“नारी कहियो दुर्गा त’ कहियो रानी लक्ष्मीबाई बनि अपन शक्ति देखौलनि”
-- आदिती सिंह।
बदलैत समाज में महिलाक बड्ड पैघ भूमिका रहल ऐछ सिर्फ बदलैते समाज टा में नय पहिनेहो महिलाक बड पैघ भूमिका...
घर-घर केर कथा – एहनो होइत छैक सासु-पुतोहु
कथा
- डा. लीना चौधरी
गर्मी के छुट्टी छल। आमक मौसम छल। सब बच्चा क लक कनियाँ गांम ऐल छलीह। आंगन पैघ छलैन । चारिटा भइयारी...
मैथिली धारावाहिकः हम आबि रहल छी (भाग ३ एवं ४)
मैथिली उपन्यास पर आधारित धारावाहिक "हम आबि रहल छी"
- रबीन्द्र नारायण मिश्र
भाग २ एतय पढ़ू - https://maithilijindabaad.com/?p=20190
भाग ३ एवं भाग ४
हम आबि रहल छी
(समाजमे...
“मिथिलामे गृह उद्योगके लेल बहुत संसाधन अछि।”
-- पीताम्बरी देवी।
मिथिला में गृह उद्योग के लेल बहुत संसाधन अछि।आर बहुत तरहक बस्तु जात जे कतौ आनठाम नहि भेटैत अछि...
नारी
#नारी
भारतीय संस्कृति में नारी के सम्मान के बहुत महत्व देल गेल छइ। संस्कृत में एकटा स्लोक अछि- यत्र नार्यस्तु पूज्यनते रमन्ते तत्र देवता। अर्थात...
सोनालीक आत्मनिर्णय तथा अन्तिम मंजिल
लघुकथा
- रूबी झा
सोनाली तेसर बेर माँ बनैय वाली छलैथ,और दुइ टा बेटी पैहने छलखिन्ह। एहि बेर सासूरक पूरा परिवार यानि कि सासु-ससुर, पति, दियादनी-भैंसुर,...
“अहि मासमे कएल गेल पुण्य कर्म बहुत फलदाई होइत अछि”
-- विवेकी झा।
पूस आ चैत माह जैमे कोनो...
एक कथा ओहि प्रेमिका केर जेकर प्रेमी जबानी मे ठुकरा देलक लेकिन सही समय...
कथा - मनन करबा योग्यः इन्द्रिय संयम
(भारतवर्षक आधुनिक इतिहास केर एक सत्यकथा)
मथुराक सर्वश्रेष्ठ नर्तकी, सौन्दर्यक मूर्ति वासवदत्ताक दृष्टि अपन वातायन सँ राजपथ पर पड़ल...
पुरस्कृत मैथिली लघुकथा – प्रमाणपत्र
लघुकथा - प्रमाणपत्र
- ईशनाथ झा, नरुआर (झंझारपुर), मधुबनी
हम अत्यंत रूपवती छी। गोर-नारि, सुगठित देहयष्टि, कारी मुलायम केश, पैनगर पैघ आँखि, नमगर, सुरेबगर, मृदुभाषी ---...
ई जातीय व्यवस्था सिर्फ हिन्दुस्तानहि टा मे छैक या अन्तहु
वर्ण व्यवस्था आ चीनक कथा
- प्रवीण नारायण चौधरी
समाजक संरचना आ संचालन देखि स्पष्ट छैक जे एहि मे सभक सामुहिक योगदान रहैत छैक। सब जाति,...