“प्राकृतिक आपदाक मारल मिथिला किलोल काटि रहल अछि।”
— कीर्ति नारायण झा। मिथिला में एकटा कहबी छैक जे शुद्ध अर्थात सज्जन लोक के मुँह कुकूर चाटय, सेएह छैक अपना सभक ओहिठाम। सभ दिन सँ प्रशासनिक उपेक्षा के शिकार मिथिला जेकर कियो नहि देखनिहार आ उपर सँ प्राकृतिक आपदा के मारल मिथिला सभ दिन सँ किलोल काटि रहल अछि। दुर्भाग्य एहेन मिथिला … “प्राकृतिक आपदाक मारल मिथिला किलोल काटि रहल अछि।”