Search

Bhawna Mishra

होली

गहोलीक नाम सुनितहि त मोन में एकटा अलगे तरंग संचारित भ जाइत अछि। ओना त भारतवर्ष में विभिन्न पर्व त्यौहार मनाओल जाइत अछि, मुदा होलीक स्थान बुझु सर्वोपरि। ओना त सभ त्यौहार मनेबाक पाछाँ त किछु नै किछु लोक कथा होइत अछि त होलीक पाछाँ भी एक कथा प्रचलित अछि, जे अहि तरहें अछि। “एक होली

नारी

नारी सक्ती के प्रणाम नारी गृह लक्ष्मी होई छै। नारी के बिना घर सुना लागत अछी। नारी बहुत श्रम करे छेत्। हुनका भले माथ दुखाई लेकिन वो परिवार लेल खाना बना बई छै।अपन परवाह नई क उ परिवार के चिन्ता करें छैय। काम करे बला त सन्डे के लेट उठे या। मुदा नारी के सन्डे नारी

नारी

#नारी भारतीय संस्कृति में नारी के सम्मान के बहुत महत्व देल गेल छइ। संस्कृत में एकटा स्लोक अछि- यत्र नार्यस्तु पूज्यनते रमन्ते तत्र देवता। अर्थात जत नारी के पूजा होइत छइ ओत देवता वास करैत छैथ। नारी जन्म स मृत्यु तक अपन सब कर्तव्य निभबैत छैथ। ओ एक मां,पत्नी,बेटी,बहीन सब रिश्ता के दायित्व निष्ठा स नारी

लेखनी के धार प्रतियोगिता: पुरस्कृत लेख

समयानुसार परिवर्तन के साथ जे व्यक्ति चलैत अछि वो सुखी रहैत अछि । रीती -रिवाज कि धर्म के परिभाषा तक हर युग के अलग-अलग छय । जाहि समय में इ भैसुर भावों वला रिवाज बनलई तखन के आवश्यकता रहय कियाक—–स्त्री के स्थिति दयनीय रहय ।यदि पुरुष कोनो अभद्र, व्यवहार कैलथिन तॢईयो सजा स्त्री के भुगत लेखनी के धार प्रतियोगिता: पुरस्कृत लेख

लेखनी के धार प्रतियोगिता: पुरस्कृत लेख

मिथिला में बहुत रास रीति-रिवाज होइ त अईछ जेना मुङन उपनयन और विवाह। मिथिलांचल में वैवाहिक रीति-रिवाज कनि अलग होइत अईछ। मैथिल दम्पति में जे प्रेम भाव होइत अईछ एक दोसर के प्रति जे सम्मान के भावना होइत अईछ से गौर करै बला बात अईछ। विवाह पूर्व घटकैति औपचारिकता भेलाक बाद सिद्धांत नाम सॅ एकटा लेखनी के धार प्रतियोगिता: पुरस्कृत लेख

लेखनी के धार प्रतियोगिता: पुरस्कृत रचना ‘बेटी’

सागर सन गहींर के नाम अछि बेटी निरझर जल सन सच्चाई अछि बेटी दृढ़ संकल्प के चट्टान सन अछि बेटी बसंत फागुन के मंद मंद बसात सन अछि बेटी दुख मे राहत के थपकी अछि बेटी भरोसा और कोमलता के छाहरि अछि बेटी संबंध के आधार के डोरा अछि बेटी हीरा अछि बेटा त मोती लेखनी के धार प्रतियोगिता: पुरस्कृत रचना ‘बेटी’

लेखनी के धार प्रतियोगिता: पुरस्कृत रचना ‘बेटीके रूप’

आधुनिक मिथिला मे नारी के योगदान

दहेज मुक्त मिथिला के पैघ सदस्य के प्रणाम, छोट के आशीष… ई बेरि के टाॅपिक अछि ….#आधुनिक_मिथिला_मे_नारी_के_योगदान अहाँ सब से आग्रह अछि,जेँ अहाँ सब लिखूँ। पिछला बेरि के टाॅपिक –“अहाँ बिन” पर लिखनिहार सब रचनाकार ई बेरि विजेता छी,अहाँ सब से आग्रह अछि जेँ अहाँ सब अप्पन अप्पन फोटो,हमर ई पोस्ट मे दियो… आधुनिक मिथिला आधुनिक मिथिला मे नारी के योगदान

आधुनिक मिथिला मे नारी के योगदान

#आधुनिक मिथिला में नारी के योगदान# लेखनी के धार प्रतिस्पर्धा के अहि बेर के विषय बहुत कठिन अछि।तकर कारण जे महिला सब स संबंधित विषय में बिना गंभीर चिंतन के कुछ भी कहनाय बहुत भारी पडि सकैत अछि जहि काल में नारीवाद के सूर्य अपन चरम उत्कर्ष पर अछि।ओहो में मिथिला के नारी के विषय आधुनिक मिथिला मे नारी के योगदान

आधुनिक मिथिला मे नारी के योगदान

दहेज मुक्त मिथिला के पैघ सदस्य के प्रणाम, छोट के आशीष… ई बेरि के टाॅपिक अछि ….#आधुनिक_मिथिला_मे_नारी_के_योगदान अहाँ सब से आग्रह अछि,जेँ अहाँ सब लिखूँ। पिछला बेरि के टाॅपिक –“अहाँ बिन” पर लिखनिहार सब रचनाकार ई बेरि विजेता छी,अहाँ सब से आग्रह अछि जेँ अहाँ सब अप्पन अप्पन फोटो,हमर ई पोस्ट मे दियो… आधुनिक मिथिला आधुनिक मिथिला मे नारी के योगदान