जाति-धर्म आ तुष्टिकरणक राजनीतिक दुष्परिणामः मिथिलाक हृदयस्थली मे धार्मिक दंगा शुरू

सम्पादकीय

ई सब गलत राजनीतिक सूत्र केर प्रयोगक दुष्परिणाम थिक

विगत किछु समय सँ मिथिलाक हृदयस्थली दरभंगा आ मधुबनी सँ हिन्दू आ मुसलमान समुदाय बीच जगह-जगह झड़प होयबाक समाचार सुनय मे आबि रहल अछि। झड़पक कारण एक समुदाय द्वारा दोसर समुदायक उत्सव आदि मे बाधक बनब, केकरो धार्मिक भावना केँ उकसायब, आदि सुनबा मे अबैत अछि। किछु दिन पूर्व मधुबनी जिलाक रामपट्टी मे रामनवमीक जुलूस केँ मुसलमान समुदायक किछेक नेता कहेनिहार लोक विरोध केलक आ परिणामस्वरूप झड़प….. काल्हि दरभंगाक हावीभौआड़ मे पुनः कोनो हिन्दू धर्मावलम्बीक धार्मिक जुलूस केँ एक अपना केँ बड़का नेता आ मुसलमान समुदायक हितरक्षक माननिहार अदना सन मुखिया आ बेनीपूर विधायकक स्थानीय प्रतिनिधि कहेनिहार शख्स ओहि जुलूस केर विरोध केलक आर परिणाम स्वरूप सामाजिक सौहार्द्रता मे धर्मक नाम पर असहिष्णुताक प्रसार सँ झड़प होयबाक समाचार अछि। विडंबना ई छैक जे हिन्दू समाज एक दिश सहिष्णुतापूर्ण ढंग सँ मुस्लिम समुदायक दाहा आदिक जुलूस केँ अपनत्व देखाबय आ मुसलमान समुदायक लोक हिन्दू समाजक जुलूस मे अपनत्व नहि देखि विरोध जताबय…. ई सब तरहक घटना सँ मानसिक उद्वेलन आर दंगा होएत छैक।
 
विदित हो जे भारतक राजनीतिक विरासत सम्हारनिहार किछेक दल जतय अल्पसंख्यक केर रक्षा लेल अति-राजनीति करैत बहुसंख्यक हिन्दू केँ जाति-पाति मे तोड़ि अपन स्वार्थक सिद्धि मत प्राप्त करैत केलक, ई सब तेकर साइड इफेक्ट्स सब थिक। आब जखन एक दिशि हिन्दू समाज जाति-पाति केर विभाजन बिसैरकय हिन्दू राष्ट्रवाद केर नारा पर्यन्त लगाबय लागल अछि, ताहि समय मे ई तुष्टीकरण कएनिहार नेतागण सभक बुद्धि आ स्वार्थक खेल सब उड़न-छू होएत बेचारा निर्दोष कतेको लोक आपसी झड़प मे मारल जायत से कियो नहि कहि सकैत अछि। यैह सब बात लेल हमरा लोकनि बेर-बेर कहैत आबि रहल छी जे धर्म आ जातिक राजनीति भारत सनक देश केँ एहेन बारूदक ढेर पर बैसा चुकल अछि जे आइ-न-काल्हि ई बारूदी ढेर केर भयानक विस्फोट मे देशक आम नागरिक मारल जायत। मिथिला सनक सब धर्म आ जाति वास्ते शान्तिक स्थल मे एहि तरहक दंगा सँ लोकक मारल गेनाय बहुत दुखद होयत। समय पर सब केँ चेतना हो!
 
जनतब भेटय जे एहि अति-राजनीतिक तुष्टीकरण सँ अल्पसंख्यक होयबाक आड़ मे मुसलमान समुदायक किछेक दबंग आ अपना केँ नेता माननिहार लोक गाम-घर सँ लोपोन्मुख अगड़ा समाजक पोखरि, खेत, कलम-गाछी आदि केँ सेहो धकियेबाक आ थाना-प्रशासन-नेताक संरक्षण मे दोसराक धन, जमीन, फसल आदि लूटबाक काज करय लागल अछि। संख्या मे कम पड़ि गेल अगड़ा समाज आर ओकर धिया-पुता जबान आदि प्रवासी बनि जेबाक कारण एहि तरहक अप्रत्यक्ष लूटपाट खुलेआम बिहारी राजनीति मे ‘सामाजिक न्याय’ केर नाम ठीकेदारी आ सत्ताक दुरुपयोग केनिहार नेता आ प्रशासन थिक, अहु सब सँ समाज मे एक-दोसराक समुदाय प्रति स्नेहभाव आ सौहार्द्रक स्थानपर आपसी वैमनस्यता बढि रहल अछि। स्पष्टतः एहि बढैत अन्तर्वर्गीय खधारिक दुष्परिणाम सेहो थिक ई दंगा आ फसाद। समाजक हरेक वर्ग केँ एहि सब तरहक उपद्रवी तत्त्व केँ शान्त कय केँ ब्यर्थ राजनीति कएनिहार केँ रोकबाक चाही, नहि त अराजकता दिन-ब-दिन बढिते जायत।
 
एहि तरहक माहौल मे समाजक बचाव लेल मात्र दोषी पर कार्रबाई करबाक विवेक पहुँचाकय स्थिति सामान्य करबाक हमर अनुरोध अछि। मुस्लिम समुदायक आमजन सँ एक लाइन आरो कहय चाहब जे एहि तरहक नेता-मैनजन केर चक्कर मे अपन अस्तित्व पर खतरा कखनहु मोल नहि ली, समाज सब केँ एक ठाम अनला सँ बढत, ताहि दिशा मे ध्यान दी। दंगा आगि सँ बदतर ढंग सँ पसरैत छैक, सब कियो स्थिति केँ सम्हारबाक दिशा मे एकजुट होइ।
 
जय मिथिला – जय जानकी!!
 
हरिः हरः!!