गोपाल मोहन मिश्र केर कविता “स्वागत अछि श्रीराम”

गोपाल मोहन मिश्र केर कविता "स्वागत अछि श्रीराम"मानस के ध्वनि कण कण में गुंजित अछि।क्षिति,जल,पावक,गगन,पवन आनन्दित अछि।राम आगमन के सुख सँ आब छलकि उठल...

गोपाल मोहन मिश्रक दू गोट कविता “प्रतीक्षा” आ “दु:खक रस्ता”

गोपाल मोहन मिश्रक दू गोट कविता "प्रतीक्षा" आ "दु:खक रस्ता"प्रतीक्षासूर्योदय सँसूर्यास्त के बीचव्यस्त जीवन के त्रासदी सँ दूरओ सोहनगर नींद के क्षणआसपना के संगमरमर...

गोपाल मोहन मिश्र केर दू गोट कविता *बूढक दर्द़* आ *एकमात्र जवाब*

गोपाल मोहन मिश्र केर दू गोट कविता*बूढक दर्द़* आ *एकमात्र जवाब* बूढक दर्द़ओ अन्हार कोठरी में बैसल-बैसल अचानक फूटि पड़ैत छैथ। ओतय क्यो नहि होईत...

मिथिला मे सूर्यदेवता क महत्व जगजानित अछि

आदिदेव दिनकर दीनानाथ भगवान भास्कर एहि दुनिया में प्रत्यक्ष देवता के रूप में नित्य दिन हमरा सभके भोरे भोर दर्शन दैत छैथि। समस्त दुनिया...

“महामुर्ख”भेलाह नगरप्रमुख साह:महामुर्ख सम्मेलन

जनकपुरधाम,8मार्च 2023,मैथिली जिन्दावाद।।जनकपुरधामक प्रसिद्ध नाट्य संस्था मिथिला नाट्यकला परिषद(मिनाप) विगत २६ वर्ष स' होरीक पूर्व संध्यामेँ "होरी महोत्सव तथा महामुर्ख सम्मेलन"कार्यक्रम करैत आबि रहल...

जनकपुरक लादोबेला समूह भेल प्रथम:मिनापक होरी महोत्सव

जनकपुरधाम,6 मार्च 2023,मैथिली जिन्दावाद । होरी पावनिके अवसरपर मिथिला नाट्यकला परिषद् (मिनाप)  जनकपुरधाममें प्रत्येक वर्ष आयोजना करैत आएल दु दिवसीय होरी महोत्सव आ महामुर्ख...

दिल्ली के एमसीडी चुनाव मे मैथिल पहिचानधारीक स्थिति…….!

दिल्ली देशक राजधानी टा नहि अपितु दिल कहल जाइत छैक। सम्पूर्ण देशक लोक लेल, दिल्लीक आकर्षण अखनो छैक। दिनानुदिन प्रदूषित होइत दिल्ली, स्वास्थ्यक दृष्टिकोण...

दिल्ली के एमसीडी चुनाव मे मैथिल पहिचानधारीक स्थिति…….!

दिल्ली देशक राजधानी टा नहि अपितु दिल कहल जाइत छैक। सम्पूर्ण देशक लोक लेल, दिल्लीक आकर्षण अखनो छैक। दिनानुदिन प्रदूषित होइत दिल्ली, स्वास्थ्यक दृष्टिकोण...

जनकपुरमें छठिक रौनक(तस्वीर)

सामाजिक सद्भाव,अस्थाक पावनि छठिकेँ तेसर दिन अस्ताचलगामी सूर्यदेवके अर्घ द'पूजन कएल जाइत अछि।एम्हर सामाजिक सञ्जालमें सेहो छठिक रौनक सहजे देखल जा'रहल अछि। ...

मिथिलामें दीयाबातिक सिंगार अछि हुक्कालोली

       अक्षय आनन्द सन्नी।22अक्टूबर, 2022।मैथिली जिन्दाबाद!!   दियाबाती मने ओ तिथि जहिया पाहुन श्रीराम वनवाससँ अयोध्या घूरल छलाह आ लोक उल्लासमे घीकेर...