कनियां सँ आइ फेर झगड़ा भऽ गेल!!

कथा – प्रवीण नारायण चौधरी (व्यंग्य प्रसंग) काल्हिये सँ हुनका कहैत छलियैन जे “प्रिये! हमर सब संगीक कनियां जीन्स पहिरैत छैक। सबहक कनियां कनेकबो कनियां सनक बुझाइते नहि छैक। एखनहु जेना छौंड़िये-नौरी जेकाँ कमसिन जबान – फिल्मी हिरोईन समान! से प्रिये! अहाँ सेहो काल्हि हमरा संगे ईन्डिया गेट पर जे घूमय लेल चलब तऽ जीन्स … कनियां सँ आइ फेर झगड़ा भऽ गेल!!