अनुत्तरित प्रश्न – भाग २ः महाभारतक गांधारी संग आजुक स्त्री समाजक ज्वलन्त प्रश्न
अनुत्तरित प्रश्नः गांधारी
- डा. लीना चौधरी
अहाँ कखनो विचलित नइ भेलउं गांधारी अपन आँखि पर बान्हल पट्टी केँ मन पर बान्हैत? धृतराष्ट्र संग विवाह अहांक विवशता...
दिल्लीक सुधीरा दाय ऊर्फ दीपक चौरसियाक खिस्सा
लघुकथा
- रूबी झा
कहल गेल छै सैंग (थोड़) लोक अपने संतान स होययै। एकटा छली सुधीरा दाय। अपन घरक ख्याल राखैय स ज्यादा दोसरे के...
किछु तँ लोक सब कहतय – लोकक त काज छय कहनाय
प्रेरणास्पद प्रसंग
- प्रवीण नारायण चौधरी
सहिये कहलनि अछि धर्मनाथ जी - लोक अहाँक बारे मे नीक सुनैत अछि त शक-सन्देहक दृष्टि सँ अहाँक चरित्र-चित्रण करब...
“हमर सभक गाम एतेक बदलि गेल अछि.. “
-- कीर्ति नारायण झा
भोरे भोर बलुआहा बाली भेटि गेलीह आ उपरागक स्वर में कहैत छैथि जे बौआ ।आब अहाँ सभ...
गप मारबाक प्रवृत्ति पर प्रवीण गीत
स्वरचित गीत
- प्रवीण नारायण चौधरी
१. गीत
गप मारू मुरारी सब मिल-मिल के
भले मिथिला मरय देखू तिल-तिल के
गप मारू मुरारी.....
गाम छूटल घर छूटल, छूटल भजार
भटकै छी...
महाभारत काल सौं कएल जाइत अछि इ जीवित पुत्रिका( जितिया व्रत )
लेखनीकेँ धार - "जितिया पाबनि बड़ भारी
धिया पुताकेँ ठोकि सुतएलौं
अपने खएलौं भरी थारी "
मिथिलाक लोक आस्थाक पाबनि जितिया अछि। एहिमे संतानक दीर्घायु आ सौभाग्यक...
फूल दाय आ हुनकर पुतोहु ‘बौआ’
लघुकथा
- रूबी झा
फूल दाय केर पाँचटा बेटा छलन्हि। चारिटा शहर में आ एकटा गाम में रहैत छलन्हि। बाहर में जे बेटा सब रहैत छलखिन्ह...
के छी हम ‘नारी’ – महेश डखरामी केर एक रचना
---------नारी---------
- झा महेश 'डखरामी'
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रे ! रे! मानुष आबहुं जाग
हमही तोहर सकल अनुराग
फोलि नयन तू करय मनन
हमही वर्तमान भविष्य भाग
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हम आदि अनादि कर्तारी छी
हमही सकल...
“मोन पड़ैये’ अपन खरिहान”
रेखा झा।
बड्ड दिन पर गेलहुं गाम,सोचलहुं घूमब अपन...
मैथिली गीतः जनकपुर घुमेबौ काठमांडू घुमेबौ
गीत
- प्रवीण नारायण चौधरी
जनकपुर घुमेबौ काठमांडू घुमेबौ
घुमेबौ हम सारा जहान गै घुमऽवाली
घुमि-घुमि न लागौ घुरमा
गोरी तोहर बड़ घूमय के इच्छा
एतबा नहि ले तूँ हमरो...