दरभंगा मे झिलमिल झिझियाः झिझिया केर झंकार सँ मिथिला मे बहार

दरभंगा, २५ अक्टूबर २०१८ । मैथिली जिन्दाबाद!!

शरद पूर्णिमा, पोखरीक महार, जगमगाइत इजोरिया, संस्कृति प्रेमी लोकनिक उमड़ल भीड़ और लोक संस्कृति प्रति हृदय सँ छलकैत अपनत्व भरल सिनेह …. एहेन दृश्य जँ कतहु देखा जाय तँ बुझू जे सोन मे सोहाग अछि । ओना तँ ई कोनो काव्य-कल्पना समान बुझय मे अबैत अछि, मुदा एहि कल्पना केँ साकार कय केँ देखौलक “द स्पौटलाइट थियेटर” अपन भागिरथी प्रयास सँ। मिथिलाक सांस्कृतिक केन्द्र दरभंगा मे सोनी नृत्यांगन संस्था और स्वामी विवेकानंद युवा मंच केर सहयोग मे आयोजक द्वारा बुध दिनक सायंकाल मे “झिलमिल झिझिया” केर आयोजन संपन्न कयलक अछि ।

स्पौटलाइट थिएटर द्वारा दरभंगा केर हराही पश्चिम मे अवस्थित संगीत एवं नाटक अनुभाग केर परिसर मे आयोजित कार्यक्रम मे झिझिया केर आकर्षक प्रस्तुति दर्शक लोकनिक मोन मोहि लेलक । संगहि मिथिलावासी केँ अपन लोकसंस्कृति प्रति गौरवबोध सेहो करौलक । ई आयोजन लोकमानस मे एहि बात केर अनुभूति देलक जे भारतीय संस्कृति केर विलक्षणता केँ मिथिला आइ धरि सम्हारिकय रखने अछि ।

कोजगरा पाबनिक उत्साह मे डूबल मिथिलाक हर्षोल्लास केँ झिझिया नृत्यक ई आयोजन आरो कतेको गुना बढा देलक। आजुक समय जतय अधिकांश युवा विदेशी संस्कृति व भारतक अन्य सभ्यताक लोकलुभावना नृत्य आदि दिश बेसी झुकल अछि, दोसरहि केर नकल करबाक कौशल जतय-ततय देखाइत अछि, निजता आ मौलिक लोकसंस्कृति प्रति उदासीन अछि; ताहि अवस्था मे आयोजक द्वारा एकटा सन्देशमूलक आ प्रेरणाक प्रसार लेल ई आयोजन सामाजिक संजाल सँ यथार्थ धरातल पर लोकसराहना पाबि रहल अछि । सांस्कृतिक संकट सँ निपटबाक ई प्रयास सराहनीय भेल ।

आयोजक स्पौटलाइट थियेटर केर महासचिव सागर कुमार सिंह कहलनि जे आगाँ साल सँ ई आयोजन हरेक साल निर्वाध रूप मे नवरात्र केर बीच मे कयल जायत । ओ समस्त संस्था सँ निवेदन कयलनि जे ओहो लोकनि अपन सांस्कृतिक विरासत केँ संरक्षित करबाक प्रयास करता तँ आबयवला पीढी संस्कारवान आ मौलिकताक हितपोषक बनत जे मिथिला समान प्राचीन आ मूल्यवान् सभ्यता केँ दिग-दिगान्त धरि जीबित राखय मे सेहो सहायक होयत । एहि कार्यक्रम मे स्पौटलाइट थियेटर, सोनी नृत्यांगन संस्थान, स्वामी विवेकानंद युवा मंच, द वे और उपकारी द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभायल गेल, ओ सब धन्यवादक पात्र छथि श्री सिंह बतेलनि ।

डॉक्टर पुष्पम नारायण, डॉक्टर नारायण झा, शैलेन्द्र आनन्द, सुमित मिश्र गुंजन सहित कतेको गण्यमान्य लोकनिक गरिमामयी उपस्थिति बनल रहल एहि आयोजन मे । स्वागत् भाषण डॉक्टर पुष्पम नारायण और आशीर्वचन डॉक्टर नारायण झा तथा संचालन अखिलेश कुमार झा द्वारा कयल गेल ।

विदित हो जे मिथिला मे बाहरी संस्कृति यथा दांडिया आ भांगड़ा संग अश्लील भोजपुरी आ हिन्दी गीत केर आर्केस्ट्रा एवं डीजे संस्कृतिक प्रसार बड जोर सँ अतिक्रमण कय रहल अछि आर उपरोक्त आयोजन विशेष रूप सँ एहि अतिक्रमण विरुद्ध एक बिगुल फूँकबाक समान सोशल मीडिया मे आइ कतेको दिन सँ चर्चा मे बनल अछि ।