरितमानस मोतीः श्री राम संग श्री हनुमान केर भेंट आ सुग्रीव सँ मित्रता

स्वाध्याय - प्रवीण नारायण चौधरी रामचरितमानस मोती श्री राम संग श्री हनुमान केर भेंट आ सुग्रीव सँ मित्रता १. श्री रघुनाथजी आगू बढ़लाह। ऋष्यमूक पर्वत नजदीक आबि गेल।...

व्यंग्य प्रसंगः सम्मान आ सम्मानित

कथा - प्रवीण नारायण चौधरी व्यंग्य प्रसंगः सम्मान आ सम्मानित भारतक लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र भाइ मोदी सेहो ओतेक सम्मान पत्र प्राप्त नहि कयलनि जतेक हमर भाइ-बहिन/सखी-सखा...