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प्रवीण नारायण चौधरी

कविचन्द्र विरचित मिथिलाभाषा रामायण – उत्तरकाण्ड – आठम अध्याय

स्वाध्याय – प्रवीण नारायण चौधरी कविचन्द्र विरचित मिथिलाभाषा रामायणक स्वाध्यायक आइ आखिरी अध्यायक पाठ थिक । हमरा बुझने पहिल बेरुक पाठ मे आधा सँ बेसी बात आ वर्णन बुझय मे आबि गेल । परञ्च आगामी समय मे एकर मैथिली अनुवादक प्रकाशन सेहो अपना लेल आ अपन पाठक लेल राखब, ताहि वचनबद्धताक संग, ई अन्तिम अध्याय कविचन्द्र विरचित मिथिलाभाषा रामायण – उत्तरकाण्ड – आठम अध्याय

देख देख मोरा कोहुना देख – अटेन्सन-सीकर कविजी

प्रहसन – प्रवीण नारायण चौधरी कविजीक कविताक लिंक आइ-काल्हि अधिकतर कविजी अपन कविताक लिंक सब शेयर करैत रहैत छथि । अटेन्सन-सीकर जेकाँ लोकक ध्यानाकर्षण लेल टैग सेहो कय दैत छथिन लोक सब केँ । कोहुना कियो ओहि सामग्री केँ देखिकय दस बेर ‘वाह-वाह’ कय दियय, मोन मानि जायत । एकटा कथा मोन पड़ैत अछि एहि देख देख मोरा कोहुना देख – अटेन्सन-सीकर कविजी

कविचन्द्र विरचित मिथिलाभाषा रामायण – उत्तरकाण्ड – सातम अध्याय

स्वाध्याय – प्रवीण नारायण चौधरी कविचन्द्र विरचित मिथिलाभाषा रामायण उत्तरकाण्ड – सातम अध्याय ।चौपाइ। अथ एक समय युधाजित नाम । आबि अयो|ध्या भरतक माम ॥ रघुनन्दन – आज्ञा काँ पाय । निजपुर लय गेल भरत लेआय ॥ महती सेना समर अभीति । गन्धर्व्वक नायक जन जीति ॥ नाम पुष्करावति जे धाम । पुष्कर भेला नृप कविचन्द्र विरचित मिथिलाभाषा रामायण – उत्तरकाण्ड – सातम अध्याय

कविचन्द्र विरचित मिथिलाभाषा रामायण – उत्तरकाण्ड – छठम अध्याय

स्वाध्याय – प्रवीण नारायण चौधरी कविचन्द्र विरचित मिथिलाभाषा रामायण उत्तरकाण्ड – छठम अध्याय ।जयकरी छन्द। काज न करब एक अगुताय । ई देल मुनि वाल्मीकि शिखाय ॥ रामचन्द्र बड़ गोट महराज । आयल छी अहँ तनिक समाज ॥ शुनता जखना अहँ मुह गीति । बाढ़त तनिकाँ अहँ मे प्रीति ॥ अनतय गायब पड़तनि कान । कविचन्द्र विरचित मिथिलाभाषा रामायण – उत्तरकाण्ड – छठम अध्याय

शाश्वत मिथिला भवनः लोकार्पण ९ मार्च २०२५ केँ

अहमदाबाद, १२ जनवरी २०२४ । मैथिली जिन्दाबाद!! वार्षिक महोत्सव मे भवन उद्घाटन संग विद्यापतिक मूर्त्ति अनावरण आ स्मारिका विमोचनक कार्यक्रम करबाक योजना महोत्सव मे साहित्यिक विमर्श, कवि सम्मेलन, कतेक जिबैए मैथिली तथा सांस्कृतिक सन्ध्याक संग स्वरुचि भोज केर समावेश भारतक पश्चिमी राज्य गुजरातक राजधानी अहमदाबाद – गान्धीनगरक डाभोरा गाम मे बनि रहल शाश्वत मिथिला भवन शाश्वत मिथिला भवनः लोकार्पण ९ मार्च २०२५ केँ

मिथिलापुत्र बी. के. कर्णा – मिथिला टु ग्लोब, ग्लोब टु मिथिला (साक्षात्कार)

