“आब नय रहलै वो गाम”
आब नै रहलै वो गाम,,,,, ना आब नै रहलै वो गाम…. आब नै रहल घैल घैलसार,, आब नै वो पाबैन तिहार…. आब ने कुम्हर फरय लेल चार,, आब नै रंग बिरही अचार.. सबदिश पसरल पक्का मकान.. ना आब नै रहलै वॉ गाम. ने नवकनियाँ ताने घोघ,,, नै काकी के खिस्सा पिहानी… बुदरुक सब के नै … “आब नय रहलै वो गाम”