भाषा-साहित्य संग मूर्तिकलाक विशेषज्ञ ‘विजय दत्त मणि’ जनकपुरधाम

२२ जुलाई २०२०, मैथिली जिन्दाबाद!!

मैथिली साहित्य समाजक सचिव श्री विजय दत्त मणि आइ अपन फेसबुक सँ स्वयं द्वारा सृजित नव मूर्तिकलाक प्रदर्शन मे कहार द्वारा द्विरागमन ओ बिदागरी मे दूल्हिन केँ एक स्थान सँ दोसर स्थान धरि माफा मे बैसाकय लय जेबाक सांस्कृतिक परम्परा – लोकसंस्कृति केँ झलकौलनि अछि। एहि संगे ओ कैप्शन मे लिखलनि अछि –

कहाँ गेलै ओ ढोल आ पिपही, पौती, पेटार कहाँ छै?
लचलच लचकैत बाट चलैत ओ भरीया भार कहाँ छै?
इज्जतिके अक्षूण राखए से ओ रखबार कहाँ छै?
घोघ तानिकऽ बैसल कनियाँ डोली कहार कहाँ छै?

भाषा-साहित्य लेल अनवरत अपन योगदान देबाक संग-संग समाज मे सेहो एकर सकारात्मक प्रभाव पड़ौक ताहि बातक पक्षकार श्री विजय दत्त मणि समय-समय पर अपन फेसबुक मार्फत त सृजित मूर्ति एवं प्रदर्शन योग्य मिथिलाक लोकसंस्कार केँ झलकाबयवला सृजित वस्तु आदिक प्रदर्शन करिते रहैत छथि, यदि हिनकर जरूरत कतहु प्रशिक्षण आदिक लेल होय तँ निश्चित अपना मे रहल कला-विद्या आ ज्ञान ऐगला पीढी धरि सेहो पहुँचा सकैत छथि।

मैथिली जिन्दाबाद सँ बातचीत मे कहला – समय सेट कए लिअ आ प्रशिक्षार्थिक सख्या मुताबिक कच्चा माल उपलब्ध करए पड़त। समय एक सप्ताह राखए पड़त। एहि कार्य वास्ते जहिया खोजी हम तैयार रहब। विशेष हमर सम्पर्क अछि – ९८४४०५१८५३, धन्यवाद!

मिथिला-मैथिली संग आनहु-आनहु समाज द्वारा लोककला प्रति रुचि रखनिहार लेल मणिजी अपन कलाकृति व्यवसायिक तौर पर सेहो उपलब्ध करबैत छथि। अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन २०१९ केर वास्ते एहने किछु वस्तुक खोजीक क्रम मे कहने रहथि –

“एहि वस्तुके निर्माणक आधार कार्ड बोर्ड भेलाक कारण ग्राफपर उचरल साइज २३”×११” अछि जे हमरा जनैत लघु साइज अछि ओना ग्राहकक प्रतिकृया अनुसार आओर मेहनति कएल जासकैछ। इ पूर्णतया हस्तकला भेलाक कारण एकर मोल एखन २०००/- टका नेपाली राखल गेल अछी मुदा एकरा ब्रह्म वाक्य नहि बुझी। व्यवहार भेला पर …”

एक अत्यन्त आकर्षक हाथक बनायल, कलासम्पन्न कलाकृति जेकर उपयोग कोनो महत्वपूर्ण अतिथि केँ मिथिला-मैथिलीक यादगारी लेल देल जा सकैत छल, तेकर दाम २००० टका बतौने रहथि। निश्चित, हिनकर कलाकृतिक ई सर्वथा न्युनतम मूल्य भेल। अनुपम कलाकारी संग मैथिली-मिथिलाक मान-सम्मान केँ नित्य बढेनिहार मणि केँ हमर नमन!

हरिः हरः!!