साक्षात्कार विशिष्ट व्यक्तित्व परिचय आ साक्षात्कार – मैथिली जिन्दाबाद सम्पादक प्रवीण नारायण चौधरी संग बी. के. कर्णा जीक साक्षात्कार  दक्षिण भारतक एक तीव्र विकासशील राज्य तेलंगानाक राजधानी ‘हैदराबाद’ मे अपन मिथिलाक एक कर्मठ सपूत – नामः बी के कर्णा द्वारा विश्वस्तरीय पैकेजिंग क्लिनीक केर स्थापना कयल गेल अछि । एहेन संस्थान पूरे भारत मे विरले मिथिलापुत्र बी. के. कर्णा – मिथिला टु ग्लोब, ग्लोब टु मिथिला (साक्षात्कार)

कविचन्द्र विरचित मिथिलाभाषा रामायण – उत्तरकाण्ड – पाँचम अध्याय

स्वाध्याय – प्रवीण नारायण चौधरी कविचन्द्र विरचित मिथिलाभाषा रामायण उत्तरकाण्ड – पाँचम अध्याय ।सोरठा। नहि अछि ककरो काज, राजकाज मन्त्री करथु । अहँ रहु हमर समाज, लक्ष्मणकाँ रघुनाथ कह ॥ ।तिरहुति। ।वियोगि मालव-छन्दः। ।गतप्रत्यागतबन्धोयम्। कथक कथक नहि तट आब, जलज जलज मन वन दाव । कनक कनक सन मद कर, नयन नयन धनि मन पर कविचन्द्र विरचित मिथिलाभाषा रामायण – उत्तरकाण्ड – पाँचम अध्याय

मंत्र साधनाक सहज स्वरूप आ महत्व पर प्रवीण प्रकाश

मंत्र शक्ति – साधना केना करी – प्रवीण नारायण चौधरी   बहुते लोक ई अनुभव कएने होयब जे कोनो शब्दक उच्चारण बेर-बेर करैत रहला सँ ओकर प्रभाव हमर-अहाँक मन-मस्तिष्क होइत आत्मा धरि पहुँचैत निश्चय परमात्मा धरि पहुँचि जाइछ । शब्दक निरन्तर उच्चारण सँ ओकर भाव केर सम्प्रेषण जहिना मन-मस्तिष्क आ आत्मा-परमात्मा धरि पहुँचैत अछि – मंत्र साधनाक सहज स्वरूप आ महत्व पर प्रवीण प्रकाश

बेसहारा माय-पिताक एकलौता बेटा भवेश केँ ताकय मे मदति करय जाउ – अपील

अपील – प्रवीण नारायण चौधरी भवेश – अहाँ जेतय छी, कृपया अपन माँ-बाबू सँ सम्पर्क करू !   दरभंगा जिलाक नदियामी (बड़कीगाछी टोल) निवासी श्री शिव झा – सम्प्रति रायपुर (छत्तीसगढ़) मे नौकरी करैत छथि, हुनक एकमात्र पुत्र श्री भवेश कुमार झा फरवरी २०२३ सँ सम्पर्कविहीन छन्हि । पुलिस इन्वेस्टिगेशन मे भवेशक मोबाइल भुवनेश्वर (उड़ीसा) बेसहारा माय-पिताक एकलौता बेटा भवेश केँ ताकय मे मदति करय जाउ – अपील

प्रेम, विवाह आ दाम्पत्य जीवन

लेख-विचार – प्रवीण नारायण चौधरी प्रेम, विवाह आ दाम्पत्य जीवन   कनी विचारू त !   आइ-काल्हि युवातुर केँ ‘प्रेम-विवाह’ प्रति बहुत पैघ झुकाव देखल जाइछ । युवातुर केँ प्रभावित-प्रेरित करयवला कतेको तरहक सामग्री (कन्टेन्ट्स) प्रेमक पैकेज मे ततबे आकर्षक रूप मे बाँटल जा रहल छैक जे ‘विवाह’ जेहेन अति संवेदनशील विषय संग एकर जुड़ाव प्रेम, विवाह आ दाम्पत्य जीवन