सुंदरकांड केर अद्भुत महत्व – मानव लेल बेहतरीन साधना

हनुमान चालीसा मैथिली मे, सुन्दरकाण्ड केर मैथिली अनुवाद लेल अपील

स्वाध्याय

– प्रवीण नारायण चौधरी

सुंदरकांड केर धार्मिक महत्त्व

साभारः मंत्र-साधना पेज
(स्वाध्याय केर अंश, पाठक लेल अनुवाद राखि रहल छी)
 
सुंदर कांड वास्तव मे हनुमान जी केर कांड थिक। हनुमान जी केर एक नाम सुंदर सेहो छन्हि। सुंदर कांड लेल कहल गेल अछि –
 
सुंदरे सुंदरे राम: सुंदरे सुंदरीकथा।
सुंदरे सुंदरे सीता सुंदरे किम् न सुंदरम्॥
 
सुंदर कांड में मुख्य मूर्ति श्री हनुमान जी केर मात्र राखल जेबाक चाही। एतेक अवश्य ध्यान मे रखबाक चाही जे हनुमान जी सेवक रूप सँ भक्ति केर प्रतीक छथि, अत: हुनक अर्चना करय सँ पहिने भगवान राम केँ स्मरण और पूजन कयला सँ शीघ्र फल भेटैत छैक। कोनो व्यक्ति कतहु हरा गेल हो अथवा पति-पत्नी, साझेदार लोकनिक संबंध बिगड़ि गेल हो और ओकरा सुधारबाक आवश्यकता अनुभव भऽ रहल अछि तँ सुंदर कांड शीघ्र मे कहल गेल अछि –
 
सकल सुमंगलदायक, रघुनायक गुन गान।
सादर सुनहिं ते तरहिं, भवसिंधु बिना जलजान॥
 
अर्थात् श्री रघुनाथ जी केर गुणगान संपूर्ण सुंदर मंगल केर यानि सब लौकिक एवं परलौकिक मंगल केँ दयवला अछि, जे एकरा आदरसहित सुनत, ओ बिना कोनो अन्य साधन के एहि भवसागर सँ तैर जायत। सुंदरकांड मे तीन श्लोक, साठि दोहा तथा पांच सौ छब्बीस चौपाई छैक। साठि दोहा मे सँ प्रथम तीस दोहा मे विष्णुस्वरूप श्री राम केर गुणक वर्णन अछि। सुंदर शब्द एहि कांड मे चौबीस चौपाई मे आयल अछि। सुंदरकांड केर नायक रूद्रावतार श्रीहनुमान छथि। अशांत मन वालाक शांति भेटबाक अनेक कथा सभ एहि मे वर्णित अछि। एहि मे रामदूत श्रीहनुमान केर बल, बुद्धि और विवेक केर बड़ा सुंदर वर्णन अछि। एक बात आरो, श्रीराम केर कृपा पाबिकय हनुमान जी अथाहसागर केँ एक्के छलांग मे पार कय केँ लंका मे प्रवेश सेहो पाबि लैत छथि।
 
बालब्रह्मचारी हनुमान द्वारा विरह – विदग्ध मां सीता केँ श्रीराम केर विरहक वर्णन एतेक भावपूर्ण शब्द मे सुनौलनि अछि जे स्वयं सीता अपन विरह केँ बिसरिकय राम केर विरह वेदना मे डूबि जाइत छथि। एहि कांड मे विभीषण केँ भेदनीति, रावण केँ भेद और दंडनीति तथा भगवत्कृपा प्राप्तिक मंत्र सेहो हनुमान जी द्वारा देल गेल अछि। अंतत: पवनसुत द्वारा सीता जी केर आशिर्वाद तँ प्राप्त कयले गेल अछि, राम काज केँ पूरा कय केँ प्रभु श्रीराम केँ सेहो विरह सँ मुक्त कयल गेल अछि आर हुनका युद्ध केर लेल प्रेरित सेहो कयल गेल अछि। एहि तरहें सुंदरकांड नामक संग-संग एकर कथा सेहो अति सुंदर अछि।
 
अध्यात्मिक अर्थ मे एहि कांड केर कथा केँ बड़ा गंभीर और साधनामार्ग केर उत्कृष्ट निर्देशन मानल गेल अछि। अत: सुंदरकांड आधिभौतिक, आध्यात्मिक एवं आधिदैविक सब दृष्टि सँ बहुते मनोहारी कांड थिक। सुंदरकांड केर पाठ केँ अमोघ अनुष्ठान मानल जाइत अछि। एहेन विश्वास कयल जाइत अछि जे सुंदरकांड केर पाठ कयला सँ दरिद्रता एवं दुःख सभक दहन, अमंगल व संकट सभक निवारण तथा गृहस्थ जीवन मे सब सुख केर प्राप्ति होइत अछि। पूर्णलाभ प्राप्त करबाक लेल भगवान मे पूर्ण श्रद्धा और विश्वास होयब जरूरी अछि।
 
॥ जय जय सियाराम ॥