शीतल वेड्स मोहन – एक आदर्श विवाह (मैथिली कथा)

कथा - प्रीति मिश्र, पटना शीतल वेड्स मोहन - एक आदर्श विवाह दृश्य १ ई खिस्सा थिक मॉडर्न मिथिला के। आइ-काल्हि बेटी सब बाहर जा-जा उच्च शिक्षा हासिल...

चौरचन पाबनिक वैदिक पूजा विधान

मिथिला कर्मकांड - लोकपाबनि चौरचनक वैदिक पूजा विधान - डा. सुधानन्द झा (ज्योतिषीजी), ग्रामः राढ़ी, जिलाः दरभंगा केर हस्तलेख पर आधारित (संकलन - श्री शंकर सिंह...

महिला मे आत्मनिर्भरता कतेक जरूरी – पुरुषक गैरजिम्मेवारी आ परिवारक उपेक्षाक स्थिति मे

लेख - संगीता मिश्र महिला आत्मनिर्भरता आइ अपन मिथिला समाज मे पुरुष पर आर्थिक उपार्जनक एकल भार (जिम्मेदारी) रहबाक कारण समाज मे असन्तुलन स्पष्ट अछि। एकर कतेको...

मिथिलाक यात्राः रिंकू झा अपन छुट्टी मे कतय-कतय घुमलीह

यात्रा संस्मरणः मिथिलाक यात्रा - रिंकू झा, ग्रेटर नोएडा मनुष्य सामाजिक प्राणी होइछ जेकरा भिन्न-भिन्न‌‌‌ स्थानक भ्रमण केनाइ आर ओहि ठामक कला-संस्कृति सभक बारे मे जानकारी...

सन्ध्या-तर्पण केर सम्पूर्ण मिथिला पद्धति

सन्ध्या-तर्पण आउ, आइ संध्या-तर्पण करब शिक्षा ग्रहण करी। प्रत्येक द्विज लेल अनिवार्य कहल गेल अछि जे कम सँ कम एक संध्या यानि भोर, दुपहर आ...

‘हम आबि रहल छी’ – मैथिली धारावाहिक भाग ९

उपन्यास 'हम आबि रहल छी' पर आधारित धारावाहिक लेख - रबीन्द्र नारायण मिश्र (उपन्यासकार) हम आबि रहल छी-भाग ९ 9 साँझमे हम, गंगा, ओकर माता-पिता सभ संगे टीसन...

तलाक लेने/रोकने के उपाय (एक उपयोगी हिन्दी लेख)

तलाक - सम्बन्ध विच्छेद पर विशेषज्ञक राय साभारः  Get quick concern Call/WhatsApp +91-9928170436 तलाक लेने/रोकने के उपाय विवाह एक पवित्र बंधन है| भारतीय धर्मशास्त्रों के अनुसार यह बंधन...

रामचरितमानस मोतीः सुग्रीव केर दुःख सुनायब, बालि बध केर प्रतिज्ञा, श्री रामजीक मित्र लक्षण...

स्वाध्याय - प्रवीण नारायण चौधरी रामचरितमानस मोती सुग्रीव केर दुःख सुनायब, बालि बध केर प्रतिज्ञा, श्री रामजीक मित्र लक्षण वर्णन १. हनुमान्‌जी दुनू दिशक सबटा कथा सुना अग्नि...

सरदार पटेल या नरेन्द्र मोदीक खोज मिथिला लेल जरूरी (विमर्श)

एक जरूरी विमर्श - विद्वानक सहभागिता वांछित सन्दर्भ - मिथिलाक आर्थिक विकास मे उद्यमशीलताक भूमिका  मैथिली मे संचारकर्म केर धर्म केँ निभबैत, विद्यमान समाज मे मिथिला...

तनुजाक ‘रोचक संस्मरण’ मे काज कयनिहाइर पिंकी संग मधुबनीक भेंट

कथा-संस्मरण - तनुजा दत्ता साल भरिक बाद सासुर जेबाक मौका भेटल । गेला पर सब किछ बदलल-बदलल बुझाइत रहय । कमेनहाइर सेहो बदलि गेल छलीह । ‎........