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प्रवीण नारायण चौधरी

जनकपुर मे परशुराम-मूर्ति पर भूकंपक प्रभाव

समाचार स्रोत: इमेज खबड़, जनकपुर। जनकपुर मे विद्यमान् परशुराम डीह – पोखरि जतय एक महीना पहिने स्थानीय लोकक सहयोग सँ करीब ३१ लाख रुपयाक खर्चा सँ ५५ फीट केर विशाल परशुराम मूर्तिक प्राण-प्रतिष्ठा कैल गेल छल से भूकंपक प्रभाव सँ जमीन पर खसि पड़ल अछि।

फेसबुक केर भाषाक आम-जीवन पर प्रभाव – एकांकी नाटक “फेसबुकिया परिवार”

भूमिका: मैथिल आ फेसबुक ई नाटक (एकांकी) सेप्टेम्बर १, २०१२ केँ लिखल गेल छल। एहि मे कल्पना सँ फेसबुक द्वारा मिथिला समाजक किछु गूढ समस्या – यथा बेटीक कुटमैती, दूलहा निरीक्षण, दहेज व्यवस्था, वैवाहिक निर्णय, पारिवारिक माहौल आ ओकर प्रभाव आदि दरसेबाक चेष्टा कैल गेल छल। जानकारी दी जे यमन केर प्रीमियर ओतुका जनता सँ फेसबुक केर भाषाक आम-जीवन पर प्रभाव – एकांकी नाटक “फेसबुकिया परिवार”

मैथिली गायक महंत झा संग मैथिली जिन्दाबाद लेल वार्ता

प्र0 – महन्त जी, नमस्कार! मैथिली जिन्दाबाद – संपूर्ण मिथिलाक समग्र समाचार वेब पोर्टल पर अपनेक स्वागत अछि! उ – जी, अपनहु केँ नमस्कार सह धन्यवाद जे अपने हमरा एहि कार्यक्रम मे आमंत्रित कयलहुँ। प्र0 – अपनेक जन्म कतय भेल आ शिक्षा-दीक्षा कतय सं प्राप्त केलहुँ? उ – हमर जन्म मधुबनी जिलाक मरुकिया गाम मे मैथिली गायक महंत झा संग मैथिली जिन्दाबाद लेल वार्ता

भूकम्प आब जान पर केने अछि – व्यंग्य प्रसंग

व्यंग्य – सत्य नारायण झा कतय गेल ई वैज्ञानिक सभ । लगैत अछि नांगरि सुटकंत कए बिल मे नुका रहलैए । केखनो चंद्रमा पर त केखनो मंगल पर रहता ई नकडुब्बा सभ । एखन भूकम्प सँ लोक के की बचेता अपने नांगरि सुटकेने भागल फिरैत छथि । ओह एखन ऱामजीक भाई लखनलाल याद परैत छथि भूकम्प आब जान पर केने अछि – व्यंग्य प्रसंग

गप कने हटि क’ : गीत-संगीतमे बढ़ैत अश्लीलता

आलेख: – पंकज चौधरी ‘नवलश्री’ गन्ना के रस तोरा… , करुआ तेल ….., ऊपर के ३२ नीचे के ३६, बीच मे का २४ बुझाता की ना…… किछु दिन पहिले घ’रक पड़ोसमे (पटनामे) एकटा विआह छल. एहि शुभ आ मांगलिक अवसरिपर राजा जनक जी के बाग़ में अलबेला रघुवर….., दुल्हिन धीरे-धीरे चलियौ….. आदि गीतक बदलामे भरि राति गप कने हटि क’ : गीत-संगीतमे बढ़ैत अश्लीलता

जीबिते नीक, काज करिते!

