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प्रवीण नारायण चौधरी

जोर पकड़लक पुअर होम आन्दोलन दरभंगा मे

प्रो. उदयशंकर मिश्र, दरभंगा। मई १५, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!! (मैथिली जिन्दाबाद पर पूर्व प्रसारित खबैड़ – रिपोर्ट राकेश झा पश्चात् आइ दरभंगा सँ प्रो. उदय शंकर मिश्र एहि पर जानकारी पठौलनि अछि) पूअर होम केर अनियमितताक खिलाफ आइ अनसन समाहर्ता दरभंगाक सामने बैसल। डा. जयशंकर झा, प्रो. उदय शंकर मिश्र, डा. कबिश्वर ठाकुर, प्रतिभा राय, जोर पकड़लक पुअर होम आन्दोलन दरभंगा मे

दहेजरूपी दानवक संहार हेतु संकीर्तन कार्यक्रमक आयोजन मिथिला मे

मिथिलाक एकमात्र दहेज विरोधी संस्था व अभियान जे फेसबुक सँ यथार्थ धरातल धरि माँगरूपी दहेजक प्रतिकार तथा स्वेच्छाचारिता सँ स्वच्छ समाजक निर्माणार्थ विभिन्न कार्यक्रम व प्रचार आदि करैत अछि, ताहि संस्थाक संरक्षक – पंडित धर्मानन्द झा मुंबई सँ जुड़ल प्रायोजक संस्था ‘जरी मरी माता मन्दिर’ केर संग आइ सँ मिथिलाक सांस्कृतिक राजधानी मधुबनीक सुन्दर गाम दहेजरूपी दानवक संहार हेतु संकीर्तन कार्यक्रमक आयोजन मिथिला मे

हम छी न्याय – हम छी नेआय: न्याय आइ ‘नेआय’

– अमरनाथ झा हम छी नेआय समदर्शी एहेन हम आंखि मे पट्टी अछि पलड़ा अछि झुकल, मुदा तौल नहिं घट्टी अछि पासंग कऽ तौली हम पट्टी अलगाय । हम छी नेआय । हमरा लग अंतर नहिं धनिक आ गरीबक सब कें अधिकार दी हुकुर हुकुर जीबक हड़बड़ी कोनो नइ दइ छी लटकाय । हम छी हम छी न्याय – हम छी नेआय: न्याय आइ ‘नेआय’

शिक्षा जगत् मे राजनीति प्रवेश सँ विश्वविद्यालयक बदहाली: खिस्सा बीएनएमयू मधेपुराक

विशेष सम्पादकीय जाहि मिथिला केँ जनकक समय सँ शिक्षा पेबाक केन्द्र मानल गेलैक अछि ओतय वर्तमान कतेक विपन्न छैक जे एक विश्वविद्यालय बनेबाक वास्ते सेहो लोक केँ ऐँड़ी-चोटी एक करय पड़लैक। मिथिला राज्य निर्माणक बात आ बिहार राज्यक विभाजनक बात करिते कतेको बुझनुक लोक केँ अगिया-बेताल होइत देखल जा सकैत अछि, मुदा पता हेबाक चाही शिक्षा जगत् मे राजनीति प्रवेश सँ विश्वविद्यालयक बदहाली: खिस्सा बीएनएमयू मधेपुराक

ई देश सबहक नहि – मैथिली कविता ‘अग्निमित्र’

ई देस सभक नहि, किछु खासक ई देस – डा. मित्रेश्वर चौधरी ‘अग्निमित्र’ “मा, हम सभ सन्तान भारत मा केर, देस हमर माता” “हँ, रिमिल” “हम सभ सहोदर, सभहक एक माय” “हँ, रिमिल” “सम्पूर्ण देस सभक’ नदी – पहाड़ – जंगल – खेत – खदान…..” “हँ, रिमिल” “हम नहि पतिआयब मा, हमरा ई गप्प बुझना ई देश सबहक नहि – मैथिली कविता ‘अग्निमित्र’

जनकपुर मे परशुराम-मूर्ति पर भूकंपक प्रभाव

समाचार स्रोत: इमेज खबड़, जनकपुर। जनकपुर मे विद्यमान् परशुराम डीह – पोखरि जतय एक महीना पहिने स्थानीय लोकक सहयोग सँ करीब ३१ लाख रुपयाक खर्चा सँ ५५ फीट केर विशाल परशुराम मूर्तिक प्राण-प्रतिष्ठा कैल गेल छल से भूकंपक प्रभाव सँ जमीन पर खसि पड़ल अछि।

फेसबुक केर भाषाक आम-जीवन पर प्रभाव – एकांकी नाटक “फेसबुकिया परिवार”

भूमिका: मैथिल आ फेसबुक ई नाटक (एकांकी) सेप्टेम्बर १, २०१२ केँ लिखल गेल छल। एहि मे कल्पना सँ फेसबुक द्वारा मिथिला समाजक किछु गूढ समस्या – यथा बेटीक कुटमैती, दूलहा निरीक्षण, दहेज व्यवस्था, वैवाहिक निर्णय, पारिवारिक माहौल आ ओकर प्रभाव आदि दरसेबाक चेष्टा कैल गेल छल। जानकारी दी जे यमन केर प्रीमियर ओतुका जनता सँ फेसबुक केर भाषाक आम-जीवन पर प्रभाव – एकांकी नाटक “फेसबुकिया परिवार”

मैथिली गायक महंत झा संग मैथिली जिन्दाबाद लेल वार्ता

प्र0 – महन्त जी, नमस्कार! मैथिली जिन्दाबाद – संपूर्ण मिथिलाक समग्र समाचार वेब पोर्टल पर अपनेक स्वागत अछि! उ – जी, अपनहु केँ नमस्कार सह धन्यवाद जे अपने हमरा एहि कार्यक्रम मे आमंत्रित कयलहुँ। प्र0 – अपनेक जन्म कतय भेल आ शिक्षा-दीक्षा कतय सं प्राप्त केलहुँ? उ – हमर जन्म मधुबनी जिलाक मरुकिया गाम मे मैथिली गायक महंत झा संग मैथिली जिन्दाबाद लेल वार्ता

भूकम्प आब जान पर केने अछि – व्यंग्य प्रसंग

व्यंग्य – सत्य नारायण झा कतय गेल ई वैज्ञानिक सभ । लगैत अछि नांगरि सुटकंत कए बिल मे नुका रहलैए । केखनो चंद्रमा पर त केखनो मंगल पर रहता ई नकडुब्बा सभ । एखन भूकम्प सँ लोक के की बचेता अपने नांगरि सुटकेने भागल फिरैत छथि । ओह एखन ऱामजीक भाई लखनलाल याद परैत छथि भूकम्प आब जान पर केने अछि – व्यंग्य प्रसंग

गप कने हटि क’ : गीत-संगीतमे बढ़ैत अश्लीलता

आलेख: – पंकज चौधरी ‘नवलश्री’ गन्ना के रस तोरा… , करुआ तेल ….., ऊपर के ३२ नीचे के ३६, बीच मे का २४ बुझाता की ना…… किछु दिन पहिले घ’रक पड़ोसमे (पटनामे) एकटा विआह छल. एहि शुभ आ मांगलिक अवसरिपर राजा जनक जी के बाग़ में अलबेला रघुवर….., दुल्हिन धीरे-धीरे चलियौ….. आदि गीतक बदलामे भरि राति गप कने हटि क’ : गीत-संगीतमे बढ़ैत अश्लीलता