बाणेश्वर महादेव देबना (बनगाँव) केँ लगायल गेल १५६ प्रकारक भोग: अति प्राचीन परंपरा

बाबा बाणेश्वरनाथ महादेव केँ सावनक अन्तिम सोमवारी पर भेल श्रृंगार आ १५६ प्रकार प्रसादक विशिष्ट भोग केर विहंगम दृश्य। फोटो: राहुल झा, बनगाँव

राहुल झा, बनगाँव, सहरसा। सितम्बर १, २०१५. मैथिली जिन्दाबाद!!

बाबा बाणेश्वरनाथ महादेव केँ सावनक अन्तिम सोमवारी पर भेल श्रृंगार आ १५६ प्रकार प्रसादक विशिष्ट भोग केर विहंगम दृश्य। फोटो: राहुल झा, बनगाँव
बाबा बाणेश्वरनाथ महादेव केँ सावनक अन्तिम सोमवारी पर भेल श्रृंगार आ १५६ प्रकार प्रसादक विशिष्ट भोग केर विहंगम दृश्य। फोटो: राहुल झा, बनगाँव

पूर्वी मिथिलाक कोसी क्षेत्रकेँ ‘देवहु केर देव महादेव केर नगरी’ कहल जाय तँ कोनो अतिशियोक्ति केर बात नहि होयत, कोसीक गर्भ मे बाबा श्रृंगि ऋषि केर धरती कहायवला मधेपुरा मे अवस्थित बाबा सिंहेश्वरनाथ महादेव, सुपौल जिलाक गणपतगंज (धरहरा) मे अवस्थित भीमशंकर महादेव, सहरसा जिलाक महिषी गामक नाकुच मे अवस्थित नाकुचेश्वर महादेव, कहरा प्रखंड क्षेत्र केर देवना धाम बनगाँव मे अवस्थित रावणक भाइ बाणासुर द्वारा प्रतिष्ठापित बाबा देवन महादेव – “श्री श्री १०८ बाणेश्वरनाथ महादेव” केर नहि केवल महिमा अपरम्पार अछि बल्कि एतुका ऐतिहासिकता आर अद्भुत अष्ट पहल शिवलिंग केर विलक्षणता सेहो अपने-आप मे एकटा अलगे स्थान रखैत अछि। श्रद्धालु भक्तगण सहित पुरातात्विकविद सबहक लिए सेहो आकर्षण एवं शोध केर अनेक विषय एहि धाम मे संयुक्त रूप सँ समेटल अछि।

बाणेश्वरनाथ धाम मे कहिया लगैत अछि श्रद्धालु भक्त केर अपार भीड़

vaneshwar mahadev devna bangao1श्रावण मास केर प्रत्येक सोमवारीक अतिरिक्त भादो मासक रवि दिन आ नरक निवारण चतुर्दशी एवं महाशिवरात्रि जेहेन अत्यन्त उच्च आस्थाक पाबनिक अवसर पर आम श्रद्धालु भक्तक भारी भीड़ पूजां-अर्चना और जलाभिषेक लेल एतय उमैड़ पड़ैत अछि। तहिना काँवरिया सब पवित्र गंगाजल आ कतेको लोक कोसीक पवित्र जल भरिकय श्रावण मास मे बाबा बाणेश्वरनाथ पर जलाभिषेक लेल उमैड़ पड़ैत अछि।

अत्यन्त प्राचीन परंपराक अनुरूप मुंगेर स्थित छारापट्टी जेकर पौराणिक नाम राजघाट अछि ताहि ठाम सँ काँवरियाक टोली उत्तरवाहिनी गंगा सँ जल भरिकय करीब १११ किलोमीटर पांव पैदल चलिकय श्रावण मास केर हरेक सोमवारी केँ “श्री श्री १०८ बाबा बाणेश्वरनाथ महादेव” मंदिर पहुँचि कय बाबा केर जयघोषक संग जलाभिषेक करैत छथि — और सावनक आख़िरी सोमवारी केँ तथा दुर्गा पूजाक समाप्ति भेलाक बाद कोजगरा पूर्णिमाक दिन एतय १५६ प्रकार केर प्रसादक भोग लगायल जाइत अछि।

बाबा बाणेश्वरनाथ धाम केर पूजा-अर्चना आ रख-रखाव तथा संरक्षणक जिम्मेवारी

एहि प्रसिद्ध स्थल पर पूजा-अर्चना के विशेष इन्तजाम पंडा समाज द्वारा कैल जाइछ। मुख्य रूप सँ एतुका पंडा लोकनि ‘केला बाबा, ललित बाबा, विद्याकर बाबा, लाल बाबा आ बच्चन बाबा छथि। तहिना एहि ठामक व्यवस्था मे मुख्य भूमिका पिंटू सिंह जी केर अगुवाई मे समस्त ग्रामीण केर सहयोग सँ पूरा कैल जाइछ।

वार्षिकोत्सव व अन्य पूजनोत्सव केर अवसर पर एतय भव्य भजन संध्या, रात्रि जागरण व विभिन्न तरहक सांस्कृतिक कार्यक्रमक आयोजन सेहो कैल जाइछ। एहि ठाम पास-पड़ोसक भजन गायक सब तऽ अबिते छथि, मुदा दूर-दराज सँ सेहो जत्था-जत्था कीर्तन प्रेमी भक्त लोकनिक अपूर्व भीड़ लगैत अछि। पर्री (चैनपुर) सँ सुप्रसिद्ध भजनकार प्रेमी बाबा आ हुनकर भजन मंडली तथा बनगाँव केर सुप्रसिद्ध मैथिली तथा हिन्दी गीत गायक – संगीतकार श्री नन्द भाइ, सोहन ठाकुर तथा चंदन खाँ केर अलावे आरो बहुते रास आस-पास केर ग्रामीण कलाकार लोकनि नियमवत् एहि सुन्दर देवस्थल पर अपन विशिष्ट गायन सँ वातावरण सुरम्य आ भक्तिमय बनबैत छथि।