ओहि दिन, नानाक गप्प माझेहि छोड़ि, दौगल एलीह रिमिल आंगन मे माय लग – “जानय छियैक मा जीवित मनुक्ख रहय अछि धरती पर मुर्दा जाय छथि परलोक – गोलोक – शिवलोक – ब्रह्मलोक….” बजने जायत छलीह रिमिल – “अजीब जगह होय्त हेतैक स्वर्ग, ओतय सब मुर्दा, सब प्राणहीन; जीवित लोक पर निर्भर – अकर्मण्य सभ” जीबिते नीक, काज करिते!

पापनाशक आ शक्तिवर्धक तपश्चर्या

(मूल आलेख ‘पापनाशक और शक्तिवर्धक तपश्चर्याएँ’ – अखिल विश्व गायत्री परिवार केर साहित्यालेख केर मैथिली अनुवाद) आइगक उष्णता सँ संसारक समस्त पदार्थ या तऽ जरि जाइत अछि, या बदैल जाइत अछि या गैल जाइत अछि। एहेन कोनो वस्तु नहि जे आइगक संसर्ग भेला पर परिवर्तित नहि होइत अछि। तपस्याक आइग सेहो एहने होइत छैक। ई पापनाशक आ शक्तिवर्धक तपश्चर्या

मिथिला संस्कृति महोत्सव: ६, ७ आ ८ जुन मधुबनी मे

किसलय कृष्ण, मधुबनी। मई १३, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!! बिहार सरकारक कला तथा संस्कृति मंत्रालय द्वारा प्रायोजित मधुबनीक टाउन क्लब मैदान मे आगामी जुन ६, ७ आ ८ तारीख तीन दिवसीय मिथिला संस्कृति महोत्सवक आयोजन कैल जायत। एकर उद्घाटन बिहारक मुख्यमंत्री नितीश कुमार द्वारा कैल जायत। एहि महोत्सव आयोजन समितिक संस्कृति प्रभारीक रूप मे किसलय कृष्ण मिथिला संस्कृति महोत्सव: ६, ७ आ ८ जुन मधुबनी मे

नेतहि-नेताक गामक हाल बेसी बदहाल: सन्दर्भ महिसाम मुख्य सड़क-खण्ड

मिथिलाक्षेत्रीय ग्रामीण भाग मे एक सँ बढिकय एक प्रसिद्ध गाम अछि। गामक प्रसिद्धि ओतुका जनमानसक विद्या आ वैभव संग धार्मिक‍-सांप्रदायिक सौहार्द्रता, आर्थिक विकास, शहरीकरण आदि अनेको आधार पर कैल जाइछ। पौराणिक कृति, धार्मिक पर्यटकीय स्थल, सार्वजनिक हितक संस्थान, शैक्षणिक संस्थान, स्वास्थ्य जाँच संबंधी विभिन्न संरचनात्मक निर्माण कार्य, सेवादायी संस्थान व अनेको प्रकारक जनकल्याणकारी संगठन आइ-काल्हि नेतहि-नेताक गामक हाल बेसी बदहाल: सन्दर्भ महिसाम मुख्य सड़क-खण्ड

साहित्य अकादमीक पुरस्कार वितरण प्रणाली – मैथिली साहित्यसेवीक ध्यानाकर्षण

पूर्व मे ‘साहित्य अकादमी: संछिप्त परिचय’ आलेखक लोकप्रियता देखैत – मैथिलीक महान हास्य सम्राट आ विद्वान् कवि डा. जयप्रकाश चौधरी ‘जनक’ केर उदाहरण संग चलल फेसबुकिया चर्चा सँ साहित्य अकादमीक कार्यप्रणाली पर उठल प्रश्नक समाधान हेतु अकादमीक अधिकारी श्री देवेन्द्र कुमार देवेश द्वारा देल लिंक आ ताहि पर उपलब्ध जानकारी फेर ‘मैथिली जिन्दाबाद’ पर राखल साहित्य अकादमीक पुरस्कार वितरण प्रणाली – मैथिली साहित्यसेवीक ध्यानाकर्षण