मैथिली भाषा पर खतरा – रक्षा लेल सब आगू आउ आ समर्पण देखाउ

शुद्धता-अशुद्धताक प्रसंग मैथिली बोली आ लेख्यरूप मे फर्क के चर्चा सरेआम चलैत छैक। जे विधिवत् पढाइयो नहि कयलक ओहो सब शुद्ध-अशुद्धक फेरा मे पड़ि गेल...

धियापुताक खेल – मिथिला तहिया आ आइ

अपन मिथिलाक ई सुन्दर खेल किनका-किनका स्मृति मे बनल अछि?   जहिया ई खेलाइत रही ताहि समय मे एकर महत्व भले नहि बुझि सकल होइ,...

स्कूलक संस्कार सँ बहुत बेसी कारगर छैक संयुक्त परिवार सँ प्राप्त संस्कार

ओ बाबी, नानी, काकी आ माँ   सारा संसार घुमलहुँ। बहुतो लोक-समाजक जड़ि बुझबाक प्रयत्न कयलहुँ, जतबा सम्भव भेल। मानव समाज सब तैर एक्के रंग...

मिथिला रोजगार मेलाक आयोजन पर एक दृष्टि

बिन मांगल सलाह देबय त ओकर मोजर हेतय!! मोजर त नहिये टा हेतय! तैयो, हमरा जेहेन बकवादी लोक केँ रहल नहि जाइछ त किछु-किछु बकिते...

गीता, धृतराष्ट्र आ हम मानव समुदाय

जीतल ओ जे समय पर बुझलक धृतराष्ट्र उवाच। धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः। मामकाः पाण्डवाश्चैव किमकुर्वत सञ्जय॥१॥ धृतराष्ट्र बजलाह - हे सञ्जय! कुरुक्षेत्र जेहेन धर्मक्षेत्र मे युद्ध लेल एकत्रित...

#जानकीनवमीविशेष – हमर जानकी आ पाहुन श्री रामजी

हमर जानकी आ पाहुन श्री रामजी - प्रवीण नारायण चौधरी   देखू भाइ-बहिन-मित्र लोकनि!! हम सब मिथिलावासी जानकीक नैहरा सँ छी। श्री रामजी जखन वनवास गेल रहथि...

ई पाप छियैक या पुण्य – दुविधा सँ ऊबार केना भेटत

एक मनोनुभूति अपना सब बेसीकाल कोनो कर्म करय सँ पहिने पाप आ पुण्य केर पक्ष पर ध्यान दैत छियैक, किंवा दैत हेबय। हमर हाल एहि...

भोज-भात सँ आगुओ हमर समाजक समृद्ध लोकक किछु कर्तव्य बनैत अछि

श्रेष्ठ आचरण ओ उदाहरणक अनुकरण सँ पाछू पड़ल समाज आगू बढ़ैत अछि। - ई उक्ति गीता मे श्रीकृष्णक सुन्दर कथन पर आधारित अछि। सन्दर्भ राखय चाहब...

‘सीताः मिथिलाक अस्मिताक परिचिति जानकी – मैथिली लिटरेचर फेस्टिवल २०२३ केर विमर्श पर समीक्षा’

हालहि सम्पन्न पाँचम मैथिली लिटरेचर फेस्टिवल मुम्बई मे एकटा विमर्शक सत्र छल "सीताः मिथिलाक अस्मिताक परिचिति जानकी", विमर्शक संचालक छलाह अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी के...

साहित्य प्रशंसक आ साधक मे फर्क – मुम्बई एमएलएफ सँ वापसी उपरान्त

मैथिली लिटरेचर फेस्टिवल २०२३ - मुम्बई सँ वापसी उपरान्त साहित्य प्रशंसक आ साधक मे फर्क #मैथिलीसाहित्य #घटैतपाठक #आत्मप्रशंसीसाहित्यकार साहित्यक प्रशंसक (दीवाना) आ साहित्यक साधक मे फर्क होइत...